प्रदेश में 3 स्वचालित परीक्षण स्टेशन स्थापित कर सकेगा एक आवेदक

automated testing stations

लखनऊ। वाहनों (Vehciles) के तकनीकी स्वास्थ्य की जांच के लिए योगी कैबिनेट (Yogi Government) ने हाल ही में स्वचालित परीक्षण स्टेशन (Automated Testing Stations) के लिए नई नीति को स्वीकृति दी है। अब सरकार की ओर से नीति के अंतर्गत निजी स्वचालित परीक्षण स्टेशन स्थापित करने के लिए पात्र आवेदकों के निर्धारण से संबंधित नियमावली भी जारी कर दी है। इसके अनुसार, किसी आवेदक को उनके द्वारा वर्तमान में संचालित एटीएस (Automated Testing Stations)को सम्मिलित करते हुए प्रदेश में अधिकतम 03 स्टेशन ही आवंटित किए जाएंगे। किसी एक आवेदक को एक जनपद में एक ही स्टेशन स्थापित करने की अनुमति होगी। किसी एक जनपद में अधिकतम 03 स्टेशन ही स्थापित किए जा सकेंगे। फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व की नीति के अनुसार एटीएस आवंटित किए जाएंगे।

21 दिन बाद पोर्टल पर कर सकेंगे आवेदन

जारी नियमावली के अनुसार, पोर्टल इस नीति के अधिसूचित होने की तिथि से 21 दिन के बाद सभी पात्र इच्छुक आवेदक नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम पोर्टल https://www.nsws.gov.in पर आवेदन के लिए पात्र होंगे। केवल आवेदन ही आवेदक को एटीएस (Automated Testing Stations) आवंटित किए जाने का आधार नहीं होगा, बल्कि फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व के अनुसार अर्हताओं के परीक्षण के बाद योग्य पाए जाने की स्थिति में संबंधित जनपद में अधिकतम 03 आवेदकों को प्रारंभिक रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा।

यदि प्रथम तीन आवेदकों में से कोई आवेदक परीक्षण के बाद योग्य नहीं पाया जाता है तो फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व के क्रम के अनुसार अगले आवेदक के आवेदन पर विचार कर पात्र आवेदक का निर्णय लिया जाएगा। एटीएस के रजिस्ट्रेशन के लिए केंद्रीय मोटरयान नियमावली के तहत प्रारंभिक रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र तथा रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र जारी करने व रिन्यूअल के लिए रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश होंगे।

कम से कम 2 लेन के होंगे एटीएस (Automated Testing Stations)

प्रत्येक जनपद में नए स्थापित होने वाले स्वचालित परीक्षण स्टेशन (Automated Testing Stations) न्यूनतम 02 लेन के होंगे जिसमें एक लेन तिपहिया / हल्के वाहनों एवं दूसरी लेन मध्यम/ भारी वाहनों के लिए होगी तथा ऐसे स्वचालित परीक्षण स्टेशन की स्थापना के लिए न्यूनतम 02 एकड़ भूमि अनिवार्य होगी। यदि कोई आवेदक 02 से अधिक लेन के स्वचालित परीक्षण स्टेशन की स्थापना करने का इच्छुक है तो उसे न्यूनतम 02 एकड़ के अतिरिक्त 0.5 (आधा) एकड़ प्रति लेन अतिरिक्त भूमि की अनिवार्यता होगी।

आवेदक अपनी इच्छानुसार दो पहिया लेन की भी स्थापना कर सकते हैं। नए स्थापित होने वाले स्वचालित परीक्षण स्टेशन की भूमि संबंधित जनपद में ही राष्ट्रीय राजमार्ग अथवा राज्य राजमार्ग अथवा प्रमुख जिला मार्ग पर स्थित होगी। भूमि के ऊपर हाईटेंशन पॉवर लाइन नहीं होगी।

आवेदन के साथ प्रस्तुत करनी होगा भूमि की डिटेल

स्वचालित परीक्षण स्टेशन की स्थापना के लिए आवेदन के समय आवेदक को निर्धारित भूमि के स्वामित्व का प्रमाण अभिलेख के साथ प्रस्तुत करना होगा। यदि आवेदक के पास निर्धारित भूमि का स्वामित्व उपलब्ध नहीं है तथा वह भूमि पट्टे या भाड़े पर लेने का इच्छुक है तो उसे उस भूमि को न्यूनतम 10 वर्ष की अवधि के लिए भाड़े/पट्टे पर दिए जाने से संबंधित 100 रुपए के ज्यूडिशियत स्टाम्प पेपर पर भूमि स्वामी का नोटराइज्ड सहमति पत्र तथा भूमि के स्वामित्व का प्रमाणीकृत दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा।

स्वचालित परीक्षण स्टेशन के परिसर में वाहनों के प्रवेश एवं निकास हेतु अलग अलग द्वार होंगे, ताकि वाहनों का आवागमन बाधित ना हो। परिसर तक पहुंच मार्ग की चौड़ाई न्यूनतम 07 मीटर होनी चाहिए। स्वचालित परीक्षण स्टेशन में प्रवेश व निकास के समय वाहन की एंट्री दर्ज की जाएगी, जिससे यह ज्ञात हो सके कि वाहन कितने समय तक केंद्र में रहे।

न्यूनतम 3 करोड़ होनी चाहिए आवेदक की नेट वर्थ

एक स्टेशन के लिए आवेदक की नेट वर्थ न्यूनतम 03 करोड़ तथा एक से अधिक स्वचालित परीक्षण स्टेशन हेतु आवेदक की नेट वर्थ न्यूनतम 07 करोड़ रुपए होगी। आवेदन करने वाले व्यक्ति या फर्म/संस्था के एमडी/सीईओ/समस्त पार्टनर्स इस आशय का शपथ-पत्र प्रस्तुत करेंगे कि उन्हें पिछले तीन वित्तीय वर्ष में किसी राज्य सरकार द्वारा अपात्र/प्रतिबंधित/ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया है।

चयनित आवेदक द्वारा प्रारंभिक रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र निर्गत होने की तिथि से 02 माह तक स्टेशन निर्माण के संदर्भ में कार्य शुरू न किए जाने की स्थिति में 5000 रुपए प्रति माह पेनाल्टी देय होगी। 04 माह तक कार्य प्रारंभ न किए जाने की स्थिति में प्रारंभिक रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र स्वतः निरस्त माना जाएगा।