2001 Parliament Attack: संसद आतंकी हमले की 24वीं बरसी पर शहीदों को नमन

2001 Parliament Attack: संसद आतंकी हमले की 24वीं बरसी पर शहीदों को नमन

आज (13 दिसंबर) को भारत की संसद (Parliament Attack) पर हुए उस भयानक हमले की 24वीं बरसी है। देश की राजनीति के इस काले दिन पर उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन,  पीएम मोदी और राहुल गांधी ने 2001 के घातक संसद आतंकी हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी। सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने भी शहीदों श्रद्धांजलि देने संसद परिसर पहुंची। इस हमले में देश ने अपने आठ वीरों और एक वीरांगना को खो दिया था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद आतंकी हमले के शहीदों को याद किया। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, “राष्ट्र उन बहादुर नायकों को सलाम करता है जिन्होंने 2001 में आज ही के दिन हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपनी जान दे दी थी। उनकी बहादुरी और कर्तव्यनिष्ठा हमारी राष्ट्रीय भावना को प्रेरित करती रहेगी। देश उनके और उनके परिवारों का हमेशा ऋणी रहेगा। इस दिन, हम आतंकवाद के सभी रूपों से लड़ने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को फिर से दोहराते हैं।”
बता दें कि 2001 में 13 दिसंबर को सुबह के करीब 11:30 बजे पांच आतंकी एक सफ़ेद रंग की एंबेसडर कार में बैठकर संसद भवन (Parliament) के गेट नंबर 12 से अंदर घुसे थे। कार पर गृह मंत्रालय और संसद के फर्जी स्टिकर लगे थे। लेकिन, कार की गतिविधियों को देखकर सुरक्षाकर्मियों को शक हुआ तो वे उसके पीछे दौड़े। इसके बाद आतंकियों ने हड़बड़ाहटकार वहां खड़ी उपराष्ट्रपति की कार से लड़ा दी।
कार की टक्कर के पांचों आतंकियों ने अपनी एके-47 राइफलों से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जिसके बाद संसद (Parliament)  परिसर में गोली-बारी शुरू हो गयी। आतंकियों की कोशिश संसद के अंदर घुसने की थी। लेकिन, सुरक्षाकर्मियों ने उनकी कोशिशों कामयाब नहीं होने दिया। एनकाउंटर शाम पांच बजे तक चला और पांचों आतंकी मारे गए।
इस दौरान आतंकियों से लोहा लेते हुए दिल्ली पुलिस के 5 जवान, सीआरपीएफ की एक महिला कांस्टेबल कमलेश कुमारी, राज्यसभा सचिवालय के 2 कर्मचारी और एक माली शहीद हो गए। हमले के महज दो दिन बाद, 15 दिसंबर 2001 को दिल्ली पुलिस ने हमले (Parliament Attack) के मास्टरमाइंड अफजल गुरु, एसएआर गिलानी, अफशान गुरु और शौकत हुसैन को गिरफ्तार किया था।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने एसएआर गिलानी और अफशान गुरु को बरी कर दिया, जबकि शौकत हुसैन की सजा कम कर दी गई। लेकिन हमले के मुख्य साजिशकर्ता अफजल गुरु को दोषी पाया गया। उसे 9 फरवरी 2013 को सुबह 8 बजे दिल्ली की तिहाड़ जेल में को फांसी दे दी गई।