भारत बना AI का हॉटस्पॉट! PM से मुलाकात के बाद कंपनियों ने खोला निवेश का खजाना

भारत बना AI का हॉटस्पॉट! PM से मुलाकात के बाद कंपनियों ने खोला निवेश का खजाना

मंगलवार का दिन भारत के टेक भविष्य के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ. दुनिया की दिग्गज टेक कंपनियों के सीईओ ने एक के बाद एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. यह केवल एक शिष्टाचार भेंट नहीं थी, बल्कि भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग है. माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft), इंटेल और कॉग्निजेंट के प्रमुखों ने पीएम मोदी के साथ अलग-अलग बैठकों में भारत के डिजिटल ढांचे को मजबूत करने के लिए अरबों डॉलर के निवेश और नई साझेदारियों का खाका तैयार किया है.
Microsoft ने खोला खजाना
Microsoft के सीईओ सत्य नडेला ने बताया उनकी कंपनी भारत में 17.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करने जा रही है. नडेला ने इसे एशिया में कंपनी का अब तक का ‘सबसे बड़ा निवेश’ बताया है. दरअसल, यह पैसा भारत के ‘AI फर्स्ट फ्यूचर’ के निर्माण में लगेगा. इसका सीधा अर्थ है कि आने वाले समय में भारत में AI इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा, युवाओं के लिए नई स्किलिंग के अवसर पैदा होंगे और देश अपनी संप्रभु क्षमताओं को विकसित कर सकेगा.
भारत में बनेंगी वर्ल्ड-क्लास चिप्स
सिर्फ सॉफ्टवेयर ही नहीं, हार्डवेयर के मोर्चे पर भी बड़ी खबर आई है. इंटेल कॉर्पोरेशन के सीईओ लिप-बू टैन ने पीएम मोदी के साथ मुलाकात के बाद भारत के सेमीकंडक्टर मिशन की जमकर तारीफ की. उन्होंने पीएम मोदी की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि इंटेल भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को गहरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
इसके अलावा इंटेल ने टाटा समूह के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. इस साझेदारी के तहत, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की आगामी सुविधाओं में इंटेल द्वारा डिजाइन किए गए उत्पादों का निर्माण और पैकेजिंग की जाएगी. मतलब, अब कंप्यूटर और गैजेट्स के लिए महत्वपूर्ण चिप्स और पार्ट्स भारत में ही बनेंगे. यह कदम भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनाने की दिशा में बड़ी मदद करेगा और पीएम मोदी के ‘मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड’ के विजन को साकार करेगा.
कॉग्निजेंट का बड़ा प्लान
कॉग्निजेंट के सीईओ रवि कुमार और सीएमडी एस राजेश वेरियर ने पीएम मोदी से मुलाकात कर शिक्षा और कौशल विकास पर बात की. कंपनी ने साफ किया कि वे भारत के उभरते शहरों (Tier-2 और Tier-3 cities) में अपना विस्तार करेंगे. इसका सीधा फायदा उन युवाओं को मिलेगा जो छोटे शहरों में रहते हैं, क्योंकि अब उन्हें नौकरी और ट्रेनिंग के लिए बड़े शहरों की ओर नहीं भागना पड़ेगा. कॉग्निजेंट का लक्ष्य समान विकास को बढ़ावा देना और एआई क्षमताओं को बढ़ाना है.