मुश्किलों को बढ़ा सकता है नकारात्मक ऊर्जा का संचार, घर के मंदिर में क्या न रखें …?

मुश्किलों को बढ़ा सकता है नकारात्मक ऊर्जा का संचार, घर के मंदिर में क्या न रखें …?

घर का मंदिर (पूजा स्थल) (Temple) घर की सबसे पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यह वह महत्वपूर्ण स्थान है जहाँ हम ईश्वर का ध्यान, प्रार्थना और पूजा-पाठ करके सबसे अधिक सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं। जब किसी व्यक्ति का मन अशांत होता है, तो वह इसी पूजा स्थान पर बैठकर मन की शांति की कामना करता है, क्योंकि यह सकारात्मकता का मुख्य स्रोत है।

हालांकि, वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार, यदि मंदिर से जुड़ी कुछ बातों का ध्यान न रखा जाए, तो यह सकारात्मक ऊर्जा नकारात्मकता में बदल सकती है।

आज हम आपको उन कुछ विशेष चीजों के बारे में बता रहे हैं, जिनका घर के मंदिर में मौजूद होना आपकी मुश्किलों को बढ़ा सकता है और नकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकता है। वास्तु दोष से बचने के लिए इन चीजों को जितना जल्दी हो सके, अपने पूजा स्थल से बाहर कर दें।

खंडित चावल न रखें

पूजा रुम में खंडित चावल भी नहीं रखने चाहिए। यदि आपने मंदिर (Temple)  में ऐसे चावल रखें हैं तो उन्हें हटाकर साबुत चावल रख दें। मान्यताओं के अनुसार, देवी-देवताओं को अखंडित चावल कभी भी नहीं चढ़ाने चाहिए।

न रखें फटी हुई धार्मिक पुस्तके

घर में फटी हुई धार्मिक पुस्तकें भी कभी भी नहीं रखनी चाहिए। यदि कोई पुस्तक ऐसी है जो फट गई है तो उसे बहते पानी में प्रवाह दें।

न रखें पुराने फूल

बहुत से लोग अपने पूजा रुम को रोजाना फूलों से सजाते हैं। भगवान की पूजा में फूलों को बहुत ही महत्व दिया जाता है। लेकिन बहुत से लोग फूलों का इस्तेमाल होने के बाद उन्हें घर के किसी कोने में रख देते हैं जो कि अच्छी आदत नहीं है। इससे घर में नेगेटिव एनर्जी का प्रभाव बढ़ता है। वास्तु मान्यताओं के अनुसार, घर में सूखे फूल रखने से दरिद्रता आती है। इसके अलावा अकाल मृत्यु दोष और विवाह में परेशानी जैसी समस्याएं भी आ सकती हैं।

भगवान के रौद्र रूप की तस्वीर

यदि आप अपने घर में सुख समृद्धि बनाए रखना चाहती हैं तो आपके लिए यह जरूरी है कि अपने घर के मंदिर (Temple) से तुरंत ही भगवान के रौद्र रूप की कोई भी मूर्ति या तस्वीर को हटा दें। ऐसा माना जाता है कि कोई भी ऐसी तस्वीर जो गुस्से में दिखाई देती है वो घर में होने वाले कलह कलेश का कारण बन सकती है। मुख्य रूप से हनुमान जी के रौद्र अवतार की तस्वीर और भगवान शिव के नटराज रूप की मूर्ति घर के मंदिर से तुरंत हटा दें।

एक देवी-देवता की ज्यादा मुर्तियां न रखें

कई लोग श्रद्धा की वजह से एक ही भगवान की एक से ज्यादा मूर्तियां रखते हैं। ऐसी मूर्तियां घर में खुशहाली की जगह समस्याओं का कारण बन सकती हैं क्योंकि मान्यता है कि हम जिस भगवान की भी पूजा करते हैं उनकी एक से अधिक मूर्तियां एक ही स्थान पर नहीं होनी चाहिए।

खंडित मूर्तियां

वास्तु शास्त्र और हिंदू शास्त्रों में मंदिर में देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां रखना अशुभ माना गया है। वास्तु में कहा गया है कि मंदिर में कभी भी टूटी हुई और खंडित मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं, तो इससे आपको पूजा का पूरा फल नहीं मिलेगा। साथ ही, घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होगा।

पूर्वजों की तस्‍वीर न लगाएं

पूजाघर में भूलकर भी अपने पूर्वजों की तस्‍वीर नहीं लगानी चाहिए। शास्‍त्रों में इसे सही नहीं माना गया है। पूर्वजों की तस्‍वीरें मंदिर में लगाने के बजाए आप अपने घर की दक्षिणी दीवार पर लगाएं। ऐसा करने से पितर आप पर प्रसन्‍न होते हैं।

धारधार वस्तु न रखें

मंदिर में ऐसी कोई भी वस्तु न रखें जो तेज और धारदार हो। माना जाता है कि ऐसी वस्तु मंदिर में रखने से व्यक्ति के ऊपर शनि का दुष्प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा घर में भी नेगेटिव एनर्जी का आगमन होता है। मंदिर में यदि आप भोग या प्रसाद के फल काटने के लिए यदि चाकू इस्तेमाल करते हैं तो उसे तुरंत बाद पूजाघर से हटा दें।