सरयू-गोमती संगम में 27 अप्रैल को होगा मंत्री चंदन राम दास का अंतिम संस्कार

Chandan Ramdas

देहरादून। समाज कल्याण और परिवहन मंत्री चंदन राम दास (Chandan RamDas ) का अंतिम संस्कार बागेश्वर के सरयू-गोमती संगम में 27 अप्रैल (गुरुवार) को राजकीय सम्मान के साथ सुबह 11 बजे किया जायेगा। मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक सहित कई गण्यमान्य लोग अंतिम संस्कार में शामिल हो सकते हैं।

काबीना मंत्री चंदन राम दास (Chandan RamDas ) (65) का बुधवार को दोपहर एक बजे कार्डियक अरेस्ट के कारण आकस्मिक निधन हो गया। चंदन राम दास मंगलवार को देर सायं अपने गृह जनपद पहुंचे थे। बुधवार को उन्हें जिला योजना की बैठक सहित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होना था। बुधवार सुबह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने पर दोपहर करीब 12 बजे के आसपास जिला चिकित्सालय में आईसीयू में भर्ती कराया गया था, लेकिन उनका स्वास्थ्य लगातार गिरने लगा। ब्लड प्रेशर कंट्रोल नहीं होने के कारण कार्डियक अरेस्ट होने पर उन्होंने अंतिम सांस ली।

अस्सी के दशक में बतौर छात्र नेता से शुरू किया था अपना राजनीतिक सफर-

चंदनराम दास ने अपना राजनीतिक सफर अस्सी के दशक में बतौर छात्र नेता से शुरू किया। एमबी डिग्री कालेज हल्द्वानी में बीए प्रथम वर्ष में निर्विरोध संयुक्त सचिव बने। 1980 से राजनीति जीवन की शुरूआत की। इसके उपरांत वह 1997 में नगर पालिका बागेश्वर में निर्दलीय पालिका अध्यक्ष बने। पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी की प्रेरणा से 2006 में भाजपा में शामिल हुए। वह 2007, 2012, 2017 और 2022 में वह लगातार चौथी बार विधायक चुने गए। अपने सौम्य व्यवहार के चलते वह आम जनता के चहेते नेता थे।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने कहा कि चंदन राम दास काफी सरल और सौम्य स्वभाव के थे। उनके असामायिक निधन का समाचार काफी दुखद और पीड़ादायक है। जब वह यमकेश्वर से पहली बार विधायक निर्वाचित होकर आई थी तो चंदन राम दास ने ही उन्हें सदन और विधायकी के काफी गुण सिखाएं। वे युवा विधायकों की काफी मदद किया करते थे। उनका निधन बागेश्वर के साथ साथ पूरे प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है।

स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि चंदन राम दास जन-जन के नेता थे। प्रदेश ने आज एक समर्पित जननेता को खो दिया है। सौम्य व मधुर व्यवहार के धनी चंदन राम दास जी की कमी हमेशा खलती रहेगी। डा. रावत ने बताया कि चंदन रामदास विगत वर्षों से बीमार चल रहे थे। राज्य सरकार ने उन्हें हरसंभव बेहतर उपचार उपलब्ध कराया लेकिन आज अचानक स्वास्थ्य खराब होने से उनका आकस्मिक निधन हो गया।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि चन्दन राम दास (Chandan RamDas ) के आकस्मिक निधन का दुःखद समाचार सुनकर मैं स्तब्ध हूं। उनका सरल स्वभाव हमेशा खलती रहेगी। संयोगवश कल ही एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम के दौरान हम साथ थे। दुःख की इस घड़ी में मैं शोकाकुल परिवार के साथ हूं।

उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास का निधन, सीएम धामी ने जताया शोक

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने अपने समाज कल्याण एवं परिवहन मंत्री चंदन राम दास के आकस्मिक निधन की सूचना पर अपने सभी कार्यक्रम छोड़कर जिला अस्पताल बागेश्वर गए। तत्पश्चात बागेश्वर स्थित उनके आवास पर जाकर शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।

पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि चंदन राम दास के निधन से स्तब्ध हूं। हमने एक लोकप्रिय और कुशल राजनीतिज्ञ और समाज सेवक को खो दिया हूं। इस संकट के लिए खड़ी में परिवार के साथ खड़ा हूं।

हमेशा मुद्दों को लेकर संजीदा रहे हैं : निशंक

पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने चंदन रामदास को याद करते हुए वह अविभाजित यूपी के समय से पार्टी संगठन के लिए साथ में काम करते रहे हैं। वह हमेशा मुद्दों को लेकर संजीदा रहे हैं। उत्तराखंड अलग बनने के बाद अब उन्हें मंत्री के रूप में सेवा करने का मौका मिला तो वह समस्याओं के समाधान के लिए अंतिम समय तक अपना योगदान देते रहे। यह राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है। वह गरीब, दलित और कमजोर वर्ग की समस्याओं के समाधान के लिए हमेशा सक्रिय रहे।