उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली स्थित कृष्णा माइनिंग खदान (Mining Collapse) में रविवार देर शाम हुए हादसे ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया है। लगभग 300 फीट गहराई में बड़ी चट्टान अचानक धंसकर गिर पड़ी, जिसके नीचे कई मजदूर दब गए। घटना के बाद रेस्क्यू टीम ने रातभर ऑपरेशन चलाया गया और सोमवार सुबह तीन शव और बरामद किए। अब तक कुल 6 मजदूरों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि कई अन्य मजदूरों के अभी भी दबे होने की आशंका बनी हुई है।
सोनभद्र के जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह और पुलिस अधीक्षक मौके पर लगातार डटे हुए हैं। दोनों अधिकारी रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं और बचाव दलों को जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं ताकि राहत कार्य में किसी भी प्रकार की बाधा न आए। NDRF, SDRF, स्थानीय पुलिस, अग्निशमन टीम और खनन तकनीकी विशेषज्ञों की संयुक्त टीम 300 फीट नीचे चल रहे खतरनाक और चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू अभियान में जुटी हैं। गहराई ज्यादा होने, अंधेरे और संकरे रास्तों के कारण बचाव कार्य शुरू से ही मुश्किल रहा है।
इसके अलावा मलबा हटाते समय चट्टानों के खिसकने का खतरा भी बना हुआ है, जिसकी वजह से टीम को बेहद सावधानी से काम करना पड़ रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि रेस्क्यू को तेज करने के लिए अतिरिक्त उपकरण, जनरेटर, रोशनी की व्यवस्था और मशीनरी तुरंत उपलब्ध कराई गई है। प्रशासन का दावा है कि दबे मजदूरों तक जल्द पहुंचने के लिए पूरी क्षमता के साथ ऑपरेशन चल रहा है।
अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया है कि मौके पर मौजूद परिवारों को समय-समय पर जानकारी दी जाए और उन्हें हर तरह की मदद दी जाए। घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव और चिंता का माहौल है। स्थानीय लोग बड़ी संख्या में घटनास्थल के आसपास जमा होकर रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर रख रहे हैं। हादसे के बाद माइन संचालक समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। जिला प्रशासन ने मामले की जांच कराने के संकेत दिए हैं। फिलहाल रेस्क्यू टीमें तेजी से काम कर रही हैं और सभी की निगाहें दबे मजदूरों के सुरक्षित बाहर आने पर टिकी हैं।
