कैलाश मानसरोवर यात्रा की सभी तैयारियां पूरी, सभी तीर्थयात्रियों का स्वागत करते है: धामी

कैलाश मानसरोवर यात्रा की सभी तैयारियां पूरी, सभी तीर्थयात्रियों का स्वागत करते है: धामी

देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने शनिवार को घोषणा की कि कैलाश मानसरोवर यात्रा (Kailash Mansarovar Yatra)  की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है, जो तीन साल के अंतराल के बाद तीर्थयात्रा के फिर से शुरू होने के रूप में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। धामी ने तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए राज्य की तत्परता पर उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि आदि कैलाश की यात्रा पहले ही शुरू हो चुकी है तथा कैलाश मानसरोवर यात्रा भी शीघ्र ही शुरू होने वाली है।

उत्तराखंड के सीएम (CM Dhami) ने कहा, ” कैलाश मानसरोवर यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। आदि कैलाश की यात्रा शुरू हो गई है। कैलाश मानसरोवर यात्रा भी शुरू होगी। यह हमारे लिए शुभ अवसर है कि इतने वर्षों के बाद यह फिर से शुरू हुई है। राज्य में सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और हम सभी का स्वागत करते हैं। ” उनकी यह घोषणा कोविड-19 महामारी के कारण तीन वर्षों तक निलंबित रहने के बाद 30 जून 2025 से कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने संबंधी हाल ही में जारी विज्ञप्ति से मेल खाती है। यह तीर्थयात्रा पिथौरागढ़ में लिपुलेख दर्रे से होकर पारंपरिक मार्ग से गुजरेगी और इसका आयोजन उत्तराखंड सरकार और विदेश मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि पिथौरागढ़ जिले के लिपुलेख दर्रे से आयोजित की जाने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा कोविड-19 संक्रमण के मद्देनजर वर्ष 2020 से आयोजित नहीं की गई थी, लेकिन इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) के विशेष प्रयासों से उत्तराखंड सरकार और विदेश मंत्रालय के तत्वावधान में कैलाश मानसरोवर यात्रा -2025 आयोजित करने का निर्णय लिया गया है । निर्णय लिया गया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा -2025 का संचालन कुमाऊं मंडल विकास निगम करेगा।

यह यात्रा दिल्ली से शुरू होकर पिथौरागढ़ के लिपुलेख दर्रे मार्ग से होकर गुजरेगी , जिसमें 50-50 व्यक्तियों की कुल पांच टीमें (कुल 250 व्यक्ति) भाग लेंगी। विज्ञप्ति के अनुसार, कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने वाला पहला दल 10 जुलाई, 2025 को लिपुलेख दर्रे के रास्ते चीन में प्रवेश करेगा और अंतिम दल 22 अगस्त, 2025 को चीन से भारत के लिए रवाना होगा।प्रत्येक दल दिल्ली से रवाना होगा और एक रात टनकपुर, एक रात धारचूला, दो रात गुंजी तथा दो रात नाभीडांग (तकलाकोट) में रुकने के बाद चीन में प्रवेश करेगा।

कैलाश दर्शन के बाद वापसी की यात्रा में यह दल चीन से रवाना होगा और एक रात बूंदी, एक रात चौकोरी और एक रात अल्मोड़ा में रुककर दिल्ली पहुंचेगा। इस प्रकार यात्रा के दौरान प्रत्येक दल कुल 22 दिन की यात्रा करेगा।विज्ञप्ति में बताया गया कि सभी यात्रियों की स्वास्थ्य जांच पहले दिल्ली में की जाएगी तथा गुंजी ( पिथौरागढ़ ) पहुंचने पर आईटीबीपी की मदद से स्वास्थ्य जांच की जाएगी। इस बीच, 21 मई को विदेश मंत्रालय ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए कुल 750 यात्रियों को सफलतापूर्वक आकर्षित किया।