लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) ने एक और वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि बेटों ने लालू यादव को किडनी क्यों नहीं दी। इसके साथ ही उन्होंने और भी बहुत कुछ लिखा है। रोहिणी ने लिखा किडनी देने के वक्त बेटे भाग गए। शादीशुदा बहन से किडनी क्यों ली?
तेजस्वी और संजय यादव पर हमला बोलते हुए रोहिणी (Rohini Acharya) ने ट्वीट करते हुए कहा कि जो लोग लालू जी के नाम कुछ करना चाहते हैं तो ऐसे लोगों को झूठी हमदर्दी जताना छोड़ कर हॉस्पिटल्स में अपनी अंतिम सांसें गिन रहे उन लाखों करोड़ों गरीब लोगों, जिन्हें किडनी की जरूरत है, उसको अपनी किडनी देने के लिए आगे आना चाहिए और लालू जी के नाम पर अपनी किडनी दान करनी चाहिए।
शादीशुदा बहन से किडनी क्यों ली?
रोहिणी ने कहा कि किडनी देते वक्त बेटे क्यों भाग गए। शादीशुदा बहन से किडनी क्यों ली? पिता को किडनी देने वाली शादीशुदा बेटी को गलत बताने वाले हिम्मत जुटा कर उस बेटी से खुले मंच पर खुली बहस करें। जरूरतमंदों को किडनी देने के महादान की शुरुआत पहले वो करें, जो बेटी की किडनी को गंदा बताते हैं फिर हरियाणवी महापुरुष करे। चाटुकार पत्रकार करें और हरियाणवी के भक्त ट्रोलर्स करें, जो मुझे गाली देते नहीं थकते। उन्होंने कहा कि एक बोतल खून देने के नाम पर जिनका खून सूख जाता है, वो किडनी देने पर उपदेश देते हैं?
15 नवंबर को किया पॉलिटिक्स छोड़ने का ऐलान
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को आए थे। इसके ठीक एक दिन बाद यानी 15 नवंबर को रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) ने सोशल मीडिया एक्स पर राजनीति छोड़ने का ऐलान किया था। इसके साथ परिवार से नाता तोड़ने की भी बात कही थी। उन्होंने ट्वीट करते हुए कि वह पॉलिटिक्स छोड़ रही हैं और परिवार को भी छोड़ रही हैं। इस दौरान उन्होंने संजय यादव के साथ रमीज नाम के एक शख्स का नाम लिया था।
रोहिणी (Rohini Acharya) पर उठाया गया चप्पल!
उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि कल एक बेटी, एक बहन, एक शादीशुदा महिला, एक मां को जलील किया गया, गंदी गालियां दी गई, मारने के लिए चप्पल उठाया गया, मैंने अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया, सच का समर्पण नहीं किया, सिर्फ और सिर्फ इस वजह से मुझे बेइज्जती झेलनी पड़ी। मुझे अनाथ बना दिया गया।
