लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने ‘विकसित यूपी@2047’ विजन (Viksit UP@2047 Vision) के तहत उत्तर प्रदेश को ऊर्जा और पर्यावरण के क्षेत्र में नई दिशा देने का खाका तैयार किया है। उनका सबसे बड़ा लक्ष्य आने वाले 22 वर्षों में प्रदेश के सभी प्रमुख नगरों को ‘सोलर सिटी’ (Solar City) के रूप में विकसित करना है। इसके साथ ही यूपी को जलवायु सहिष्णु और शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला राज्य बनाने का भी संकल्प लिया गया है।
योगी सरकार ने अक्षय ऊर्जा को दिया है बढ़ावा
योगी सरकार ने 2017 के बाद इस स्थिति को बदलने की दिशा में बड़े कदम उठाए। अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने, हरित परिवहन को प्रोत्साहित करने और वृक्षारोपण को जनांदोलन का रूप देने में सफलता मिली। इसी दौरान ‘सोलर सिटी’ (Solar City) की अवधारणा को भी आगे बढ़ाया गया, जिसके तहत अयोध्या से शुरुआत कर सभी बड़े नगरों को सौर ऊर्जा पर आधारित शहर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। बता दें कि 2017 से पहले प्रदेश का ऊर्जा उत्पादन लगभग पूरी तरह थर्मल आधारित था। प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कोई ठोस कार्ययोजना नहीं थी। वृक्षारोपण अभियान सीमित था और अक्षय ऊर्जा का योगदान बेहद कम था।
लघु अवधि (2030) के लक्ष्य
योगी सरकार ने लघु अवधि (2030) के लक्ष्य तय कर दिए हैं। इनमें अयोध्या सहित सभी प्रमुख नगरों को ‘सोलर सिटी’ (Solar City) में बदलना, वक्षाच्छादन को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करना, थर्मल ऊर्जा पर निर्भरता घटाकर 50 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा सुनिश्चित करना और सभी पर्यावरणीय एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करना शामिल है।
मध्यम और दीर्घ अवधि (2047) के लक्ष्य
मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप सरकार ने मध्यम और दीर्घ अवधि (2047) में सरकार का लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश को जलवायु सहिष्णु राज्य के रूप में विकसित किया जाए। इस दौरान वक्षाच्छादन को 20 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा और वन क्षेत्र का राष्ट्रीय योगदान 3 प्रतिशत तक पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों को ‘सोलर सिटी’ में तब्दील करने, शून्य कार्बन उत्सर्जन सुनिश्चित करने और ग्रीन हाइड्रोजन व अक्षय ऊर्जा में वैश्विक नेतृत्व हासिल करने की योजना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट मत है कि ‘सोलर सिटी’ (Solar City) की परिकल्पना न केवल ऊर्जा सुरक्षा का आधार बनेगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक समृद्धि का भी मजबूत जरिया साबित होगी। ग्रीन हाइड्रोजन, नवीकरणीय ऊर्जा और वृक्षारोपण जैसे अभियान प्रदेश को 2047 तक न सिर्फ ‘विकसित यूपी’ बल्कि ‘ग्रीन यूपी’ भी बनाएंगे।