बिजली की उपलब्धता बढ़ाने का हर सम्भव किया जा रहा प्रयास: एके शर्मा

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लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने बताया कि वर्तमान में गर्मी बढ़़ने तथा तीस्ता बेसिन, सिक्किम में आई बाढ़ के कारण तथा केन्द्रीय सेक्टर से विद्युत उपलब्धता कम होने के साथ राज्य विद्युत उत्पादन निगम की परियोजनाओं की यूनिटों की वार्षिक मरम्मत के कारण बन्द होने से प्रदेश में विद्युत मंाग और उपलब्धता में लगभग 03 हजार मेगावाट का अन्तर आया है। उन्होंने (AK Sharma) बताया कि इसके कारण विगत 09 अक्टूबर एवं 10 अक्टूबर को ग्रामीण क्षेत्रों में 03 से 04 घण्टे की विद्युत कटौती की गयी है। विद्युत की उपलब्धता बढ़ाने के लिये हर सम्भव कोशिश की जा रही है। आज से विद्युत आपूर्ति में सुधार होकर ग्रामीण क्षेत्रों में 16 घण्टे विद्युत आपूर्ति प्रारम्भ हो जायेगी। इस प्रकार विद्युत आपूर्ति में सुधार होकर आगामी 18 अक्टूबर तक स्थिति सामान्य होने की पूर्ण सम्भावना है।

उन्होंने (AK Sharma) बताया कि 01 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक वर्ष 2022 में औसतन मांग 15133 मे0वा0 थी, जबकि इस समय 2023 में यह बढ़कर 20042 मे0वा0 पहुॅच गयी है। उन्होंने उपभोक्ताओं से भी बिजली के अनावश्यक उपयोग पर संयम बरतने की अपील है। कहा है कि ऊर्जा विभाग का पूर्ण प्रयास है कि वर्तमान संकट में जल्द से जल्द सुधार हो और लोगों को विद्युत कटौती का कम से कम सामना करना पड़े। प्रदेश में निर्धारित शिड्यूल के अनुरूप सभी क्षेत्रों को विद्युत आपूर्ति दी जायेगी।

उन्होंने (AK Sharma)  कहा कि आज पीक आवर में विद्युत की मांग 21668 मेगावाट के मुकाबले विद्युत उपलब्धता 18995 मेगावाट है। 12 अक्टूबर को विद्युत उपलब्धता बढ़़कर 19472,  13 अक्टूबर को 19971, 14 अक्टूबर को 20056, 15 अक्टूबर को 20108, 16 अक्टूबर को 20190, 17 अक्टूबर को 20210 तथा 18 अक्टूबर को 20220 तक पहुॅच जायेगी।

एके शर्मा ने विद्युत व्यवस्था के सुधार कार्यों में तेजी लाने के दिए निर्देश

ऊर्जा मंत्री (AK Sharma)  ने बताया कि बाढ़ के कारण तीन केन्द्रीय परियोजनाये तीस्ता जल विद्युत परियोजना (1200 मे0वा0), एनएचपीसी तीस्ता-वी की 510 मे0वा0 तथा 100 मे0वा0 की दिक्चू परियोजना में उत्पादन ठप्प है। हर साल अक्टूबर में बिजली उत्पादन ईकाईयों की मरम्मत की जाती है। इस मरम्मत के कारण 1968 मेगावाट तथा 1340 मे0वा0 क्षमता की विद्युत ईकाइयॉ तकनीकी कारणों से तथा केन्द्रीय सेक्टर की बन्द ईकाइयों से प्रदेश को विद्युत नहीं प्राप्त हो रही है। कोयले की गुणवत्ता की कमी के कारण भी 1300 मे0वा0 का विद्युत उत्पादन प्रभावित हुआ है।

उन्होंने (AK Sharma)  कहा कि इस समय केन्द्रीय सेक्टर की जो परियोजनाएं वार्षिक अनुरक्षण के कारण बन्द है, उसमें टीआरएन एनर्जी (390) मे0वा0 ससान (660) सिंगरौली (500) केएसके (600) मेजा (660) टांडा 2 (660) मे0वा0 परियोजनाएं शामिल है। फोर्स आउटेज के कारण जो यूनिटंे उत्पादन नही कर रही है। उसमें बारा (660), उॅचाहार (500), हरदुआगंज (105), रोजा (300) तथा तीस्ता (200) शामिल हैं।