योगी कैबिनेट का बड़ा निर्णय: अब यूपी के छात्र यूके में ले सकेंगे मास्टर डिग्री

योगी कैबिनेट का बड़ा निर्णय: अब यूपी के छात्र यूके में ले सकेंगे मास्टर डिग्री

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने उच्च शिक्षा को नई दिशा देने वाला एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में “भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी-चिवनिंग उत्तर प्रदेश राज्य सरकार छात्रवृत्ति योजना” को मंजूरी दे दी गई है। यह योजना प्रदेश के मेधावी छात्रों को यूनाइटेड किंगडम (यूके) में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगी।

हर साल 5 प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को अवसर

प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कैबिनेट के निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार की इस पहल के तहत, हर साल उत्तर प्रदेश के 5 प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को यूके के किसी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से एक वर्ष की मास्टर डिग्री के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी। इस योजना को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की असाधारण उपलब्धियों से प्रेरणा लेते हुए प्रारंभ किया जा रहा है। यह छात्रवृत्ति उत्तर प्रदेश सरकार तथा यूनाइटेड किंगडम के फॉरेन कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस (एफसीडीओ) के संयुक्त सहयोग से चलाई जाएगी।

तीन वर्षों तक जारी रहेगी योजना

उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति में छात्रों को शैक्षणिक शिक्षण शुल्क, परीक्षा एवं शोध शुल्क, रहने के लिए पर्याप्त मासिक भत्ता तथा इकोनॉमी क्लास में एक बार आने-जाने का विमान किराया भी शामिल रहेगा। चयन प्रक्रिया राज्य सरकार और एफसीडीओ के बीच हुए समझौते (एमओयू) के अनुसार निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न होगी। योजना शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से लागू होगी और यह तीन वर्षों (2025-26, 2026-27, 2027-28) तक प्रभावी रहेगी। आगे इसके नवीनीकरण पर निर्णय लिया जाएगा। 2028-29 में योजना को जारी रखने के लिए 30 मार्च 2028 तक पुनः अनुमोदन की आवश्यकता होगी।

प्रदेश के छात्रों के लिए खुलेंगे वैश्विक शिक्षा के द्वार

राज्य सरकार इस योजना के तहत प्रत्येक छात्र के लिए लगभग £19,800 (लगभग ₹23 लाख) का खर्च वहन करेगी। कुल अनुमानित खर्च £38,048 से £42,076 के बीच होगा, जिसमें शेष धनराशि का प्रबंध एफसीडीओ यूके द्वारा किया जाएगा। योगेन्द्र उपाध्याय के अनुसार, यह योजना उत्तर प्रदेश के छात्रों के लिए वैश्विक शिक्षा के द्वार खोलेगी और उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रतिस्पर्धा करने का अवसर देगी। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की युवा सशक्तिकरण एवं शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की प्रतिबद्धता का एक और प्रमाण है।

मुख्य बिंदु – एक नजर में

योजना का नाम: भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी-चिवनिंग यूपी राज्य सरकार छात्रवृत्ति योजना

शुरुआत: शैक्षणिक सत्र 2025-26 से

अवधि: तीन वर्ष (2025-2028)

लाभार्थी: हर वर्ष 5 छात्र

कुल खर्च: £38,000–£42,000 प्रति छात्र

यूपी सरकार का अंशदान: £19,800 (~₹23 लाख)

सहयोगी संस्था: एफसीडीओ यूके

औद्योगिक आस्थान और लेदर फुटवियर नीति को मिली मंजूरी

योगी कैबिनेट (Yogi Cabinet) ने प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से दो महत्वपूर्ण नीतियों को मंजूरी दी है। एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री राकेश सचान ने निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोनों नीतियों से न केवल औद्योगिक आधारभूत ढांचे को मजबूती मिलेगी, बल्कि लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे। उ०प्र० सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम औद्योगिक आस्थान प्रबंधन नीति के अंतर्गत अब औद्योगिक भूखंडों/शेडों का आवंटन लीज/रेंट के आधार पर ई-ऑक्शन से किया जाएगा। भूखंडों की दर क्षेत्रवार तय की गई है, जिसमें पश्चिमांचल में ₹3000, मध्यांचल में ₹2500 और पूर्वांचल/बुंदेलखंड में ₹2000 प्रति वर्गमीटर आरक्षित मूल्य रखा गया है। इसके साथ ही हर वर्ष 5% की दर से मूल्य वृद्धि होगी। दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश फुटवियर, लेदर और नॉन-लेदर क्षेत्र विकास नीति-2025 को भी स्वीकृति दी गई है। इस नीति के जरिए निर्यात में बढ़ोतरी, तकनीकी उन्नयन, और रोजगार सृजन के लिए विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। कुशल श्रमिकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित होंगे। इस नीति से घरेलू और विदेशी निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।

ग्रामीण क्षेत्रों में नामांतरण और संशोधन की प्रक्रिया होगी अब आसान

कैबिनेट (Cabinet) ने ग्रामीण आबादी के दस्तावेजों को अपडेट करने की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए “उत्तर प्रदेश ग्रामीण आबादी अभिलेख विधेयक-2025” को मंजूरी दी है। यह विधेयक स्वामित्व योजना के तहत तैयार की गई घरौनियों (मालिकाना दस्तावेज) में नामांतरण, संशोधन और अपडेट की प्रक्रिया को आसान बनाएगा। इससे अब वरासत, विक्रय, उपहार, वसीयत, नीलामी, अदालत के आदेश या पारिवारिक समझौते के आधार पर नाम बदलवाना आसान होगा। राजस्व निरीक्षक और तहसीलदार/नायब तहसीलदार को साफ-सुथरे मामलों में घरौनी अपडेट करने का अधिकार मिलेगा। लिपिकीय त्रुटि या मोबाइल नंबर-पते में सुधार के लिए भी अब आवेदन किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि अब तक प्रदेश में 1.06 करोड़ से अधिक घरौनियां तैयार हो चुकी हैं, जिनमें से 1.01 करोड़ से अधिक का वितरण हो चुका है।

दो नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना को मंजूरी

योगी कैबिनेट (Yogi Cabinet) ने दो नए निजी विश्वविद्यालयों – के.डी. विश्वविद्यालय (मथुरा) और बोधिसत्व विश्वविद्यालय (बाराबंकी) की स्थापना के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। इन विश्वविद्यालयों की स्थापना उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 के तहत की जा रही है। के.डी. विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए राजीव मेमोरियल एकेडेमिक वेलफेयर सोसाइटी द्वारा मथुरा के छाता तहसील के ग्राम अकबरपुर में 50.54 एकड़ भूमि पर प्रस्ताव दिया गया है। इसी प्रकार बोधिसत्व विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए बोधिसत्व चैरिटेबल ट्रस्ट, लखनऊ द्वारा बाराबंकी के ग्राम गदिया, तहसील नवाबगंज में 25.31 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। दोनों विश्वविद्यालयों को आशय-पत्र पहले ही निर्गत किए जा चुके हैं।

नगर निगमों में विज्ञापन की मंजूरी अब 15 साल के लिए, निवेश और राजस्व में होगी बढ़ोतरी

योगी कैबिनेट (Yogi Cabinet ने नगर निगम क्षेत्र में आकाश चिन्हों और विज्ञापनों की अनुज्ञा एवं नवीकरण अवधि को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब तक दो साल के लिए दी जाने वाली अनुमति को बढ़ाकर 15 वर्ष कर दिया गया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959 की धारा-305(1) में संशोधन के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इस फैसले के बाद राज्य की सभी नगर निगमों में उत्तर प्रदेश नगर निगम (चिन्हों एवं विज्ञापनों का विनियमन) नियमावली, 2025 लागू की जाएगी।

सरकार का मानना है कि यह बदलाव विज्ञापन एजेंसियों को लंबी अवधि के निवेश, तकनीकी नवाचार और बेहतर गुणवत्ता के लिए प्रेरित करेगा। इससे नगर निकायों को बार-बार टेंडर प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जिससे प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी और राजस्व स्थिरता सुनिश्चित होगी। साथ ही, बढ़ते शहरीकरण और सीमित वित्तीय संसाधनों की चुनौतियों के बीच नगर निगमों को अतिरिक्त आय के स्रोत भी मिलेंगे। अब राज्य सरकार जल्द ही उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) अध्यादेश, 2025 को प्रख्यापित करेगी।