उत्तराखंड आज विश्व के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा: सीएम धामी

उत्तराखंड आज विश्व के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा: सीएम धामी

देहारादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने मंगलवार को देहरादून स्थित एक होटल में आयोजित “अमर उजाला संवाद” कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रधानमंत्री के रूप में 11 वर्षों का स्वर्णिम कार्यकाल देश और दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत है।

मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के संकल्प को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया है, जिसका प्रभाव हर क्षेत्र में दिखाई दे रहा है। उनके नेतृत्व में उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्यों में विकास कार्यों ने गति पकड़ी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड आज विश्व के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। राज्य में कई ऐसे डेस्टिनेशन हैं, जहां देश-विदेश से पर्यटक आना चाहते हैं। आने वाले समय के लिए राज्य सरकार पूरी तरह तैयार है और सभी विकास कार्य नियोजित रूप से आगे बढ़ाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने नीति आयोग की बैठक में पर्वतीय राज्यों के लिए अलग योजनाएं एवं मानक तैयार करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि राज्य की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नीति निर्धारण होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार फ्लोटिंग पॉपुलेशन को ध्यान में रखते हुए योजनाओं को आकार दे रही है।

मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि राज्य सरकार इकोलॉजी और इकोनॉमी के बीच संतुलन बनाकर विकास को गति दे रही है। उन्होंने गंगा पुत्र के रूप में प्रधानमंत्री का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने मुखवा से शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहन देकर राज्य की आध्यात्मिक और पर्यटन छवि को नई ऊंचाई दी है।

मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि राज्य सरकार ने भू-माफियाओं से उत्तराखंड को बचाने और राज्य की भौगोलिक पहचान को संरक्षित रखने के लिए सख्त भू-कानून लागू किया है, जिससे निवेशकों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। साथ ही, उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू किया ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का निरंतर प्रयास है कि आपदाओं के प्रभाव को न्यूनतम किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने अतिक्रमण के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करते हुए देवभूमि की डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के लिए संकल्प लिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि देवभूमि के मूल स्वरूप से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।