आंध्र प्रदेश-छत्तीसगढ़ बॉर्डर के पास जंगल में सुरक्षाबलों और नक्सलियों (Naxalites) के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में शीर्ष नक्सली कमांडर मादवी हिडमा (Naxalite Commander Hidma) और उसकी पत्नी को गोली लगी और दोनों की मौत हो गई। आंध्र प्रदेश के अल्लूरी जिले और छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षाबलों ने माओवादियों को पकड़ने के लिए सर्च अभियान चलाया था। इसी दौरान नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी।
मादवी हिडमा (Naxalite Commander Hidma) की उम्र 43 वर्ष थी। पिछले दो दशकों से सुरक्षा बलों के लिए वह चुनौती बना हुआ था। वह न सिर्फ PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) की बटालियन नंबर 1 का प्रमुख था, बल्कि सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति का भी सबसे कम उम्र का सदस्य रहा था। उसकी रणनीतिक सोच और जंगलों में गुरिल्ला युद्ध की क्षमता ने उसे संगठन का सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक बना दिया था।
पत्नी भी नक्सल गतिविधियों में शामिल रही
आंध्र प्रदेश की पुलिस और विशेष बलों को लंबे समय से उसकी गतिविधियों के बारे में इनपुट मिल रहे थे। ताजा मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने गुप्त सूचना के आधार पर जंगल में घेरा डालकर ऑपरेशन शुरू किया। जवाबी फायरिंग में हिडमा और उसकी पत्नी मारे गए। उसकी पत्नी भी नक्सली संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी और कई ऑपरेशनों में सक्रिय रही थी।
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि हिडमा की मौत से माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगेगा। वह न सिर्फ प्रमुख रणनीतिकार था, बल्कि दक्षिण बस्तर में संगठन की पकड़ बनाए रखने में उसकी भूमिका सबसे अहम मानी जाती थी। उसकी मौत से माओवादियों का नेटवर्क कमजोर होगा और जंगलों में उनकी गतिविधियों पर लगाम लगाने में आसानी होगी।
