समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047-समृद्धि का शताब्दी पर्व महाभियान

समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047-समृद्धि का शताब्दी पर्व महाभियान

समर्थ उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश @2047-समृधि (Viksit UP) का शताब्दी पर्व महाभियान के अतर्गत दिनांक 08 नवम्बर, 2025 तक 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों एवं प्रबुद्ध जनों द्वारा भ्रमण कर विभिन्न लक्षित समूहों छात्र, शिक्षक, व्यवसायी, उद्यमी, कृषक, स्वयं सेवी संगठन, श्रमिक संघटन, मीडिया एवं आम जनमानस के साथ विगत 8 वर्षों से प्रदेश की विकास यात्रा के संबंध में जानकारी दी गई तथा विकास हेतु रोड मैप पर चर्चा कर फीडबैक प्राप्त किया गया।

आम जनमानस की राय एवं सुझाव प्राप्त करने हेतु विकसित पोर्टल samarthuttarpradesh.up.gov.in पर अब तक कुल 7,961,939 फीडबैक प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 6,259,163 सुझाव ग्रामीण क्षेत्रों से और 1,702.779 सुझाव नगरीय क्षेत्रों से आए हैं। इनमें 3,945,117 सुझाव आयु वर्ग 31 वर्ष से कम, 3,643,769 सुझाव 31-60 वर्ष के आयु वर्ग, तथा 373,057 सुझाव 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से प्राप्त हुए है। विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त सुझावों का विवरण निम्र प्रकार है कृषि-2,120,947, पशुधन एवं डेरी 325,287, इंडस्ट्री-307,325, आईटी एवं टेक 230,712, पर्यटन-190,103, ग्रामीण विकास- 1,554,549, इंफ्रा -72,534, संतुलित विकास-110,435, समाज कल्याण-608,032, नगरीय एवं स्वास्थ्य 542,158 शिक्षा क्षेत्र- 1,749,751 तथा सुरक्षा सम्बंधित 150,111 सुझाव मिले हैं। जनपदों के अनुसार फीडबैक में टॉप पांच में जौनपुर (750,719) संभल (703,023) गाजीपुर (347,193), हरदोई (221,424) और प्रतापगढ़ (183,048) शामिल हैं। वहीं बॉटम पाँच में इटावा (35,971), हापुर (37,385) मुजफ्फरनगर (42,285), महोबा (44,158) और गौतमबुद्ध नगर (45,132) से न्यूनतम फीडबैक प्राप्त हुए हैं।

एटा से सुनील कुमार जी का सुझाव है कि किसानों के उत्थान तथा तकनीकी खेती को प्रोत्साहित करने हेतु उत्तर प्रदेश में कृषि अभियांत्रिकी निदेशालय (Directorate of Agriculture Engineering) का गठन किया जाना अत्यंत आवश्यक है। आज के कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के युग में कृषि क्षेत्र में निरंतर नई-नई तकनीकों का समावेश हो रहा है, जिन्हें परंपरागत तरीकों से संचालित करना संभव नहीं है। अतः परंपरागत खेती के स्थान पर आधुनिक तकनीकों को अपनाना समय की मांग है। इसके लिए तकनीकी ज्ञान से युक्त अनुभवी स्टाफ की आवश्यकता है। वर्तमान में कृषि विभाग में अधिकांश तकनीकी कार्य गैर-तकनीकी कार्मिकों द्वारा संपादित किए जा रहे हैं, जिससे नई तकनीकों के प्रभावी क्रियान्वयन में कठिनाई उत्पन्न होती है। कृषि अभियांत्रिकी निदेशालय के गठन से तकनीकी कार्यों का निष्पादन तकनीकी रूप से प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा किया जा सकेगा, जिससे कार्यकुशलता, पारदर्शिता एवं नवाचार में वृद्धि होगी। इसी दृष्टि से भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा भी ऐसे निदेशालयों के गठन पर बल दिया जा रहा है। अन्य राज्यों में भी कृषि अभियांत्रिकी निदेशालय स्थापित किए जा चुके हैं अथवा गठन की प्रक्रिया प्रगति पर है।”

गाजीपुर से संजीव पाण्डेय जी का सुझाव है कि उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य (Viksit UP) बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख उपाय दिए गए है. शिक्षा और कौशल विकास ग्रामीण क्षेत्रों में एआई रोबोटिक्स और हरित ऊर्जा जैसी तकनीकें सिखाने के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू करना। उच्च शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण को सस्ता और सुलभ बनाना। तेज इंटरनेट स्मार्ट क्लास और विश्वविद्यालयों में शोध केंद्र व स्टार्टअप इनक्यूबेटर स्थापित करना। स्वास्थ्य सेवाएं टेलीमेडिसिन और डिजिटल हेल्थ सेवाएं शुरू करना। स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार और अधिक सुलभ बनाना। कृषि और उद्योग मत्स्य उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मॉडल फिशरी विलेज बनाना। – झींगा प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करना और मछुआरों व मत्स्यपालकों को प्रशिक्षित करना। दुग्ध प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बीसी सखी को दूध प्रसंस्करण मशीन प्रदान करना। एक जिला एक उत्पाद योजना जैसी पहलें शुरू करना।

प्रतापगढ़ से अनिल कुमार के अनुसार ‘नवीनीकरण ऊर्जा को बढ़ावा दें, जीवाश्म ईंधन का कम प्रयोग करें, ऊर्जा दक्षता बढ़ाएं, वनों की कटाई को रोक, वृक्षारोपण करें, कृषि पद्धतियों में सुधार करें, पर्यावरण जागरूकता बढ़ाएं, कार्बन उत्सर्जन पर कर लगाए, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सभी देशों से मिलकर कार्य करना, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें, पानी और ऊर्जा बचाए पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन से संबंधित सुधार के लिए जीवाश्म ईंधन का प्रयोग काम करना सौर और पवन ऊर्जा को बढ़ावा देना. कोपला पेट्रोल और प्राकृतिक गैसों का उपयोग कम करें क्योंकि यह कार्बन उत्सर्जन को बढ़ावा देते हैं. अधिक पेड़ पौधे लगाए जिससे कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा कम हो सके और पर्यावरण में सुधार हो सके वनों की कटाई रोकने से वह कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करेंगे और ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ावा देंगे इस तरह से हम विकसित भारत की संकल्पना को मजबूती प्रदान कर पाएंगे।

इस महाभियान के सम्बन्ध में जनसामान्य को जागरूक एवं सहभागी बनाने हेतु नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, जिता पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं ग्राम पंचायत स्तर पर विभिन्न विशेष बैठके, सम्मेलन एवं गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है।

प्रदेश के समस्त नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायत में विशेष बैठकें एवं सम्मेलन/गोष्ठियाँ आयोजित किये जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त अभी तक 65 जिला पंचायतों में सम्मेलन/गोष्ठियों और 62 जिला पंचायतों में विशेष बैठकें एवं 817 क्षेत्र पंचायतों में सम्मेलन/गोष्ठियों और 824 क्षेत्र पंचायतों में विशेष बैठकें सम्पन्न हुई हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश की 51,828 ग्राम पंचायतों के स्तर पर भी विशेष बैठकों का सफल आयोजन किया गया है।

इन आयोजनों के माध्यम से स्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों एवं संबंधित विभागों के बीच संवाद सम्पर्क को और अधिक सशक्त किया गया है। माननीय मुख्यमंत्री की विजन ‘समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश (Viksit UP) 2047 समृधि का शताब्दी पर्व महाभियान के अनुरूप प्राप्त सुझावों एवं फीडबैक के आधार पर विजन डाक्यूमेंट्स के निर्माण हेतु प्रदेश सरकार द्वारा यह प्रक्रिया निरंतर गतिशीलता के साथ जारी है।

प्रदेश सरकार का यह प्रयास सामूहिक भागीदारी एवं समन्वित विकास को सुनिश्चित करने हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।