उपभोक्ताओं को सही और समय पर उपलब्ध कराए जाएंगे बिजली के बिल

M Devraj

लखनऊ। उपभोक्ताओं को समय पर सही बिल (Electricity Bill) उपलब्ध कराने के लिए योगी सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। इसके लिए विभागीय स्तर पर शुक्रवार को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि उपभोक्ताओं को अनिवार्य रूप से रीडिंग आधारित बिल उपलब्ध कराए जाएं, बिल नियमित रूप से हर माह वितरित किए जाने चाहिए। बिल में रीडिंग के अनुसार ही राशि होनी चाहिए और उपभोक्ताओं को अनावश्यक भागदौड़ के लिए विवश न किया जाए।

जिम्मेदारी तय करते हुए सख्त कार्यवाही तय हो

यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम देवराज (M Devraj) की ओर से पूर्वांचल, मध्यांचल, दक्षिणांचल, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि. और वाराणसी, लखनऊ, आगरा, मेरठ एवं केस्को के प्रबंध निदेशकों को जारी आदेश में कहा गया है कि उपभोक्ताओं को सही बिल समय पर देने के लिए कई बार स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। हालांकि अभी भी इस प्रकार की शिकायत प्राप्त हो रही है कि उपभोक्ताओं को रीडिंग आधारित बिल प्राप्त नहीं हो रहें हैं। बिल नियमित रूप से हर माह प्राप्त नहीं होते हैं।

बिल की धनराशि अत्याधिक है। यह भी शिकायत प्राप्त हो रही है कि बिल रिवीजन के मामलों में भी समय से कार्यवाही नहीं की जाती है। उपभोक्ताओं को अनावश्यक भागदौड़ करनी पड़ रही है। यह स्थिति चिंताजनक है। यहां यह उल्लेखनीय है कि मीटर रीडिंग का कार्य निजी एजेंसी से कराए जा रहे हैं लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि स्थानीय अवर अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता की कोई जिम्मेदारी नहीं है। यह स्पष्ट होना चाहिए कि उपभोक्ताओं को समय से सही बिल देने की पूर्ण जिम्मेदारी इन सभी की है। इनकी जिम्मेदारी तय करते हुए सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

बिल रिवीजन की प्रक्रिया ऑनलाइन ही हो

उन्होंने (M Devraj)  कहा कि बिल रिवीजन की प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाते हुए व्यवस्था की गई है कि जो भी बिल रिवीजन के मामले हों वह ऑनलाइन ही हों। यदि कोई उपभोक्ता ऑनलाइन के माध्यम से बिल रिवीजन की शिकायत दर्ज नहीं करा पाते हैं तो उनकी लिखित शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित खंड के अधिकारी के द्वारा उसे ऑनलाइन दर्ज कराते हुए आगे की कार्यवाही की जाए।

2.5 करोड़ से ज्यादा स्मार्ट प्रीपेड मीटर का हुआ इंस्टालेशन

यह देखने में आ रहा है कि अभी भी कई खंडों में पूर्व की भांति बिल रिवीजन की कार्यवाही (डब्लूएसएस में बिना पंजीकृत कराते हुए) ऑफलाइन की जा रही है। इसे भी समाप्त करते हुए पूर्व के निर्देशानुसार बिल रिवीजन की कार्यवाही ऑनलाइन के माध्यम से और समय से कराई जाए। जिन मामलों में बिल रिवीजन की कार्यवाही की जा रही है, वहां पर यह भी देखना होगा कि बिल रिवीजन की आवश्यकता क्यों पड़ी। ऐसे मामलों में उत्तरदायित्व निर्धारण करते हुए कार्रवाई की जाए।