दुनियाभर में मेड-इन-इंडिया कारों (Cars) का जलवा कायम है. यही वजह है कि भारत का कार एक्सपोर्ट लगातार बढ़ता रहा है. भारत में बनी कारें का विदेशी शिपमेंट FY2026 के पहले 8 महीनों में करीब 6 लाख यूनिट्स के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. SIAM के एक्सपोर्ट सेल्स डेटा के अनुसार, 5,99,276 पैसेंजर व्हीकल प्रमुख वैश्विक बाजारों में भेजे गए, जो सालाना आधार पर 20% ज्यादा हैं, क्योंकि पिछले वित्तिय वर्ष 2025 में अप्रैल से नवंबर में 4,98,763 यूनिट्स का एक्सपोर्ट हुआ था. इसका मतलब है कि 1,00,513 यूनिट्स की अतिरिक्त बढ़ोतरी हुई है.
मौजूदा वित्त वर्ष में अभी चार महीने बाकी हैं और यह प्रदर्शन पैसेंजर व्हीकल इंडस्ट्री को अब तक के सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट के बहुत करीब ले आया है, जो FY2025 में 7,70,364 यूनिट्स था. FY2026 के पहले आठ महीनों में मासिक पैसेंजर व्हीकल एक्सपोर्ट तीन बार 80,000 यूनिट्स के आंकड़े को पार कर चुका है. सितंबर में 87,762 यूनिट्स, नवंबर में 84,646 यूनिट्स और अगस्त में 82,246 यूनिट रहा.
मैक्सिको ने लगाया टैरिफ
हाल ही में मेक्सिको ने फैसला लिया है कि 1 जनवरी 2026 से भारत में बने पैसेंजर व्हीकल्स पर आयात शुल्क 20% से बढ़ाकर 50% कर दिया जाएगा. दक्षिण अफ्रीका और सऊदी अरब के बाद मेक्सिको भारत का तीसरा सबसे बड़ा पैसेंजर व्हीकल एक्सपोर्ट बाजार है. FY2024 में मेक्सिको ने भारत से करीब 1,94,000 कार और SUV आयात की थीं, जो पिछले वित्त वर्ष में विदेश भेजे गए कुल 7,70,364 पैसेंजर व्हीकल्स का 25% हिस्सा थीं.। यह करीब 1.9 अरब डॉलर (लगभग 15,800 करोड़ रुपये) का कारोबार है.
मैक्सिको के टैरिफ का असर
लैटिन अमेरिकी देश मेक्सिको 1 जनवरी 2026 से उन देशों से आयात पर ड्यूटी लगाने की तैयारी कर रहा है, जिनके साथ उसका फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) नहीं है. ऐसे में भारतीय ऑटोमोबाइल्स पर 3550% टैरिफ को गंभीर चुनौती बताया गया है. इस कड़े टैरिफ बढ़ोतरी का असर पैसेंजर व्हीकल और टू-व्हीलर, दोनों सेगमेंट में भारतीय ऑटो कंपनियों पर पड़ने की उम्मीद है.
भारत से मैक्सिको जाती हैं ये गाड़ियां
मारुति सुजुकी इंडिया हर साल मेक्सिको को 66,000 से 70,000 यूनिट्स एक्सपोर्ट करती है, जो उसके कुल एक्सपोर्ट का 2225% है. इसमें बलेनो, स्विफ्ट, डिजायर और ब्रेजा जैसे लोकप्रिय मॉडल शामिल हैं. हुंडई मोटर इंडिया 25,000 से 30,000 यूनिट्स (ग्रैंड i10 निओस, ऑरा, वेन्यू और क्रेटा) भेजती है. वहीं, फॉक्सवैगन ग्रुप वर्टस, स्लाविया, टाइगुन और कुशाक की 55,000 से 60,000 यूनिट्स एक्सपोर्ट करता है. निसान इंडिया भी मैग्नाइट SUV की कई हजार यूनिट्स एक्सपोर्ट करती है, जिन्हें मेक्सिको में किक्स नाम से बेचा जाता है.
दुनियाभर में मेड-इन-इंडिया कारों का जलवा, बन सकता है एक्सपोर्ट का रिकॉर्ड
