Maha Kumbh 2025: श्रद्धालुओं को होंगे भारत की पुरातन संस्कृति और वैभव के दर्शन

Prayagraj Museum

प्रयागराज। महाकुंभ-2025 (Maha Kumbh) में जब श्रद्धालु आएंगे तो उन्हें भारत की संस्कृति और वैभव के दर्शन भी होंगे। योगी सरकार के सहयोग से इलाहाबाद/प्रयागराज संग्रहालय (Prayagraj Museum) भव्य प्रदर्शनी लगाएगा। महाकुंभ में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बनने जा रहे विश्व के सबसे बड़े युगे-युगीन संग्रहालय का ट्रेलर देखने को मिलेगा।

लघु और आधुनिक चित्र कला का समृद्ध संग्रह (Prayagraj Museum) 

देश के चार राष्ट्रीय संग्रहालयों (Prayagraj Museum) में एक प्रयागराज में स्थित है। संग्रहालय में विविध प्रकार के संग्रह हैं, जिनमें यथा मूर्तिशिल्प, मृण्मूर्ति, लघुचित्र कला, आधुनिक चित्र कला, पुरातात्विक वस्तु, मुद्राएं, अस्त्र-शस्त्र, वस्त्र, पाण्डुलिपि, फरमान आदि हैं। मूर्ति कला संग्रह में अशोक स्तम्भ शीर्ष (तीसरी सदी ई. पूर्व) 58 भरहुत स्तूप के (दूसरी सदी ई.पू.) कला शिल्प, जिसमें जातक कथाओं के दृश्य हैं, स्तम्भ, बड़ेर, तोरण पूर्व कला शिल्प वीथिका में प्रदर्शित हैं। मध्य कालीन मूर्ति शिल्प अनुभाग में वैष्णव, शाक्त, शैव और जैन मूर्तियां हैं। लघु चित्र कला और आधुनिक चित्र कला का समृद्ध संग्रह है।

डिजिटल प्रदर्शनी में नजर आएगा इतिहास

इलाहाबाद/प्रयागराज संग्रहालय (Prayagraj Museum) के डिप्टी क्यूरेटर डॉ. राजेश मिश्रा ने बताया कि महाकुंभ- 2025 में प्रदर्शनी के लिए संग्रहालय को योगी सरकार की ओर से स्थान उपलब्ध कराया जा रहा है। महाकुंभ में संग्रहालय की ओर से डिजिटल प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जिसमें इतिहास से जुड़ी वस्तुओं का प्रदर्शन होगा। एक अमृत कलश भी बनाया जाएगा।

प्रदर्शित की जाएंगी मूर्तियों की रेप्लिका

डॉ. मिश्रा ने बताया कि दिल्ली में बनने जा रहे युगे-युगीन संग्रहालय (Prayagraj Museum) का ट्रेलर महाकुंभ में दिखाया जा सकता है, इसकी कार्ययोजना तैयार की जा रही है। महाकुंभ में इलाहाबाद/प्रयागराज संग्रहालय में रखीं मूर्तियों के रेप्लिका को प्रदर्शित किया जाएगा। वर्ष 2019 के कुंभ में मोहिनी की मूर्ति श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रही थी और उसे संग्रहालय ने सेल्फी प्वाइंट बनाया था।

स्थान को लेकर हो रही चर्चा

प्रयागराज में युद्धस्तर पर चल रही महाकुंभ की तैयारी के बीच इलाहाबाद/प्रयागराज संग्रहालय (Prayagraj Museum) की ओर से व्यापक स्तर पर तैयारी की जा रही है। संग्रहालय और मेला प्राधिकरण के बीच स्थान को लेकर बैठकों का दौर जारी है। योगी सरकार की कोशिश है कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को भारत की कला, संस्कृति और वैभव के दर्शन हों।

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