विक्रम भट्ट और पत्नी श्वेताम्बरी को 7 दिन की रिमांड, 30 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप

विक्रम भट्ट और पत्नी श्वेताम्बरी को 7 दिन की रिमांड, 30 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप

फिल्म बनाने के नाम पर उदयपुर के डॉक्टर से 30 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार फिल्म निर्देशक विक्रम भट्ट (Vikram Bhatt) और पत्नी श्वेताम्बरी (Shwetambari) को लेकर पुलिस टीम सोमवार रात 9.30 बजे उदयपुर पहुंची। यहां गाड़ी से उतारने के बाद सख्त पुलिस पहरे में आरोपी पति-पत्नी सिर ढंके, मुंह छिपाते नजर आए। जिसके बाद उन्हें मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने फिल्ममेकर विक्रम भट्ट (Vikram Bhatt) और उनकी पत्नी श्वेताम्बरी (Shwetambari) को 7 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
बारह घंटे से भी ज्यादा का सफर तय कर लाए आरोपी पति-पत्नी को चित्रकूट नगर स्थित डिप्टी कार्यालय में ही रखा है। अब मंगलवार सुबह दोनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। उदयपुर लौटने के बाद जांच अधिकारी डिप्टी छगन राजपुरोहित ने कहा कि मुख्य आरोपी श्वेताम्बरी और विक्रम भट्ट (Vikram Bhatt) को गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड के जरिए उदयपुर ले आए हैं। विस्तृत पूछताछ की जा रही है। मामले की जांच को लेकर अब तक तीन बार मुंबई जाना पड़ा, वहीं 10 दिन वहीं रुकना पड़ा था। मामले में मुंबई पुलिस का शुरुआती सहयोग ठीक था, लेकिन अंतिम समय में निराश करने वाला रहा।
पुलिस ने बताया मुंबई का घटनाक्रम
डीएसपी राजपुरोहित ने बताया कि विक्रम भट्ट (Vikram Bhatt) की गिरफ्तारी को लेकर उदयपुर पुलिस की टीम 10 दिन से मुंबई में थी। उसके ठिकानों पर तलाश की जा रही थी। उसकी हर एक्टिविटी पर नजर रखी जा रही थी। विक्रम और श्वेतांबरी को गिरफ्तार करने गए, तब सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया और पुलिसकर्मियों से बहस की, उसी दौरान पति-पत्नी अंदर बैठकर सीसीटीवी कैमरे से देख रहे थे। करीब आधे घंटे तक तो फ्लैट का दरवाजा भी नहीं खोला गया। इस दौरान पुलिस टीम को इंतजार करना पड़ा। जब दोनों को गिरफ्तार करने लगे तो पुलिस से बहस पर उतर आए।
मुंबई पुलिस से सीक्रेट रखा मिशन
डीएसपी ने बताया कि विक्रम भट्ट की गिरफ्तारी के लिए मुंबई जाने पर मिशन को सीक्रेट रखा गया। मुंबई पुलिस को सिर्फ इतना बताया गया कि विक्रम नाम के एक वांटेड को पकडने आए हैं। अंदेशा था कि डिटेल बता देते तो विक्रम भट्ट को गिरफ्तार करना मुश्किल हो जाता। उदयपुर पुलिस की गतिविधियों से अनजान मुंबई पुलिस का सहयोग नहीं के बराबर लिया गया।
यह है पूरा मामला?
उदयपुर में इंदिरा आइवीएफ ग्रुप के संस्थापक डॉ. अजय मुर्डिया ने 17 नवंबर को विक्रम भट्ट सहित 8 जनों के खिलाफ 30 करोड़ की धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। बताया कि उदयपुर के दिनेश कटारिया ने 24 अप्रेल 2024 को मुंबई में फिल्म निर्देशक विक्रम भट्ट से मिलवाया, जिसने फिल्म बनाने की जिम्मेदारी ली। उसने पत्नी श्वेतांबरी और बेटी कृष्णा को भी फर्म के जरिए पार्टनर बनाया। डॉ. मुर्डिया से 40 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट किया। फिर विक्रम भट्ट ने 47 करोड़ में 4 फिल्में बनाने की बात कहते हुए 100-200 करोड़ का मुनाफा होने का लालच दिया। जांच में पाया कि जिन वेंडर्स को भुगतान किया, वे फर्जी थे। फर्जी बिल दर्शा कर राशि विक्रम और श्वेताम्बरी के खाते में जाती रही।
अब तक ये कार्रवाई
मामले में 18 नवंबर को विक्रम भट्ट (Vikram Bhatt) के को-प्रोड्यूसर महबूब अंसारी और वेंडर संदीप विश्वनाथ त्रिभुवन को मुंबई से ही गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट में पेश करने पर दोनों को जेल भेज दिया गया। मामले में उदयपुर पुलिस (Udaipur Police) की टीम तीन बार मुंबई जा चुकी है। मामले में अब भी 4 नामजद आरोपी गिरफ्त से बाहर हैं, जिनमें से एक उदयपुर का दलाल दिनेश कटारिया है।
विक्रम भट्ट (Vikram Bhatt) और श्वेतांबरी ने केवल दो फिल्में बनाकर रिलीज करवा दी। विश्व विराट नामक तीसरी फिल्म का काम 25% ही हो पाया। चौथी फिल्म महाराणा-रण की शूटिंग भी शुरू नहीं हो पाई। विवाद होने की स्थिति में विक्रम भट्ट और श्वेताम्बरी ने फिल्म कंटेंट और रॉ मैटेरियल अपने कब्जे में रख लिए, जिसे किसी अन्य नाम से रिलीज करने की धमकी देने लगे।
चार फिल्में 47 करोड़ में बनानी थी
विक्रम और श्वेतांबरी ने डॉ. मुर्डिया को कहा कि 7 करोड़ और देंगे तो 47 करोड़ में 4 फिल्में बना सकते हैं। इन फिल्मों की रिलीज से 100 से 200 करोड़ रुपए तक का मुनाफा होगा। दोनों के स्टाफ के अकाउंट में भारी मात्रा में ट्रांजेक्शन हुए। इंदिरा एंटरटेनमेंट से 42 करोड़ 70 लाख 82 हजार 232 रुपए का भुगतान किया गया। जबकि चार फिल्मों का निर्माण 47 करोड़ में किया जाना तय किया था।