उत्तर प्रदेश में तीन चरणों में लागू होगी जीसीएम प्रणाली, शहरों को मिलेगी ग्रीन रैंकिंग

उत्तर प्रदेश में तीन चरणों में लागू होगी जीसीएम प्रणाली, शहरों को मिलेगी ग्रीन रैंकिंग

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग ने शहरी हरित नीति के तहत एक महत्वाकांक्षी पहल शुरू की है, जिसके अंतर्गत प्रदेश के शहरों में ग्रीन कवर की निगरानी के लिए ग्रीन सिटी मॉनिटरिंग (GCM) प्रणाली विकसित की जाएगी। नगर विकास विभाग, जीसीएम प्रणाली के तहत प्रदेश के शहरों के ग्रीन कवर और पर्यावरण संरक्षण के लिए किये गये कार्यों के आधार पर तीन स्तरीय मॉनिटरिंग करेगा।

मॉनिटरिंग की ये प्रक्रिया पूरे प्रदेश में तीन चरणों में पूरी होगी। जो कि 2025 से शुरू होकर 2030 तक पूरे प्रदेश में लागू कि जाएगी। सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के विजन के अनुसार नगर विकास विभाग की यह पहल यूपी में सतत और संपोषणीय शहरी विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

ग्रीन कवर के आधार पर शहरों को मिलेगी GCM रैकिंग

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुरूप प्रदेश के शहरों में पर्यावरण संरक्षण और हरित आवरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नगर विकास विभाग ग्रीन सिटी मॉनिटरिंग (GCM) प्रणाली विकसित की है। जीसीएम प्रणाली के तहत प्रदेश के शहरों के ग्रीन कवर की तीन स्तरों निकाय स्तर, राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर मॉनिटरिंग की जाएगी। निकाय स्तर पर नगर आयुक्त या जिला अधिकारी जिला पर्यावरण समिति का गठन कर, हरित कार्यों की त्रैमासिक और वार्षिक रिपोर्ट स्टेट पोर्टल पर अपलोड करेंगे।

राज्य स्तर पर स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत राज्य स्तरीय तकनीकी समिति और एक समर्पित निगरानी टीम मॉनिटरिंग का कार्य करेगी। तो वहीं तृतीय स्तर पर राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित संस्थान थर्ड पार्टी निरीक्षण के माध्यम से शहरों के कार्यों का सत्यापन किया जाएगा। यह निगरानी भू-संदर्भित उपकरणों, मोबाइल एप्लिकेशन, उपग्रहीय आंकड़ों और वनस्पति सूचकांक के उपयोग से होगी, जिससे पौधों के स्वास्थ्य और हरित आवरण की वृद्धि का सटीक आकलन किया जाएगा।

प्रदेश के सभी शहरों में तीन चरणों में होगी ग्रीन सिटी मॉनिटरिंग

प्रदेश का नगर विकास विभाग शहरी हरित नीति को तीन चरणों में लागू करेगा। पहले चरण में ये नीति 2025 से 2027 तक प्रदेश के स्मार्ट शहरों और प्रमुख महानगरों पर ध्यान केंद्रित करेगी। जबकि दूसरे चरण में 2027 से 2030 तक इस प्रक्रिया में उन शहरों को शामिल किया जाएगा जिनकी जनसंख्या एक लाख से अधिक है। वहीं तीसरे चरण में वर्ष 2030 के बाद ये नीति पूरे राज्य की नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में लागू की जाएगी। जिसके आधार पर प्रदेश के शहरों को प्राप्त जीसीएम अंको के आधार पर ग्रीन, ग्रीन+, ग्रीन++ और ग्रीन+++ की कटेगरी में रखा जाएगा। जो शहर न्यूनतम मापदंडों को भी पूरा नहीं करेगें वो अपात्र शहरों की कैटगरी में रखे जाएगें।

GCM कैटगरी के आधार पर इन शहरों में नगरीय निकाय ग्रीन कवर को बढ़ाने के सभी संभव प्रयास करेंगे। जिसमें प्रशासकीय प्रयत्नों के साथ जनभागीदारी को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इस आधार पर प्रदेश के सभी शहरों को अल्टीमेट ग्रीन सिटी के तौर पर विकसित करने का प्रयास है। सीएम योगी आदित्यनाथ की यह पहल उत्तर प्रदेश को हरित और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ शहरों की दिशा में अग्रणी राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।