निकायों के सभी घाटों व धार्मिक स्थलों पर समुचित पेयजल व्यवस्था की जाये: एके शर्मा

लखनऊ। स्वच्छताः सर्वधनं, स्वच्छताः सर्वरोगहरम्। स्वच्छताः सर्वसुखदं, स्वच्छताः सर्वलक्षणम्। इस श्लोक का अर्थ है कि स्वच्छता ही धन है, स्वच्छता सभी रोगों को दूर करती