इतने बेताब इतने बेक़रार क्यों हैं, लोग जरूरत से होशियार क्यों हैं
मुंह पे तो सभी दोस्त हैं लेकिन, पीठ पीछे दुश्मन हज़ार क्यों हैं
हर चेहरे पर इक मुखौटा है यारो, लोग ज़हर में डूबे किरदार क्यों हैं
सब काट रहे हैं यहां इक दूजे को लोग, सभी दो धारी तलवार क्यों हैं
सब को सबकी हर खबर चाहिए लोग, चलते फिरते अखबार क्यों हैं
-चन्द्रशेखर पण्डित भुवनेश्वर दयाल उपाध्याय ,न्यायविद् ।
#हिन्दी माध्यम से एल-एल.एम. उत्तीर्ण करने वाले प्रथम भारतीय छात्र ।
#नेतृत्व-पुरुष \’हिन्दी से न्याय \’ देशव्यापी-अभियान ।
पं. दीनदयाल उपाध्याय के प्रपौत्र बने हरीश रावत के सलाहकार
#न्यायिक-क्षेत्र के प्रतिष्ठित पुरस्कार \’न्याय-मित्र\’ से पुरस्कृत न्यायाधीश ।