सीएम योगी ने विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का किया शुभारंभ

CM Yogi launched Sanchari Rog Niyantaran Abhiyan

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi)  ने शनिवार को लोकभवन में संचारी रोग नियंत्रण अभियान (Sanchari Rog Niyantaran Abhiyan) का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य मंत्री व उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा उपस्थित रहे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री (CM Yogi)  ने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान (Sanchari Rog Niyantaran Abhiyan) में सबको लगकर कार्य करना है। पिछले छह साल में हर क्षेत्र में विकास हुआ है। भाजपा सरकार में शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास हुआ है। उत्तर प्रदेश तेजी से विकास के पथ पर बढ़ रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री व उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि हमलोग संचारी रोग अभियान (Sanchari Rog Niyantaran Abhiyan) की शुरुआत कर रहे हैं। प्रदेश में एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलेगा। इस दौरान प्रदेशवासियों को वेक्टर जनित रोगों, जल जनित रोगों व लू आदि से बचाव व उपचार के बारे में जागरूक किया जाएगा। इस अभियान के माध्यम से पांच करोड़ परिवारों तक सीधे सम्वाद स्थापित किया जायेगा। आशा वर्कर लोगों को मच्छर जनित बीमारियों के बारे में जागरूक करेंगी।

17 अप्रैल से चलेगा दस्तक अभियान (Dastak Abhiyan)

संयुक्त निदेशक, वीबीडी डॉ. विकास सिंघल ने बताया कि 17 अप्रैल से 30 अप्रैल तक दस्तक अभियान भी प्रदेश में संचालित किया जाएगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अलावा संबंधित विभागों के सहयोग से दस्तक अभियान के तहत संचारी रोग के मरीजों की चिन्हित कर उपचार के लिए सहयोगात्मक कार्य करने की ज़िम्मेदारी दी गई है।

ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सफाई के साथ लारवारोधी गतिविधियां और फागिंग भी कराई जाएगी। इस अभियान के तहत घर-घर सर्वे कर फ्लू, खांसी, बुखार के रोगियों व कुपोषित बच्चों की जांच की जाएगी। अभियान के दौरान आशा संगिनी, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रमुख भूमिका में घर-घर जाकर अभियान को सफल बनाएंगी।

स्कूल चलो अभियान का सीएम योगी ने किया शुभारंभ

डॉ. विकास सिंघल ने बताया कि कालाज़ार से प्रभावित गांवों में शत-प्रतिशत आवासों को पक्का और बालू मक्खी प्रतिरोधी बनाया जाएगा। फाइलेरिया से प्रभावित गांवों में माइक्रोफाइलेरिया की दर शून्य के तय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक परीक्षण किया जाएगा। हाथी पांव या लिम्फेडेमा के रोगियों को स्व-देखभाल के लिए एमएमडीपी किट वितरित की जाएगी और हाइड्रोसील के शत-प्रतिशल रोगियों की सर्जरी सुनिश्चित की जाएगी।