लखनऊ। मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूरा हो गया। इस दौरान प्रदेश सरकार में सबसे भारी-भरकम दो विभागों के मंत्रालय संभाल रहे एके शर्मा (AK Sharma) ने मानिंटरिंग के लिए टेक्नालाजी पर विशेष जोर दिया। नगर विकास विभाग में उनके कामों का असर भी दिखा और पहले की अपेक्षा सफाई ज्यादा दिख रही है। वहीं ऊर्जा विभाग में यह चर्चा है कि पूरा वर्ष एक उच्चाधिकारी से अंतर्कलह में ही ज्यादा समय गुजर गया। हालांकि ऊर्जा विभाग में भी बिजली निर्बाध आपूर्ति बनाने और चोरी रोकने के बहुत सारे काम किये। इसका प्रतिफल भी दिखने लगा है।
वर्तमान सरकार के गठन के साथ ही 1988 बैच के गुजरात कॉडर के आईएएस अधिकारी रहे ए.के. शर्मा (AK Sharma) को योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण कराई गई। ऊर्जा और नगर विकास दोनों सीधे जनता से जुड़े हुए विभाग हैं। इसके साथ ही इनके कर्मियों की लालफीताशाही से सूबे का हर नागरिक भली भांति परिचित है। लोगों की समस्याओं का निदान समय से हो सके, इसके लिए उन्होंने संभव पोर्टल लांच किया और सभी कामों की निगरानी स्वयं भी शुरु कर दी। इसका असर बहुत हद तक दिखने लगा है।
ए.के. शर्मा (AK Sharma) ने नगर विकास विभाग एवं ऊर्जा विभाग को जनता के लिए समर्पित करते हुए विभागीय अधिकारियों, कर्मियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि जनता को बेवजह कोई परेशान न करें। इसके साथ ही उन्होंने लोगों की समस्याओं का तय समय पर अपने स्तर पर निस्तारण न करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है।
नगर विकास विभाग में उनके अब तक के कार्यों पर नजर डालें तो सुबह 5 से 8 बजे तक नगरों में सफाई करने का निर्देश दिया गया। इसकी मानिटरिंग खुद भी मंत्री (AK Sharma) ने करना शुरू किया। नगर व महानगर की फोटो मंगायी जाती है। इसका असर यह रहा कि अधिकारी भी सुबह से ही सड़कों पर दिखने लगे। वहीं कर्मचारियों एवं अधिकारियों को मौके पर रहकर मशीनों का उपयोग करके सफाई कराने का निर्देश जारी किया गया।
यूपी के इतिहास में पहली बार व्यवसायिक क्षेत्रों में दिन में कई बार सफाई, सड़कों की मशीनों द्वारा सफाई तथा उनकी धुलाई शुरू कराई गई। गर्मी के दिनों में राज्य के नगरीय क्षेत्रों में पर्याप्त जल आपूर्ति पर ध्यान देने के साथ ही बरसात के दिनों में जल जमाव ना हो इसपर विशेष ध्यान दिया गया। नगरों की स्वच्छता के लिए 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक विशेष नगर स्वच्छता अभियान चलाया गया। एक से 15 नवंबर तक नगर सेवा पखवाड़ा अभियान चलाया गया। 16 से 30 नवंबर तक नगर सेवा अभियान चलाया गया। 75 घंटे, 75 जिले, 750 निकाय स्वच्छता अभियान चलाया गया।
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वहीं ऊर्जा विभाग में गर्मी के दिनों में बढ़ी बिजली की मांग की पूर्ति के लिए पॉवर प्लांट्स, विद्युत उपकेन्द्रों एवं कार्यालयों का रातों और दिनों में खुद जाकर निरीक्षण किया गया, लेकिन इसके बावजूद इस वर्ष लोगों को बिजली कटौती की मार झेलनी पड़ी। पॉवर प्लांट्स को अधिकतम पीएलएफ पर चलवाया गया। भारत सरकार से संपर्क करके अधिक कोयला मंगवाया गया। विद्युत समाधान सप्ताह में लाखों शिकायतों का निस्तारण कराया। शिकायतों के निस्तारण के लिए 1912 टोल फ्री नंबर पर काम करने वाले कर्मियों की संख्या को एक सप्ताह में दुगुना कराया गया। ऐसी चर्चा है कि ऊर्जा विभाग में एक उच्चाधिकारी के कारण वहां मंत्री के कामों में भी बांधा पहुंचती है।