देहरादून। मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने \’परीक्षा पर चर्चा\’ (Pariksha Pe Charcha) संवाद में छात्रों से कहा कि सफलता के लिए परिश्रम के साथ-साथ आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच को रखनी होगी। आप जैसा बनना चाहेंगे वही बनेंगे। सफलता के लिए संयम,नियम और अनुशासित जीवन जरूरी है।
गुरुवार को राजीव गांधी नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विद्यार्थियों के साथ \’परीक्षा पर चर्चा\’ कार्यक्रम में छात्रों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने छात्रों को उत्तराखण्ड और देश का भविष्य निर्माता बताते हुए उन्हें परीक्षा की तैयारियों के लिये ज्ञानवर्धक सलाह देकर उनकी शंकाओं का समाधान किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पेंटिंग प्रतियोगिता के प्रतिभागी छात्रों को पुरस्कार भी प्रदान किये।
मुख्यमंत्री धामी (CM Dhami) ने कहा कि छात्रों के साथ इस आयोजन में शामिल होकर वे स्वयं को और अधिक ऊर्जा से भरा हुआ अनुभव कर रहे हैं। बच्चों की परीक्षाएं आने वाली हैं और उनके साथ इस विषय पर संवाद करना भी एक सुखद अनुभव है। इससे उन्हें अपने स्कूल के दिनों का भी स्मरण करने का अवसर मिला है।
मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि परीक्षाओं में थोड़ा तनाव होना स्वाभाविक बात है, परन्तु जब यह तनाव बहुत अधिक बढ़ जाता है तो न केवल परीक्षा के परिणाम में इसका विपरीत असर पड़ता है बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि, \’कुछ समय पहले पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न स्व. एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी पर आधारित किताब “अग्नि की उड़ान’’ पढ़ी।\’ इस किताब से वे अत्यंत प्रभावित हुए, क्योंकि यह किताब हमें बताती है कि सफलता, परिश्रम के साथ-साथ व्यक्ति की सकारात्मक सोच पर निर्भर करती है।
मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि सफलता-असफलता जीवन का हिस्सा है। इनसे घबराना नहीं है। “उठो, जागो और संघर्ष करो यही तो बस जीवन कहता है’’ कविता भी सुनाई। उन्होंने कहा कि आप लोग डा. कलाम या हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अनेक महान लोगों की जब जीवनी पढ़ेंगे, तब पाएंगे कि उनमें एक बात समान है और वो है सकारात्मक सोच। छात्रों को भी ऐसी किताबें पढ़नी चाहिये। परीक्षा की तैयारियों से संबंधित प्रधानमंत्री ने भी एक “एग्जाम वॉरियर्स’’ किताब लिखी है जो अत्यंत ही रुचिपूर्ण और ज्ञानवर्धक है।
मुख्यमंत्री ने छात्रों से आह्वान किया कि आप लोग भी जिस क्षेत्र में जाएं उस क्षेत्र में अपना 100 प्रतिशत योगदान देकर उस क्षेत्र के नेता अर्थात लीडर बनें। जैसे आप खेल के क्षेत्र में जाएं तो सचिन तेंदुलकर की भांति खेल के लीडर बने। आप गायक बनें तो लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी जैसे महान गायक बनें और यदि आप लोग राजनीति में आएं तो नरेन्द्र मोदी की भांति विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता बनें।
मुख्यमंत्री धामी ने भ्रम फैलाने वालों को दिखाया आईना
मुख्यमंत्री ने छात्रों से पेंटिंग में पर्यावरण संरक्षण सहित अन्य बहुत से समाजोपयोगी विषयों को समाहित करने के प्रयासों की भी सराहना की।
मुख्यमंत्री ने संवाद के दौरान छात्रा शैलजा कुकरेती, छात्रा खुशी, पूजा, निशा गुप्ता रानी, छात्र रामकरण, युवराज की ओर से परीक्षा की तैयारियों और मुख्यमंत्री से बचपन में परीक्षाओं की तैयारी से संबंधित प्रश्नों के उत्तर में कहा कि परीक्षा के समय कुछ तनाव सभी को रहता है किंतु पहले के और अबके समय में बड़ा अंतर है। आज पूरी दुनिया आपके मोबाइल में सिमटी है। पहले संसाधनों का अभाव था, उनकी प्राइमरी शिक्षा स्लेट, दफ्ती, दवात और टाट पट्टी में बैठकर हुई। 3-4 कि.मी. पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता था।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव रविनाथ रमन ने भी छात्रों को संबोधित किया। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने सभी का आभार व्यक्त किया और सभी छात्रों को आने वाली परीक्षाओं की सफलता के लिये शुभकामनाएं दी।