सर्वेयर्स की विस्तृत टीम प्रदेश में ‘ई-पड़ताल’ को उतारेगी धरातल पर

E-investigation

लखनऊ। देश के ‘फूड बास्केट’ के तौर पर प्रसिद्ध उत्तर प्रदेश राज्य में कृषि उत्पादन के साथ ही अन्नदाता किसानों की समृद्धि, आय व बाजारों तक उत्पादों की पहुंच बढ़ाने के लिए विभिन्न तरह की योजनाओं पर कार्य हो रहा है। इसी क्रम में योगी सरकार फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने और उन तक सरकारी अनुदान, योजनाएं व स्कीमों का लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार की एग्रीस्टैक योजना के अंतर्गत डिजिटल क्रॉप सर्वे ‘ई-पड़ताल’ (e-investigation) की शुरुआत करने जा रही है। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप, मौजूदा खरीफ सीजन में न केवल इस डिजिटल सर्वे के माध्यम से फसलों के निरीक्षण प्रक्रिया की शुरुआत का रास्ता साफ हो गया है, बल्कि रबी-जैद समेत प्रदेश में अन्य डिजिटल क्रॉप सर्वे को लेकर रोडमैप का निर्धारण हो चुका है। इतना ही नहीं, इस कार्य को अंजाम देने के लिए कमेटियों के गठन के अतिरिक्त सर्वेयर्स की विस्तृत टीम के निर्धारण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ई पड़ताल (e-investigation) सर्वे को सफलतापूर्वक करवाने के उद्देश्य से स्टेट मास्टर, जिला मास्टर व तहसील मास्टर ट्रेनर्स, सर्वेयर्स और वेरिफायर्स के निर्धारण के लिए विस्तृत कार्ययोजना पर कार्य हो रहा है।

सर्वेयर्स की फौज उतारेगी परियोजना को धरातल पर

इस सर्वे को अंजाम देने के लिए असिस्टेंट कमिश्नर स्तर के 12 स्टेट मास्टर ट्रेनर्स का निर्धारण कर उन्हें ट्रेनिंग देने की प्रक्रिया को पूरा भी कर लिया गया है। वहीं, 192 एएसओ, ईडीएम, एसडीओ व अन्य सीनियर अधिकारियों की टुकड़ी जिला मास्टर ट्रेनर्स की तरह काम करेगी। तहसील स्तर के कुल 700मास्टर ट्रेनर्स सर्वे ट्रेनिंग प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए चिह्नित किए जाएंगे।

वहीं, ग्राउंड जीरो पर उतरकर सर्वे को अंजाम देने के लिए 11,513 सर्वेयर्स के तौर पर लेखपाल, पंचायत सहायक और कृषक मित्रों के निर्धारण की प्रक्रिया जारी है। इसमें से 7701 के निर्धारण की प्रक्रिया जारी है, वहीं 3812 सर्वेयर्स का निर्धारण अगले चरण में होगा। वहीं, 576 रेवेन्यू इंस्पेक्टर्स को बतौर सुपरवाइजर्स और नायब तहसीलदार स्तर के 576 अधिकारी बतौर वेरिफायर्स ई-पड़ताल (e-investigation) सर्वे में अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगे।

डाटा समावेशन में मिलेगी मदद

इस विशिष्ट सर्वे का उद्देश्य राज्य में फसलों से संबंधित डाटा की वास्तविकता का निर्धारण कर एक एकल, सत्यापित स्रोत के रूप में कार्य करते हुए ऐसे इको-सिस्टम व डाटाबेस को विकसित करना है जिससे जरूरत पड़ने पर विभाग आंकड़ों के जरिए रियल टाइम में स्थितियों का आंकलन कर कार्रवाई को अंजाम देने में सक्षम होगा। इस सर्वे में प्रदेश के 75 जिलों के 350 तहसीलों में 31002 लेखपाल के अधीन क्षेत्रों के 35983 ई पड़ताल (e-investigation) क्लस्टर्स के डाटा को समावेशित किया जाएगा। इसमें प्रत्येक क्लस्टर्स में फसलों की स्थिति, उनकी तस्वीरों और अन्य संबंधित आंकड़ों का संकलन किया जाएगा।

10 अगस्त से 25 सितंबर के मध्य होगा सर्वे

सर्वे में फसलों से जुड़े आंकड़ों के संकलन के पूरा हो जाने पर यह डाटाबेस के तौर पर उनकी स्थिति का एक विस्तृत ब्योरा पेश करने में सक्षम होगा। इसके आधार पर विभागों द्वारा किसानों को योजनाओं का लाभ पहुंचाने, फसलों के मूल्य के निर्धारण में मदद समेत कई महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी मिल सकेगी।

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फिलहाल, प्रदेश में खरीफ सीजन की शुरुआत 15 जून से हो चुकी है, ऐसे में खरीफ सीजन के लिए सर्वे की तैयारी शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि 10 अगस्त से 25 सितंबर के मध्य खरीफ सीजन में सर्वे को पूर्ण किया जाएगा।