महिलाओं को योगी सरकार का तोहफा, 1 करोड़ तक की संपत्ति पर मिलेगी स्टाम्प शुल्क में छूट

महिलाओं को योगी सरकार का तोहफा, 1 करोड़ तक की संपत्ति पर मिलेगी स्टाम्प शुल्क में छूट

लखनऊ। महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में योगी सरकार (Yogi Government) ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब उत्तर प्रदेश में 1 करोड़ रुपये तक मूल्य की संपत्ति (जैसे मकान, जमीन आदि) यदि किसी महिला के नाम खरीदी जाती है, तो उस पर स्टाम्प शुल्क में 1% की छूट मिलेगी। अब तक राज्य में यह छूट केवल 10 लाख रुपये तक की संपत्ति पर ही लागू थी, जिसमें अधिकतम 10 हजार रुपये तक की छूट मिलती थी। लेकिन अब सरकार ने इस छूट को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये तक की संपत्ति पर लागू कर दिया है, जिससे महिलाओं को अधिक लाभ मिलेगा। मंगलवार शाम लोकभावन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट (Cabinet) की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। बैठक में कुल 37 मद पारित किए गए। इसमें 11 अगस्त से विधानसभा के मॉनसून सत्र की शुरुआत का भी निर्णय लिया गया।

महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक मजबूती देने की पहल

निर्णय की जानकारी देते हुए प्रदेश के श्रम मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि सरकार का मानना है कि इस फैसले से मध्यम वर्ग की महिलाओं को संपत्ति की मालिक बनने में मदद मिलेगी, जिससे न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा बल्कि वे समाज में आर्थिक रूप से अधिक सक्षम और सम्मानित बनेंगी। यह छूट मिशन शक्ति कार्यक्रम को भी मजबूती देगी, जिसके तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया जा रहा है।

बढ़ेगा सामाजिक सम्मान और वित्तीय स्वतंत्रता

बजट 2024 में केंद्र सरकार ने भी महिलाओं के पक्ष में निष्पादित विलेखों पर स्टाम्प शुल्क कम करने की बात कही थी। उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला उसी दिशा में एक सकारात्मक और प्रभावी कदम माना जा रहा है। इस पहल से महिलाओं के पक्ष में सम्पत्ति के स्वामित्व को सामाजिक सम्मान एवं आर्थिक वित्तीय स्वतन्त्रता को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, महिलाओं के नाम सम्पत्ति के पंजीकरण में भारी वृद्धि की सम्भावना है जिससे मिशन शक्ति के उद्देश्य पूर्ति में सहायता मिलेगी।

1 करोड़ तक की संपत्ति यदि महिला के नाम की जाती है तो क्या होगा लाभ

➤ 1% स्टाम्प शुल्क की छूट
➤ अधिकतम लाभ 1 लाख रुपये तक की बचत
➤ मध्यम वर्ग की महिलाओं को मिलेगा सीधा फायदा
➤ महिला सशक्तीकरण और संपत्ति में भागीदारी को बढ़ावा

अब युवाओं को स्मार्टफोन की जगह वितरित किए जाएंगे ज्यादा फीचर्स वाले अत्याधुनिक टैबलेट

स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना के तहत अब प्रदेश के युवाओं को स्मार्टफोन की जगह टैबलेट वितरित किए जाएंगे। योगी कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि तकनीकी रूप से युवाओं को अधिक सक्षम बनाने के लिए सभी लाभार्थियों को अब टैबलेट ही वितरित किए जाएं। यह योजना पांच वर्षों तक लागू रहेगी। वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु 2000 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। इसमें केंद्र सरकार पर कोई व्यय भार नहीं होगा। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बताया कि टैबलेट की बड़ी स्क्रीन, बेहतर बैटरी, मल्टीटास्किंग क्षमता और प्रोडक्टिविटी ऐप्स (जैसे वर्ड, एक्सेल, गूगल शीट्स आदि) की सुगमता से योजना के शैक्षिक उद्देश्य बेहतर तरीके से पूरे हो सकेंगे। टैबलेट का उपयोग शैक्षिक पाठ्यक्रमों की तैयारी, सरकारी/निजी रोजगार, और स्वरोजगार के अवसरों में भी सहायक होगा।

चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे को कैबिनेट की मंजूरी

योगी कैबिनेट (Yogi Cabinet) ने चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है। यह परियोजना 939.67 करोड़ रुपये की लागत से इंजीनियरिंग-प्रोक्योरमेंट-कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) पद्धति पर पूरी की जाएगी। 15.172 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट के भरतकूप से शुरू होकर ग्राम अहमदगंज तक जाएगा। एक्सप्रेसवे को प्रारंभ में 4 लेन और भविष्य में 6 लेन तक विस्तार योग्य बनाया जाएगा। यह वाराणसी-बांदा राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-35/76) से जुड़कर राष्ट्रीय राजमार्ग 135 बीजी से संपर्क स्थापित करेगा। इस फैसले से जहां चित्रकूट में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भी सुगम और तेज यातायात सुविधा उपलब्ध होगी। परियोजना के तहत निर्माण कार्य 548 दिनों में पूरा किया जाएगा और इसके बाद पांच वर्षों तक अनुरक्षण कार्य किया जाएगा। इस परियोजना में केंद्र सरकार की कोई वित्तीय भागीदारी नहीं होगी। निर्माण कार्य के दौरान और बाद में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 38 लाख मानव दिवसों का सृजन होने की संभावना है।

टाटा टेक्नोलॉजी के सहयोग से यूपी के 121 पॉलीटेक्निक संस्थानों का होगा कायाकल्प

योगी सरकार ने प्रदेश के डिप्लोमा सेक्टर में तकनीकी शिक्षा को उद्योगों की मांग के अनुरूप उन्नत बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड (TTL) के सहयोग से राज्य के 121 राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों में “टाटा टेक्नोलॉजी एक्सीलेंस सेंटर” की स्थापना कर उनका कायाकल्प किया जाएगा।इस प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने स्वीकृत कर लिया। परियोजना की कुल अनुमानित लागत ₹6935.86 करोड़ है, जिसमें से ₹6034.20 करोड़ टीटीएल वहन करेगा, जबकि ₹1063.96 करोड़ राज्य सरकार द्वारा खर्च किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और मूलभूत सुविधाओं की स्थापना के लिए राज्य सरकार ₹858.11 करोड़ का अतिरिक्त व्यय करेगी। पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 45 पॉलीटेक्निक संस्थानों को अपग्रेड किया जाएगा।

मॉनसून सत्र 11 अगस्त से, अध्यादेशों के विधेयक होंगे पेश

योगी कैबिनेट (Yogi Cabinet) ने राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों (विधान सभा एवं विधान परिषद) का वर्ष 2025 का द्वितीय (मॉनसून) सत्र 11 अगस्त, सोमवार से आहूत करने का निर्णय लिया है। योगी कैबिनेट ने यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 174 (1) की अनिवार्य व्यवस्था के अंतर्गत लिया है, जिसके अनुसार एक सत्र की अंतिम बैठक और अगले सत्र की प्रथम बैठक के बीच अधिकतम अंतर छह माह का हो सकता है। उल्लेखनीय है कि पिछला सत्र 18 फरवरी को आरंभ होकर 5 मार्च, 2025 को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हुआ था और 12 मार्च को सत्रावसान की अधिसूचना जारी की गई थी। नियमानुसार 5 सितंबर से पूर्व नए सत्र का आयोजन जरूरी था। आगामी सत्र में शासन द्वारा सत्रावसान के बाद जारी किए गए अध्यादेशों के प्रतिस्थानी विधेयकों को प्रस्तुत कर पारित कराना प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त अन्य आवश्यक विधायी एवं औपचारिक कार्य भी किए जाएंगे।