लखनऊ। केंद्र सरकार द्वारा शुरू विकसित कृषि संकल्प अभियान के जरिए “लैब टू लैंड” (Lab to Land) नारे को साकार करने में योगी सरकार (Yogi Government) नजीर बनाएगी। 29 मई से 12 जून तक चलने वाले इस देश व्यापी के तहत केंद्र सरकार ने 1.5 करोड़ किसानों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अभियान के दौरान 50 लाख किसानों (Farmers) को जोड़ने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। यह केंद्र के लक्ष्य का एक तिहाई है। इस काम में लगने वाले कृषि विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों खास कर प्रसार काम में लगे कर्मचारियों के हौसलाअफजाई के लिए 28 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद लखनऊ स्थित लोकभवन के सभागार में इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
उल्लेखनीय है कि खेतीबाड़ी और इससे जुड़े सेक्टर्स की तरक्की की एक बुनियादी शर्त है। संबंधित सेक्टर्स के शीर्ष संस्थाओं में होने वाले शोध कार्य यथा शीघ्र किसानों तक पहुंचे। इसी बाबत कई वर्षों पूर्व “लैब टू लैंड” का नारा दिया गया था। इसमें खेती बाड़ी से जुड़े एक्सटेंशन कर्मियों की महत्त्व पूर्ण भूमिका होती है।
किसानों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध योगी सरकार (Yogi Government) एक्सटेंशन कार्यक्रमों के विस्तार के जरिए इस नारे का साकार करती रही है। किसान कल्याण केंद्र, रबी और खरीफ के सीजन में न्याय पंचायत स्तर पर द मिलियन फार्मर्स स्कूल के तहत आयोजित किसान पाठशालाएं, प्रदेश से लेकर मंडल और जिला स्तर पर आयोजित कृषि उत्पादक गोष्ठियां इसका प्रमाण हैं।
हर जिले और फसल विशेष के लिए बने खास सेंटर ऑफ एक्सीलेंस लगातार इस नारे को अमली जामा पहना रहे हैं। इस पूरे कार्यक्रम को गति देने में सर्वाधिक अहम भूमिका हर जिले में बने कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके )की होती है। यही वजह है कि योगी सरकार ने आते ही यह लक्ष्य रखा कि हर जिले में एक और जरूरत के अनुसार बड़े जिलों में दो कृषि विज्ञान केंद्र होने चाहिए। सात साल पहले तो कई जिलों में ये केंद्र थे ही नहीं। आज इन केन्द्रों की संख्या 89 हैं।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए 18 केंद्र चयनित
अगले चरण में योगी सरकार (Yogi Government) की योजना क्रमशः इन केंद्रों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की है। इस क्रम में पहले चरण में दिसंबर 2023 में 18 कृषि विज्ञान केंद्रों का चयन किया गया। इस बाबत 26 करोड़ 36 लाख की परियोजना स्वीकृत करने के साथ 3 करोड़ 57 लाख 88 हजार रुपये की पहली किश्त भी की जारी की गई। अब बाकी कृषि विज्ञान केंद्रों पर भी सेंटर फॉर एक्सीलेंस बनाए जा रहे हैं। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस चुने जाने के साथ संबंधित केंद्रों की बुनियादी सुविधाएं बेहतर करने के साथ वहां की परंपरा और कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार उनको किस सेक्टर पर अधिक फोकस करना है,इस बाबत भी निर्देश दिए हैं। चूंकि योगी सरकार का पहले से ही एक्सटेंशन कार्यक्रम पर पूरी तरह फोकस है। इसीलिए उसने उक्त अभियान के तहत खुद के लिए एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा है।
अभियान के तहत किसानों को दी जाने वाली जानकारियां
अभियान के तहत प्रदेशभर के किसानों को खरीफ फसलों की आधुनिकतम तकनीक, प्राकृतिक खेती से जन,जमीन और जल को होने वाले लाभ के साथ सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। साथ ही खरीफ की फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए उन्नत बीजों के उपयोग, बीज शोधन, मिट्टी स्वास्थ्य सुधार, सहफसली खेती, ड्रिप-स्प्रिंकलर सिचाई, खेतीबाड़ी में ड्रोन के इस्तेमाल,औद्यानिक फसलों की उपज एवं गुणवत्ता बढ़ाने के साथ फसल के संरक्षा और सुरक्षा के उपायों के बारे में एक्सपर्ट्स किसानों और बागवानों को विस्तार से बताएंगे। साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फार्मर रजिस्ट्री और फसल बीमा योजना के लाभार्थियों के पंजीकरण व सहायता पर विशेष जोर रहेगा।
अभियान की कार्ययोजना
इसमें प्रदेश के कृषि विभाग और खेतीबाड़ी से जुड़े अन्य विभागों के साथ इनसे संबद्ध शिक्षण एवं शोध संस्थान, प्रदेश में स्थित केंद्रीय संस्थाओं की भी सक्रिय भागीदारी रहेगी। उम्मीद की जाती है कि इस अभियान का दूरगामी असर तो होगा ही, खरीफ की फसल के लिहाज से किसानों को इसका तात्कालिक लाभ भी मिलेगा।