Chardham Yatra: श्रद्धालुओं की संख्या पहुंची 12 लाख के पार

Kedarnath Dham

रुद्रप्रयाग। कोरोना काल को पीछे छोड़ने के बाद उत्तराखंड की चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) रोज नए आयाम जोड़ती जा रही है। इस साल अब तक कुल 1,235,557 श्रद्धालु चारधाम यात्रा कर चुके हैं। श्रद्धालु इतनी ज्यादा संख्या में चारों धामों में पहुंच रहे हैं कि उत्तराखंड की सड़कें हमेशा भरी दिख रही हैं। आइए हम आपको बताते हैं उत्तराखंड की चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) में किन धामों में अब तक कितने यात्री दर्शन कर चुके हैं।

केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के दर्शन को आ रहे रिकॉर्ड श्रद्धालु

हमेशा की तरह इस बार भी केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। केदारनाथ में अब तक 427,214 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। ये हाल तब है जब केदारनाथ की यात्रा बार-बार खराब मौसम के कारण स्थगित हो रही है। केदारनाथ यात्रा के रजिस्ट्रेशन 25 मई तक बंद हैं। केदारनाथ यात्रा मार्ग ग्लेशियरों के कारण जोखिम भरा बना हुआ है। आए दिन खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर सेवाएं बाधित हो रही हैं।

दूसरे नंबर पर है बदरीनाथ धाम (Badrinath Dham)

केदारनाथ के बाद बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ रही है। अभी तक 324,684 श्रद्धालु बदरीनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं। बदरीनाथ में भी आए दिन मौसम खराब हो रहा है। लैंडस्लाइड के कारण कई बार मार्ग बंद हो रहा है। इसके बाद भी बदरीविशाल के भक्तों के उत्साह में कोई कमी नहीं है।

केदारनाथ धाम में 110 किलो अपशिष्ट एकत्रित

गंगोत्री (Gangotri) पहुंचे 2.5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु

चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) में गंगोत्री की यात्रा सबसे दूरस्थ मानी जाती है। गंगोत्री धाम उत्तरकाशी जिले में भारत चीन बॉर्डर के पास है। अभी तक 253,962 श्रद्धालु मां गंगा के धाम गंगोत्री के दर्शन कर चुके हैं। यहां भी मौसम श्रद्धालुओं की कड़ी परीक्षा ले रहा है। लेकिन श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन करने के लिए हर परीक्षा देने को तैयार नजर आ रहे हैं।

यमुनोत्री (Yamnotri) में श्रद्धालुओं की संख्या सवा दो लाख पार

मां यमुना के मंदिर यमुनोत्री धाम में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सवा दो लाख पार कर चुकी है। अब तक 229,697 श्रद्धालु यमुनोत्री धाम के दर्शन कर चुके हैं। यमुनोत्री धाम भी उत्तरकाशी जिले में पड़ता है। यहां करीब 6 किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ता है।