लोगों के शरीर पर बर्थमार्क (Birthmarks) मौजूद होता है। ये एक आम बात मानी जाती है, लेकिन व्यक्ति के शरीर पर मौजूद इस निशान का बड़ा ज्योतिषीय महत्व बताया गया है। व्यक्ति के शरीर पर मौजूद बर्थमार्क उसके जीवन को खास रूप से प्रभावित करते हैं। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, जिस तरह व्यक्ति के शरीर पर तिल होते हैं, ठीक वैसे ही बर्थमार्क का भी महत्व है।
बर्थमार्क से व्यक्ति के स्वभाव, गुण, व्यक्तित्व और जीवन के उतार-चढ़ाव के बारे में पता लगाया जा सकता है। हालांकि, इन निशानों को पिछले जन्म से भी जोड़ा जाता है। ज्योतिष और पूर्व जन्म के पैटर्न का अध्यनन करने वाले ज्योतिषियों के अनुसार, जन्म चिन्ह यानी बर्थमार्क की जगह आत्मा द्वारा अपने साथ लाई गई किसी खास अनसुलझे रहस्य को दर्शाती है।
बर्थमार्क (Birthmarks) और पिछले जन्म के रहस्य
गर्दन या गले पर बर्थमार्क (Birthmarks)
अगर किसी के गर्दन या गले पर बर्थमार्क होता है, तो ऐसा माना जाता है कि ऐसे लोग पिछले जन्म में भावनात्मक और शारीरिक रूप से शांत कराए गए हों। गर्दन या गले के बर्थमार्क को आवाज खोने के डर से भी जोड़ा जाता है।
छाती या हृदय पर बर्थमार्क (Birthmarks)
छाती या हृदय पर बर्थमार्क होना आत्मा पर गहरे घाव, पिछले जन्म के विश्वासघात, तनावपूर्ण रिश्तों या दुख की वजह हो सकता है। ये भावनात्मक कमजोरी, भय और हृदय के पास किसी निशान से संबंधित होता है।
पेट या नाभि के पास बर्थमार्क
पेट या नाभि के आसपास बर्थमार्क दर्शाता है कि पिछले जन्म में व्यक्ति को जीवन रक्षा संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा हो, परित्याग या किसी अपने को खोना पड़ा हो।
पीठ के ऊपरी भाग पर बर्थमार्क
पीठ के ऊपरी भाग पर बना बर्थमार्क ज्योतिषियों के अनुसार, ये दर्शाता है कि पिछले जन्म में व्यक्ति को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था। पीठ के ऊपरी भाग का बर्थमार्क विश्वासघात को भी दर्शाता है।
पैरों या पंजों पर बर्थमार्क
पैरों या पंजों पर किसी भी तरह का बर्थमार्क दिशा या स्थिरता खोने की चिंता की ओर संकेत करता है। जिसके पैरों या पंजों पर बर्थमार्क होता है, उसके लिए माना जाता है कि उसे पिछले जन्म में विस्थापन, निर्वासन या जबरदस्ती यात्रा करनी पड़ी हो।
कान या खोपड़ी पर बर्थमार्क
कान या खोपड़ी पर बर्थमार्क का होना असामान्य हालातों को दर्शाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, जिन लोगों के कान या खोपड़ी पर बर्थमार्क होता है, उसमें पिछले जन्म से ही आध्यात्मिक समझ अधिक होती है।
शरीर पर मौजूद बर्थमार्क खोलते हैं पिछले जन्म के राज! जानें रहस्य
