राष्ट्रीय कार्यशाला में निकलने वाले निष्कर्ष धरातल पर उतारने योग्य हों: सीएम धामी

CM Dhami

नैनीताल। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में नगर स्थित डॉ रघुनंदन सिंह टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में ‘रिड्यूसिंग रिस्क एंड बिल्डिंग रेसीलेंस: कैपेसिटी बिल्डिंग इन द माउंटेन स्टेट्स’ विषयक राष्ट्रीय कार्यशाला को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। इस मौके पर अकादमी के प्रेक्षाग्रह में 287 लाख से किये गए कार्यों का भी लोकार्पण किया गया।

इस मौके पर पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने कहा कि आज जबकि औसत वैश्विक तापमान में 2 डिग्री की वृद्धि हो रही है, और ग्लेशियर पिघल रहे हैं, जल स्रोत सूख रहे हैं तथा प्राकृतिक आपदाओं की घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे में पर्वतीय राज्यों में बादल फटने, हिमस्खलन, भूस्खलन आदि की समस्याएं यहां की भौगोलिक समस्याओं के कारण और बड़ी हो जाती हैं। इन आपदाओं से बचने के लिए आपदाओं का न्यूनीकरण एवं क्षमता विकास किया जाना आवश्यक है। उन्होंने पर्वतीय राज्यों हेतु नैनीताल स्थित उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना किए जाने एवं आपदा प्रबंधन में क्षमता विकास किए जाने में सहमति दिए जाने का स्वागत किया। साथ ही उम्मीद जताई कि इस राष्ट्रीय कार्यशाला में गहन मंथन से लिए जाने वाले निर्णय व निष्कर्श धरातल पर उतारे जाने योग्य होंगे। उन्होंने इस दौरान राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान से उत्तराखंड सहित सभी पर्वतीय राज्यो में क्षमता विकास में सहयोग भी मांगा।

बताया गया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पर्वतीय राज्यों की संवेदनशीलता को देखते हुए आपदा प्रबन्धन के विभिन्न आयामों यथा-प्रदेश को आपदा रोधी बनाने, अवस्थापनाओं का सुदृढ़ीकरण, भूकम्प अवरोधी भवन निर्माण करने, आपदाओं के जोखिम को कम करने हेतु नीतियाँ एवं योजनाऐं विकसित करना तथा खोज एवं बचाव दलों को अत्यधिक कौशलपूर्ण बनाने के हैं। इसके साथ ही अकादमी नैनीताल में भारत के उत्तरी पर्वतीय राज्यों हेतु एक उच्च कोटि के प्रशिक्षण केंद्र के रूप में संस्थान का उन्नयन करना है, जहाँ विभिन्न राज्यों की आपदा की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए ठोस रणनीति विकसित करके एक सुरक्षित और आपदा प्रबन्धन में निपुण व सक्षम व्यवस्था का निर्माण किया जा सके।

आपदाओं से बचाव के त्वरित प्रयास किए जाएं : धामी

कार्यशाला में विधायक सरिता आर्य, जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, पद्मभूषण चंडी प्रसाद भट्ट, प्रो. शेखर पाठक, अकादमी के महानिदेशक भगवती प्रसाद पांडे, कुलपति प्रो. एनके जोशी, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के अधिशासी निदेशक ताज हसन, नोडल अधिकारी प्रो संतोष कुमार, अकादमी के अधिशासी निदेशक प्रकाश चन्द्र, मंडलायुक्त दीपक रावत, एनडीआरएफ के डीआईजी टीएस चौहान आदि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में समन्वयक के रूप में डॉ. ओम प्रकाश, डॉ. मंजू पांडे एवं एनआईडीएम के अली हैदर सहित आपदा प्रबन्धन प्रकोष्ठ एवं अकादमी के समस्त संकाय व कार्मिक एवं उत्तराखंड सहित हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, आसाम, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैण्ड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा से लगभग 400 प्रतिभागी भी शामिल रहे। संचालन हेमंत बिष्ट ने किया।