सपा का यह चरित्र पूरी तरह दलित विरोधीः डॉ लालजी प्रसाद निर्मल

सपा का यह चरित्र पूरी तरह दलित विरोधीः डॉ लालजी प्रसाद निर्मल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष एवं विधान परिषद सदस्य डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल (Lalji Prasad Nirmal) ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर करारा हमला बोला और मान्यवर कांशीराम की पुण्य तिथि पर अखिलेश के कार्यक्रम को नाटकबाजी करार दिया। डॉ. निर्मल ने कहा कि अखिलेश यादव वही नेता हैं जिन्होंने सत्ता में आते ही आंबेडकर स्मारक को ‘अय्याशी का अड्डा’ कहा और पूरे प्रदेश के दलित समाज में उबाल पैदा किया।

उन्होंने (Lalji Prasad Nirmal) आरोप लगाया कि सपा सरकार ने मान्यवर कांशीराम जी के नाम पर स्थापित उर्दू, अरबी, फारसी विश्वविद्यालय से कांशीराम जी का नाम हटा दिया। इसी तरह, कानपुर देहात के रमाबाई नगर और भदोही जिले के संत रविदास से जुड़े नाम भी हटाए गए। लखनऊ के अंतरराज्यीय बस अड्डा, गोमती नगर के हरित उद्यान से भी आंबेडकर जी के नाम को हटा दिया गया।

चाहे जितनी नाक रगड़ लें, सत्ता में लौटने वाले नहीं हैं अखिलेश

डॉ. निर्मल (Lalji Prasad Nirmal) ने आगे कहा कि सपा शासनकाल में पंवरी कांड में 9 दलित मारे गए, जबकि इटावा में दलित को ट्रैक्टर से कुचला गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सपा ने संसद में आरक्षण बिल फाड़ा और दलितों के हितों के खिलाफ कई निर्णय लिए।

डॉ. निर्मल (Lalji Prasad Nirmal) ने कहा कि अखिलेश यादव और उनके साथियों ने बाबा साहब आंबेडकर, कांशीराम और संत रविदास से नफरत दिखाई। आज वे संविधान की किताबें लेकर घूमते हैं, लेकिन उनके अतीत के दलित विरोधी कामों से नजरें नहीं हटा सकते। उन्होंने स्पष्ट किया कि सपा का यह चरित्र पूरी तरह दलित विरोधी है और ऐसे नेता सत्ता में लौटकर समाज के हाशिये पर रहे वर्गों के अधिकारों के खिलाफ काम करते रहे हैं।

डॉ. निर्मल (Lalji Prasad Nirmal) ने कहा कि आजम खान की गाजियाबाद में हज हाउस उद्घाटन के अवसर पर डॉक्टर आंबेडकर को भूमाफिया कहने पर भी अखिलेश यादव मौन रहे और ताली बजाते रहे। उन्होंने कहा कि आज अखिलेश, आजम खान की देहरी पर अपनी नाक रगड़ रहे हैं लेकिन वो कितना भी नाक रगड़ लें वो अब वह सत्ता में नहीं लौटने वाले।