योगी सरकार ने कैबिनेट में 6 डेयरी प्लांट को लीज पर देने का लिया फैसला

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लखनऊ। योगी सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट (Yogi Cabinet) में प्रदेश के 6 डेयरी प्लांट (Dairy Plants) को 10 वर्षों के लिए लीज पर देने का अहम फैसला लिया है। इससे जहां प्रदेश के पशुपालकों को दुध का उचित मूल्य मिलेगा, वहीं आम जनमानस को गुणवत्तायुक्त दुध उपलब्ध होगा। योगी सरकार ने जिन 6 डेयरी प्लांट (Dairy Plants) को लीज पर देने का निर्णय लिया है उनमें से कुछ प्लांट पूरी तरह से ठप हैं या फिर कुछ प्लांट्स क्षमता के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं। योगी सरकार के इस फैसले से पीसीडीएफ का सुदृढ़ीकरण होने के साथ डेयरी फेडरेशन, अर्धसरकारी दुग्ध प्रसंस्करण एवं विपणन संस्थान और दुग्ध संघों को बढ़ावा मिलेगा।

प्लांट्स (Dairy Plants) पर पीसीडीएफ और दुग्ध संघों का ही रहेगा स्वामित्व

योगी सरकार ने कैबिनेट में गोरखपुर, कानपुर, नोएडा, प्रयागराज, आजमगढ़ और मुरादाबाद डेयरी प्लांट (Dairy Plants) को लीज पर देने का निर्णय लिया है। इन प्लांट को लीज पर भले ही दिया जा रहा है, लेकिन इनका स्वामित्व पीसीडीएफ और दुग्ध संघों का ही होगा। लीज फर्म को केवल इनके प्रबंधन और संचालन के लिए ही दिया जाएगा। लीज फर्म प्लांट की मूल संरचना के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकेंगी। बता दें कि वर्तमान में गोरखपुर प्लांट का वार्षिक टर्नओवर 110 करोड़, कानपुर का 325 करोड़, नाेएडा का 438 करोड़, प्रयागराज का 65 करोड़, आजमगढ़ का 11 करोड़ और मुरादाबाद का 110 करोड़ है।

ऐसे में रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) के अनुसार आवेदन करने वाले फर्मों की न्यूनतम मिल्क हैंडलिंग कैपेसिटी, लीज पर दिये जाने वाले प्लांट्स की क्षमता का 50 प्रतिशत होना अनिवार्य है। वहीं प्रथम तीन वर्षों में वार्षिक लीज रेंट समान रहेगा जबकि चौथे वर्ष से लीज रेंट में सामान्य से 5.50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की जाएगी। मालूम हो कि वर्तमान में गोरखपुर का वार्षिक लीज रेंट 4.38 करोड़, कानुपर का 13.56 करोड़, नोएडा का 17.89 करोड़, प्रयागराज का 2.63 करोड़, आजमगढ़ का 44 लाख और मुरादाबाद का 4.38 करोड़ है। ऐसे में विभाग को कुल 43.28 करोड़ की धनराशि रिजर्व वार्षिक लीज रेंट के रूप में प्राप्त होगी।

दुग्ध संघों को नहीं किया जाएगा भंग

इन प्लांट (Dairy Plants) को लीज पर लेने के लिए बनास डेयरी गुजरात, साबर डेयरी गुजरात, मदर डेयरी नई दिल्ली और काम्फेड सुधा डेयरी बिहार ने अपनी रुचि दिखायी है। कैबिनेट के निर्णय के अनुसार डेयरी प्लांट को जहां है जैसा है के आधार पर दिया जाएगा। प्लांट को लीज पर लेने वाली फर्मों को सबसे पहले क्षेत्र सहकारी दुग्ध समितियों से दुध लेने होगा। साथ ही इन डेयरी प्लांट (Dairy Plants) से संबंधित दुग्ध संघाें को भंग नहीं किया जाएगा, वह यथावत कार्य करेंगी। इन प्लांट्स को लीज पर देने से पहले विभाग की ओर से इनके कर्ज को शून्य किया जाएगा।

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वहीं इन डेयरी में काम करने वाले पीसीडीएफ के कर्मचारियों को अन्य दुग्ध संघों एवं पीसीडीएफ इकाइयों में समायोजित किया जाएगा। आरएफपी प्रकाशित किए जाने की तिथि से 84 दिनों के अंदर लीज प्रक्रिया को पूरा कर प्लांट का संचालन करना होगा। वहीं लीज फर्म द्वारा एक वर्ष से कम समय में प्लांट का संचालन समाप्त किया जाएगा तो सिक्योरिटी मनी को जब्त कर लिया जाएगा।