चुनावी परीक्षा में धामी पर ही मोदी का भरोसा

CM Dhami

देहरादून। लोकसभा चुनाव की घनघोर तैयारी में जुट गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) से ही सबसे बड़ी आस है। यही वजह है कि वंदे भारत रेल के उद्घाटन के मौके पर वह धामी को पूरे नंबर दे गए हैं।

धामी और उनकी सरकार की भरपूर तारीफ के मायने साफ हैं। लोकसभा  चुनाव के लिए उत्तराखंड में भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी का पूरा भरोसा मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) पर है। मगर महत्वपूर्ण बात इससे आगे की साबित होगी। मोदी और भाजपा हाईकमान को लोकसभा  की पांचों सीटों से कम पर कुछ मंजूर नहीं है। इसलिए पांचों सीटें जिताकर भाजपा की झोली में डालना धामी के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगा।

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद प्रदेश में राज करने के मामले में भाजपा अब कांग्रेस से आगे निकल गई है। राज्य गठन के बाद भाजपा हाईकमान ने जिस तरह से चुनाव हारने के बावजूद धामी (CM Dhami) को मुख्यमंत्री  बनाया, उसका उदाहरण पहले कभी नहीं मिलता। ये भी सच्चाई है कि धामी के मुख्यमंत्री (CM Dhami) रहते हुए भाजपा ने सत्ता में वापसी की है। सत्तारूढ़ दल की सत्ता में वापसी का उदाहरण भी पहले कभी नहीं दिखा था। इन स्थितियों के बीच, अपने साल भर के कार्यकाल में तमाम चुनौतियों से धामी रूबरू हुए हैं। मगर हाईकमान का उन पर पूरा भरोसा कायम है। अगले साल लोकसभा  चुनाव की हैं और भाजपा हाईकमान इसमें 05-0 का स्कोर ही रखना चाहेगा। वर्ष 2019 और इससे पहले वर्ष 2014 के चुनाव में भी भाजपा ने पांचों सीटों पर कमल खिलाया था। वैसे, उत्तराखंड के सियासी इतिहास में ज्यादातर चुनाव में एकतरफा मामला ही नजर आया है। या तो भाजपा के पक्ष में या एकदम खिलाफ। वर्ष 2009 के चुनाव में मतदाताओं ने सत्तारूढ़ भाजपा को शून्य कर दिया था और पांचों सीटें कांग्रेस के हाथ लगी थीं। वर्ष 2004 का चुनाव के नतीजे जरूर बिखरे-बिखरे रहे थे, जिसमें तीन सीटें भाजपा ने जीती थीं, जबकि एक-एक सीट कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के हिस्से में गई थी।

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भाजपा हाईकमान को लगता है कि जिस तरह से केंद्र सरकारने काम किया है और जिस तरह की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  की लोकप्रियता है, उसमें यदि किन्हीं कारणों से एक भी सीट कम रहती है, तो यह भाजपा के लिए झटका होगी। इसलिए, मुख्यमंत्री धामी (CM Dhami) से चुनावी किला फतह करने के लिए भाजपा हाईकमान कमर कस कर जुट जाने की अपेक्षा कर रहा है। अपेक्षाकृत कम अनुभवी होने के बावजूद धामी से भाजपा हाईकमान अच्छे परिणामों की उम्मीदें लगाए बैठा है।

धामी (CM Dhami) के अभी तक के कार्यकाल में यही नजर आया है कि वह सत्ता की रपटीली डगर पर संभल-संभलकर कदम आगे बढ़ा रहे हैं। लोकसभा  चुनाव में पांचोें सीटें जिताने के दबाव से वह किस तरह से पार पाते हैं, ये देखने वाली बात होगी। हालांकि चाहे मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी हों या फिर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, दोनों का ही दावा है कि लोकसभाचुनाव में भाजपा पांचों सीटों पर विजय पताका फहराएगी।