प्रदेश की करोड़ों माताओं और बहनों को योगी सरकार का दीपावली गिफ्ट

प्रदेश की करोड़ों माताओं और बहनों को योगी सरकार का दीपावली गिफ्ट

लखनऊ। योगी सरकार (Yogi Government) दीपावली के अवसर पर उत्तर प्रदेश की करोड़ों माताओं-बहनों के चेहरों पर मुस्कान लाने जा रही है। प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (Pradhanmantri Ujjwala Yojana) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और वंचित परिवारों को राहत देते हुए दो निःशुल्क एलपीजी सिलेंडर रिफिल देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) बुधवार को लोकभवन सभागार में इस योजना का शुभारंभ करेंगे और पात्र महिलाओं को मुफ्त सिलेंडर रिफिल का उपहार सौंपेंगे। यह कदम राज्य सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसके तहत वह गरीबों, महिलाओं और ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ ईंधन और आर्थिक संबल देने की दिशा में लगातार काम कर रही है।

1.86 करोड़ परिवारों को मिला कनेक्शन

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (Pradhanmantri Ujjwala Yojana) की शुरुआत मई 2016 में की गई थी, ताकि वे ग्रामीण और वंचित परिवार जो अब तक लकड़ी, कोयला, गोबर के उपले जैसे पारंपरिक ईंधन का उपयोग कर रहे थे, उन्हें एलपीजी जैसे स्वच्छ ईंधन की सुविधा मिल सके। इस योजना (Pradhanmantri Ujjwala Yojana) ने ग्रामीण भारत की रसोई को न केवल धुएं से मुक्त किया, बल्कि महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को भी कम किया। उत्तर प्रदेश इस योजना के क्रियान्वयन में अग्रणी राज्य रहा है. यहां अब तक 1.86 करोड़ परिवारों को उज्ज्वला कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं।

दो चरणों में मिलेगा निःशुल्क रिफिल

राज्य सरकार ने उज्ज्वला लाभार्थियों को प्रति वर्ष दो निःशुल्क एलपीजी रिफिल देने का निर्णय लिया है। यह वितरण वित्तीय वर्ष 2025-26 में दो चरणों में किया जाएगा। पहला चरण अक्टूबर 2025 से दिसंबर 2025 तक और दूसरा चरण जनवरी 2026 से मार्च 2026 तक। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश सरकार ने ₹1500 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया है।

आधार प्रमाणित लाभार्थियों को प्राथमिकता

पहले चरण में आधार प्रमाणित लाभार्थियों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। वर्तमान में राज्य में 1.23 करोड़ उज्ज्वला लाभार्थियों का आधार प्रमाणन पूरा हो चुका है। योजनान्तर्गत तीनों ऑयल कंपनियों (इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम) के माध्यम से यह वितरण सुनिश्चित कराया जा रहा है। राज्य स्तरीय समन्वयकों द्वारा मांगी गई ₹346.34 करोड़ की अग्रिम धनराशि ऑयल कंपनियों को प्रदान कर दी गई है, ताकि वितरण में किसी प्रकार की देरी न हो।

ऐसे मिलेगा निःशुल्क रिफिल

लाभार्थी अपने स्तर से प्रचलित उपभोक्ता दर (सब्सिडी सहित) के अनुसार 14.2 किग्रा एलपीजी सिलेंडर रिफिल खरीदेंगे। इसके बाद मात्र 3–4 दिनों के भीतर सब्सिडी की राशि उनके आधार प्रमाणित बैंक खातों में ऑयल कंपनियों द्वारा अंतरित कर दी जाएगी। केंद्र सरकार की और राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी की राशि अलग-अलग लाभार्थियों के खातों में भेजी जाएगी। जिनके पास 5 किग्रा के सिलेंडर हैं, वे चाहें तो 14.2 किग्रा के सिलेंडर भी प्राप्त कर सकते हैं। वहीं, जिनके पास केवल एक कनेक्शन है, उन्हें भी योजना का लाभ मिलेगा।

आधार प्रमाणन के लिए विशेष अभियान

जिन लाभार्थियों का आधार अभी प्रमाणित नहीं हुआ है, उनका प्रमाणन प्रशासन और ऑयल कंपनियों के सहयोग से अभियान चलाकर किया जा रहा है। ऑयल कंपनियों द्वारा लाभार्थियों को एसएमएस भेजे जा रहे हैं ताकि वे शीघ्र अपना आधार सत्यापित करा सकें। आधार प्रमाणन हेतु विशेष एप विकसित किया जा रहा है, और वितरकों के यहां अतिरिक्त लैपटॉप लगाए जा रहे हैं। प्रत्येक वितरक के यहां बैनर, फ्लेक्सी और कैम्प के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। लाभार्थियों की सुविधा के लिए रोस्टर आधारित आधार प्रमाणन प्रणाली लागू की गई है।

कड़ी मॉनिटरिंग और शिकायत निवारण व्यवस्था

योजना (Pradhanmantri Ujjwala Yojana) के प्रभावी क्रियान्वयन और निगरानी के लिए दो स्तरों पर समितियां गठित की गई हैं। राज्य स्तर पर खाद्यायुक्त कार्यालय में गठित समिति योजना की नियमित समीक्षा करेगी। वहीं, जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति साप्ताहिक समीक्षा बैठकें करेगी। साथ ही, शिकायत निवारण प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

पूर्ण मात्रा में गैस वितरण की निगरानी

यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि उपभोक्ताओं को पूर्ण मात्रा (14.2 किग्रा) में गैस मिले। यदि किसी सिलेण्डर का वजन कम पाया जाता है, तो वितरक अपने संसाधनों से सिलेण्डर रिप्लेस करेगा। बांट माप विभाग और जिला प्रशासन को समय-समय पर जांच के आदेश जारी किए गए हैं।

महिलाओं को महंगाई से राहत और स्वच्छ ऊर्जा का विस्तार

वैश्विक स्तर पर पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के बीच राज्य सरकार का यह निर्णय गरीब परिवारों को महंगाई से राहत देने वाला कदम है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ ईंधन के प्रयोग की प्रवृत्ति बढ़ेगी और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।