लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन की दिशा में चल रहा मिशन शक्ति (Mission Shakti) अभियान दीपावली के अवसर पर नई ऊर्जा से दमक उठा। प्रदेश के 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (KGBV) में ‘मिशन शक्ति के लिए, रोशन करो दीये’ थीम पर आयोजित कार्यक्रमों ने 88 हजार से अधिक बेटियों के आत्मविश्वास और सृजनशीलता को नई दिशा दी।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में मिशन शक्ति (Mission Shakti) आज प्रदेश में नारी सशक्तिकरण का जनांदोलन बन चुका है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में दीपों से सजे ये संदेश केवल उत्सव नहीं, बल्कि समाज में चेतना, आत्मविश्वास और बदलाव की लौ हैं। जब बेटियाँ शिक्षित और सुरक्षित होंगी, तभी उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भर और सशक्त बनेगा।
हर बालिका तक पहुंचा सुरक्षा और सहायता का संदेश
बेटियों ने दीपों से 1090, 1098, 112 जैसे प्रमुख हेल्पलाइन नंबरों को सजाया, ताकि सुरक्षा और सहायता के ये संदेश हर बालिका तक पहुँच सकें। विद्यालयों के परिसर रंगोलियों, मिशन शक्ति (Mission Shakti) के लोगो और नारी सशक्तिकरण के प्रेरक स्लोगनों से आलोकित रहे।
‘नारी ही शक्ति है’, ‘सुरक्षा मेरा अधिकार है’ जैसे संदेशों को रंगोली और दीपों में ढालकर बालिकाओं ने सशक्त समाज का उजला प्रतीक प्रस्तुत किया।
कैंडिल मार्च में दिखा आत्मविश्वास, बेटियों ने जलाई चेतना की लौ
प्रदेश मे विभिन्न केजीबीवी में कैंडिल मार्च के दौरान बालिकाओं ने मिशन शक्ति से जुड़े संदेशों की तख्तियाँ हाथों में थामकर नारी सशक्तिकरण का संकल्प दोहराया।
क्योरियोसिटी कार्यक्रम के अंतर्गत तैयार किए गए लैंप्स और D20 सीरीज़ से प्रेरित हस्तनिर्मित सजावटी वस्तुओं ने विद्यालयों को रचनात्मकता और नवाचार का केंद्र बना दिया। कार्यक्रम की तस्वीरों और वीडियोज ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर खूब धूम मचाया। इस दौरान विद्यालय प्रशासन ने छात्राओं और स्टाफ की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा।
‘विद्यालयों में शिक्षा के साथ संवेदना और सुरक्षा की संस्कृति स्थापित कर रहा है मिशन शक्ति’: डीजी स्कूल शिक्षा
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा, उत्तर प्रदेश मोनिका रानी का कहना है कि मिशन शक्ति (Mission Shakti) की यह पहल विद्यालयों में शिक्षा के साथ संवेदना और सुरक्षा की संस्कृति स्थापित करने वाली रही। दीपावली के अवसर पर बेटियों द्वारा जलाए गए ये दीप नारी गरिमा और आत्मविश्वास के प्रतीक हैं। बेसिक शिक्षा विभाग इस दिशा में निरंतर कार्यरत है कि हर बालिका स्वयं पर विश्वास करे और समाज उसे समान अवसर दे।