कूड़े से होगी कमाई, साफ सुथरे होंगे यूपी के शहर

waste management

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को स्वच्छ प्रदेश बनाने में जुटी योगी सरकार ने GBC 4.0 के माध्यम से अपशिष्ट प्रबंधन (Waste Management) के क्षेत्र में कई परियोजनाओं का शुभारंभ किया है, जिससे शहरों की सूरत बदलने की उम्मीद को बल मिला है। इन परियोजनाओं की शुरुआत से कूड़ा भी कमाई का साधन बन जाएगा, जबकि प्रदेश के शहरी क्षेत्र साफ-सुथरे और स्वच्छ नजर आएंगे। नगर विकास विभाग के माध्यम से कई ऐसे प्रोजेक्ट्स को 19 फरवरी को पीएम मोदी और सीएम योगी ने धरातल पर उतारा है। ये सभी प्रोजेक्ट्स वेस्ट टू एनर्जी, वेस्ट टू चारकोल, वेस्ट टू कोल, डोर टू डोर कलेक्शन और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट से संबंधित हैं। उल्लेखनीय है कि नगर विकास विभाग ने जीबीसी के तहत कुल 28,421 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स को धरातल पर उतारा है। इसमें 6539 करोड़ के प्रोजेक्ट्स एमओयू के तहत, जबकि 21,882 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स नॉन एमओयू के माध्यम से उतारे जा रहे हैं।

नगर विकास की 24 परियोजनाओं का हुआ शुभारंभ

प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात (Amrit Abhijat) ने बताया कि GIS 2023 में नगर विकास विभाग द्वारा 176500 करोड़ की धनराशि के कुल 188 एमओयू किए गए थे। इनमें विभाग को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए 50,000 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें ग्राउंड ब्रेकिंग के माध्यम से पीएम नरेंद्र मोदी के कर कमलों से और सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में 28,421 करोड़ रुपए की कुल 24 परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ है। इन परियोजनाओं में एमओयू और नॉन एमओयू वाले प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। इन परियोजनाओं में अपशिष्ट प्रबंधन (Waste Management) को लेकर भी कई परियोजनाओं की शुरुआत हुई है, जो उत्तर प्रदेश में अपशिष्ट प्रबंधन में बहुत बड़ा बदलाव लाने में महत्वपूर्ण साबित होंगे। इसके साथ ही सोलर रूपटॉप, ईवी और इंडस्ट्रियल यूनिट्स को लेकर भी परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ है, जिसके माध्यम से न सिर्फ प्रदेश का विकास होगा बल्कि अर्थव्यवस्था और रोजगार में भी वृद्धि होगी।

साकार होगा स्वच्छ उत्तर प्रदेश का सपना

नगर निवास विभाग द्वारा कुछ दिन पूर्व ही एनवीवीएन एनटीपीसी के साथ 10500 करोड़ रुपए की धनराशि का वेस्ट टू चारकोल प्लांट्स (Waste to Charcoal Plants) प्रदेश में अनेक जगह स्थापित किए जाने के लिए एमओयू किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत इस परियोजना का शुभारंभ हुआ है। इसके अतिरिक्त स्वच्छ भारत मिशन के तहत ही एवर एनविरो द्वारा 6675 करोड़ रुपए की एक परियोजना का भी शुभारंभ हुआ है, जिसके तहत लखनऊ, गाजियाबाद, गोरखपुर, प्रयागराज और नोएडा में वेस्ट टू एनर्जी/बायोगैस परियोजना धरातल पर उतर रही है।

लखनऊ में डोर टू डोर कलेक्शन के लिए आरई सस्टेनेबिलिटी लि. द्वारा 3000 करोड़ रुपए की परियोजना शुरू की जा रही है, जबकि 800 करोड़ रुपए से अलीगढ़ में इक्रोटोस रिसाइकिलिंग द्वारा वेस्ट टू एनर्जी परियोजना शुरू हो रही है। इसके अतिरिक्त जीसी इंटरनेशनल द्वारा 1480 करोड़ से मुजफ्फरनगर में वेस्ट टू एनर्जी, 1360 करोड़ से सीयूपीजीएल द्वारा कानपुर में 1300 एमटी कैपेसिटी प्रतिदिन का प्रॉसेसिंग प्लांट, स्पाक ब्रेसन द्वारा 1037 करोड़ रुपए से आगरा में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट और एनवीवीएनएल द्वारा वाराणसी, गोरखपुर में 770 करोड़ रुपए से वेस्ट टू चारकोल परियोजना का शुभारंभ किया गया है।

जेबीएम ग्रुप गौशालाओं के वेस्ट से बनाएगा सीएनजी

वहीं, 400 करोड़ से लखनऊ में जेबीएम ग्रुप द्वारा वेस्ट टू एनर्जी/बायोगैस परियोजना का शुभारंभ हुआ है। इसके तहत गौशालाओं के वेस्ट से बायो सीएनजी का उत्पादन होगा। इसके साथ ही विंध्य ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशंस प्रा. लि. ने भी मीरजापुर में 23.8 करोड़ से बायो सीएनजी प्लांट की स्थापना का शुभारंभ किया है। इनके अलावा, श्रीजन ट्रेडर्स कुशीनगर में 6.9 करोड़ से, गिरवर सन मुजफ्फरनगर में 23 करोड़ से, एवी बायोमेडिकल महाराजगंज में 4.05 करोड़ से और सोरावी एसोसिएट सीतापुर में 7 करोड़ से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का शुभारंभ कर रहा है।

यूनिवर्सल बायो कोल इंडस्ट्रीज ने अलीगढ़ में 49 करोड़ की लागत से वेस्ट टू कोल परियोजना की शुरुआत कर रहा है। वेस्ट मैनेजमेंट के अलावा नगर विकास विभाग ने कुछ और महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शुभारंभ किया है। इसमें एचडीएफसी 225 करोड़ रुपए से पूरे प्रदेश में बैंक ब्रांचेस खोलने जा रहा है।

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वहीं मोदी इंटरनेशनल सब्सीडियरीज ऑफ मोदी होल्डिंग 2000 करोड़ से पूरे प्रदेश में इंडस्ट्रियल यूनिट की स्थापना कर रहा है। वहीं, एनवीवीएनएल 40 करोड़ से गोरखपुर में सोलर रूफटॉप तो ईटीओ मोटर्स प्रा. लि. लखनऊ और वाराणसी में 20 करोड़ से इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर पैसेंजर ऑटो प्लांट की शुरुआत कर रहा है।