Sanchar Saathi App कितना जरूरी है, कैसे करता है काम?, जानें पूरी जानकारी

Sanchar Saathi App कितना जरूरी है, कैसे करता है काम?, जानें पूरी जानकारी

मोबाइल फोन में ‘संचार साथी’ ऐप ( Sanchar Saathi App) के प्री इंस्टॉल की अनिवार्यता पर विपक्ष के हंगामे के बाद केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सफाई दे दी है. सिंधिया ने ऐप को लेकर जारी भ्रम को दूर करते हुए कहा कि विपक्ष संचार ऐप को लेकर लोगों को भ्रमित कर रही है. ये पूरी तरह ऑप्शनल है. ये यूजर पर है कि इस ऐप को वो अपने मोबाइल में रखना चाहता है या नहीं. विपक्ष ने संचार साथी एप को इंस्टॉल करने के निर्देश को निजता का उल्लंघन बताते हुए सरकार की ओर से जासूसी की कोशिश बताया था. विपक्ष ने दूर संचार मंत्रालय पर हमला बोलते हुए इसे जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस का नया वर्जन तक बता दिया.

विपक्ष के हंगामे के बाद भले ही संचार साथी मोबाइल ऐप ( Sanchar Saathi App) की अनिवार्यता पर रोक लगा दी गई हो लेकिन ये जानना जरूरी हो जाता है कि इसे लाया क्यों गया है. सरकार का तर्क है कि संचार साथी ऐप के मोबाइल में प्री इंस्टॉल होने से साइबर अपराध और धोखाधड़ी को रोकने में आसानी होगी.

प्रश्न: सरकार की ओर से लॉन्च किया गया ‘संचार साथी ऐप’ ( Sanchar Saathi App) है क्या?

उत्तर: संचार साथी ऐप ए( Sanchar Saathi App) क तरह से साइबर सिक्योरिटी टूल है. इस ऐप को सबसे पहले साल 2023 में वेब पोर्टल के तौर पर शुरू किया गया था. इस पोर्टल का उद्देश्य नागरिकों को मोबाइल से जुड़े साइबर हमले और डिवाइस से जुड़ी सुरक्षा मुहैया कराना था. इसकी उपयोगिता को देखते हुए सरकार, जनवरी 2025 में मोबाइल ऐप लेकर आई थी. यह ऐप एंड्रॉयड और iOS ऑपरेटिंग सिस्टम दोनों पर उपलब्ध है और ये पूरी तरह से फ्री है.

प्रश्न: संचार साथी ऐप ( Sanchar Saathi App) से किस किस तरह की मदद मिली है

उत्तर: संचार साथी ऐप ( Sanchar Saathi App) सरकार की ओर से बनाया गया एक साइबर सिक्योरिटी टूल है, जो 17 जनवरी 2025 को लॉन्च किया गया था. इस ऐप को अबतक 5 करोड़ से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं. यही नहीं इस ऐप की मदद से अब तक 7 लाख से ज्यादा चोरी या खो चुके मोबाइल फोन वापस मिल चुके हैं. यही नहीं ऐप की मदद से अब तक 3 करोड़ से ज्यादा फर्जी मोबाइल कनेक्शन को भी बंद किया जा चुका है. इसी तरह अब तक 37 लाख से ज्यादा चोरी के डिवाइस अब तक संचार साथी ऐप की मदद से ब्लॉक किए जा चुके हैं.

प्रश्न: संचार साथी ऐप ( Sanchar Saathi App) किस तरह से करता है काम

उत्तर: संचार साथी ऐप ( Sanchar Saathi App) सीधे तौर पर टेलीकॉम सिक्योरिटी प्रणाली (CEIR) से अटैच है. टेलीकॉम सिक्योरिटी प्रणाली है जो केंद्रीय डेटाबेस है. इस पर डेटाबेस में मोबाइल फोन का IMEI नंबर दर्ज रहता है. सरकार की ओर से बताया गया है कि ये यूजर को सुरक्षा प्रदान करता है और इसकी मदद से डिजिटल ठगी को रोका जा सकता है. ये एक ऐसा टूल है तो आपके फोन को पूरी तरह से सुरक्षित रखता है और आपकी पहचान के दुरुपयोग को रोकने में मदद करता है. अगर किसी के साथ भी किसी तरह का फ्रॉड होता है तो इसकी मदद से तुरंत सरकार मदद उपलब्ध कराई जाती है.

प्रश्न: संचार साथी ऐप ( Sanchar Saathi App) आखिर कैसे करता है काम?

उत्तर: इस ऐप ( Sanchar Saathi App) को जब भी कोई मोबाइल यूजर इंस्टॉल करता है तो सबसे पहले उसका मोबाइल नंबर डालने को कहा जाता है. नंबर डालने के बाद फोन पर एक OTP आता है. इसे डालते ही फोन सीधे ऐप से जुड़ जाता है. ऐप से जुड़ते मोबाइल का IMEI नंबर केंद्रीय डेटाबेस में पहुंच जाता है. पहले ऐप ये जांचता है कि आपका फोन वैध है या कहीं चोरी का तो नहीं है

प्रश्न: चोरी या खोए मोबाइल को कैसे ब्लॉक और ट्रेस करेंगे

उत्तर: अगर आपका मोबाइल फोन कहीं खो जाता है या चोरी हो जाता है, तो यह ऐप आपकी मदद कर सकता है. इस ऐप की मदद से आप अपने फोन को तुरंत ब्लॉक करा सकते हैं ताकि कोई भी उसका दुरुपयोग न कर सके. अगर कोई दूसरा व्यक्ति उस मोबाइल में अपनी सिम डालकर चलाने की कोशिश करता है, तो ऐप उसके नेटवर्क की जानकारी को ट्रेस करके आपको सूचित कर देता है. फोन वापस मिल जाने पर उसी ऐप से ब्लॉक हटवाना भी आसान है. पूरी प्रक्रिया मोबाइल के IMEI नंबर पर आधारित होती है.

प्रश्न: आपके नाम पर कितने मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड हैं, कैसे पता करें?

उत्तर: यह ऐप ( Sanchar Saathi App) आपके आधार/ID पर जारी किए गए सभी मोबाइल कनेक्शनों की सूची एक क्लिक में दिखा देता है. इसके जरिए आप आसानी से पता लगा सकते हैं कि कहीं कोई अनजान या फर्जी मोबाइल नंबर आपकी पहचान पर तो नहीं चल रहा. अगर ऐसा कोई नंबर मिलता है, तो आप सीधे इसी ऐप के जरिए उसे बंद कराने के लिए अनुरोध भेज सकते हैं.

प्रश्न: फर्जी कॉल, मैसेज और व्हाट्सऐप स्कैम की रिपोर्ट

उत्तर: इस ऐप ( Sanchar Saathi App) में ऐसी सुविधा भी है जिससे आप तुरंत स्पैम या फ्रॉड कॉल, SMS और व्हॉट्सएप मैसेज की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसमें बैंक KYC, बिजली या गैस बिल से जुड़ी ठगी, बीमा या निवेश घोटाले, सरकारी कर्मचारी बनकर धोखाधड़ी जैसे मामलों की भी रिपोर्ट की जा सकती है. ध्यान रहे, साइबर अपराध की एफआईआर या आधिकारिक शिकायत यहां नहीं होती. किसी भी तरह का साइबरक्राइम दर्ज कराने के लिए आपको अभी भी सरकारी पोर्टल cybercrime.gov.in पर जाना होगा.