दलित उत्थान के लिए शिक्षा, सम्मान और सशक्तीकरण की नई राह पर योगी सरकार

दलित उत्थान के लिए शिक्षा, सम्मान और सशक्तीकरण की नई राह पर योगी सरकार

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार ने दलित और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए जो कदम उठाए हैं, वे न केवल प्रेरणादायक हैं, बल्कि समाज में बदलाव की नई इबारत लिख रहे हैं। इसी कड़ी में योगी सरकार संत रविदास के नाम पर दो जनपदों में लेदर पार्क स्थापित करने जा रही है, जो चमड़ा उद्योग से जुड़े समुदायों को रोजगार देगी। संत कबीरदास सीएम मित्र पार्क योजना के तहत 10 टेक्सटाइल पार्क बनाने की भी योजना है, जबकि सभी कृषि मंडियों में माता शबरी के नाम पर कैंटीन और विश्रामालय का निर्माण योगी सरकार की योजनाओं में प्रमुख है। वहीं बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के विचारों को धरातल पर उतारते हुए, योगी सरकार ने शिक्षा, आर्थिक सशक्तीकरण और सामाजिक सम्मान को बढ़ावा देने वाली योजनाओं के जरिए दलित समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने का बीड़ा उठाया है।

बीते मार्च महीने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने रामनगरी अयोध्या में रविदास मंदिर में प्रदेश सरकार की ओर से एक करोड़ 15 लाख रुपये की लागत से निर्मित कराए गए सत्संग भवन का लोकार्पण किया। संत रविदास ने भारत को आक्रांताओं से मुक्ति दिलाने, सनातन मूल्यों और आदर्शों की प्रतिष्ठा, समाज को आत्मनिर्भर, स्वाभिमान संपन्न और जागरूक बनाने का जो अभियान छेड़ा था वह आज भी प्रेरक है। वहीं लखनऊ में भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण दलित समुदाय के लिए गर्व का विषय बन रहा है। सीएम योगी ने “जीरो पावर्टी कार्यक्रम” का नामकरण बाबासाहेब के नाम पर करने की घोषणा इस दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

शिक्षा के जरिए दलित समाज के छात्रों को नई उड़ान दे रही योगी सरकार

योगी सरकार (Yogi Government) ने शिक्षा को दलित उत्थान का सबसे बड़ा हथियार बनाया है। श्रमिकों के बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए संत रविदास शिक्षा सहायता योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें और अपने पैरों पर खड़े हो सकें। इसके अलावा सभी 18 मंडल मुख्यालयों पर अटल आवासीय विद्यालय शुरू किए गए हैं, जहां वंचित बच्चों को निःशुल्क आवासीय शिक्षा दी जा रही है। जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों में निर्धन प्रतिभावान छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा का मौका मिल रहा है, जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति के 60% छात्रों के प्रवेश की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत हर जिले में आईएएस, पीसीएस, जेईई, नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग दी जा रही है। गोरखपुर, लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, वाराणसी और हापुड़ में निःशुल्क आवासीय कोचिंग की सुविधा है, जबकि प्रयागराज में न्यायिक सेवा की तैयारी के लिए अलग प्रशिक्षण केंद्र संचालित हो रहा है।

डॉ. भीमराव आंबेडकर छात्रावास योजना के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए 264 छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें 188 बालक और 76 बालिका छात्रावास शामिल हैं। इनमें निःशुल्क आवास, बिजली, फर्नीचर, समाचार पत्र और प्रतियोगी पत्रिकाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। योगी सरकार द्वारा संविधान के अमृत महोत्सव वर्ष में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर समाज कल्याण छात्रावास पुनर्निर्माण एवं नवनिर्माण योजना भी शुरू की गई है।

दलित युवाओं का आर्थिक सशक्तीकरण कर रहे सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) का फोकस दलित वर्ग के युवाओं के आर्थिक स्वावलंबन पर है। बीते आठ वर्षों में उनका यह प्रयास प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों और कार्यों में देखा गया है। इक कड़ी में आंबेडकर सामाजिक इनोवेशन इन्क्यूबेशन मिशन के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए वेंचर कैपिटल फंड की व्यवस्था की गई है, ताकि वे नवाचार और उद्यमिता में आगे बढ़ सकें। स्टैंडअप इंडिया योजना के तहत अनुसूचित जाति/जनजाति के युवाओं को ₹10 लाख से ₹1 करोड़ तक का ऋण दिया जा रहा है। कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना में ‘ओ’ लेवल प्रशिक्षण के लिए 35 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे 34 हजार अभ्यर्थी लाभान्वित हुए हैं। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत 3,68,076 शिल्पकारों को लाभ मिला है। अनुसूचित जाति की बहुलता वाले गांवों में पर्याप्त अवसंरचना और अपेक्षित सेवाएं सुनिश्चित करने हेतु आदर्श ग्राम योजना का संचालन किया जा रहा है, वहीं ग्राण्ट-इन-एड योजना के जरिए उनके आजीविका का भी प्रबंध योगी सरकार कर रही है।

दलितों के सामाजिक सम्मान और सांस्कृतिक पहचान को सहेज रही योगी सरकार

बीते आठ वर्षों में सीएम योगी ने दलित समुदाय की सांस्कृतिक पहचान को सहेजने का भी काम किया है। बलरामपुर में धारू जनजाति सांस्कृतिक संग्रहालय और मीरजापुर-सोनभद्र में धरती आबा बिरसा मुंडा के नाम पर जनजातीय संग्रहालय स्थापित किए गए हैं। संत रविदास के नाम पर दो जनपदों में लेदर पार्क स्थापित करने की योजना है, जो चमड़ा उद्योग से जुड़े समुदायों को रोजगार देगी। संत कबीरदास सीएम मित्र पार्क योजना के तहत 10 टेक्सटाइल पार्क बनाने की भी योजना है, जबकि सभी कृषि मंडियों में माता शबरी के नाम पर कैंटीन और विश्रामालय का निर्माण योगी सरकार की योजनाओं में प्रमुख है।

सीएम योगी की योजनाओं से दलितों के जीवन में आ रहा बदलाव

सीएम योगी की योजनाओं से दलितों के जीवन में आ रहा बदलाव भी देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से अब तक 4.76 लाख जोड़ों का विवाह कराया जा चुका है, जिसमें सहायता राशि ₹51,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 की गई है। मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत वनटांगिया, मुसहर, कोल, सहरिया, थारू, नट, चेरो, और निराश्रित महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने उन लाभार्थियों को आवासीय पट्टा दिया, जिनके पास जमीन नहीं थी। अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत पीड़ितों को ₹2,85,000 से ₹8,25,000 तक की सहायता दी जा रही है। कानून में शामिल अत्याचारों के प्रकार का दायरा बढ़ा है। संशोधन से पहले सिर्फ 22 प्रकार के अत्याचारों का उल्लेख था जिसे संशोधन कर 47 प्रकार के अत्याचारों का समावेश किया गया। वर्ष 2024-25 में 13,436 व्यक्तियों को ₹167.46 करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। ये योजनाएं न केवल दलित समुदाय को सशक्त बना रही हैं, बल्कि उत्तर प्रदेश को समावेशी विकास का मॉडल भी बना रही हैं।