Alert! Apple–Google यूजर्स पर हैकिंग का खतरा, बचने के लिए तुरंत करें ये काम

Alert! Apple–Google यूजर्स पर हैकिंग का खतरा, बचने के लिए तुरंत करें ये काम

यदि आप स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है. Apple और Google ने दुनिया भर में फैले एक गंभीर साइबर अटैक के बाद इमरजेंसी सिक्योरिटी अपडेट जारी किए हैं. दोनों कंपनियों ने माना है कि हैकर्स उनके डिवाइसेज में मौजूद अनजान खामियों का इस्तेमाल कर यूजर्स को निशाना बना रहे थे. यह हमला zero-day vulnerability से जुड़ा था, जिसका इस्तेमाल पैच आने से पहले ही किया जा चुका था. iPhone, Android, Chrome और Safari जैसे प्लेटफॉर्म इस खतरे की चपेट में आए हैं. यूजर्स को तुरंत अपडेट करने की सलाह दी गई है.
Google Chrome में Zero-Day बग से मचा हड़कंप
Google ने अपने Chrome ब्राउजर के लिए कई सिक्योरिटी फिक्स जारी किए. कंपनी ने पुष्टि की कि इनमें से एक खामी का इस्तेमाल हैकर्स पहले ही कर चुके थे. यही वजह है कि इसे zero-day vulnerability माना गया, क्योंकि गूगल को इस बग की जानकारी तब मिली जब हमला शुरू हो चुका था. शुरुआत में गूगल ने हमले की डिटेल शेयर नहीं की, जिससे खतरे की गंभीरता और बढ़ गई.
Apple की सिक्योरिटी टीम ने किया बड़ा खुलासा
बाद में गूगल ने बताया कि इस खामी की पहचान एपल की सिक्योरिटी इनजीनियरिंग टीम और गूगल थ्रेट एनालिसिस ग्रुप (TAG) ने मिलकर की थी. TAG आमतौर पर सरकार समर्थित हैकर्स और स्पाइवेयर कंपनियों पर नजर रखती है. इससे संकेत मिलते हैं कि यह साइबर हमला किसी स्टेट-स्पॉन्सर्ड ग्रुप द्वारा किया गया हो सकता है. ऐसे हमले आम यूजर्स की बजाय चुनिंदा लोगों को टारगेट करते हैं.
Apple डिवाइसेज पर भी गंभीर खतरा
लगभग इसी समय एपल ने भी अपने लगभग सभी बड़े डिवाइसेज के लिए इमरजेंसी अपडेट जारी किए. इनमें iPhone, iPad, Mac, Apple Watch, Vision Pro, Apple TV और Safari ब्राउजर शामिल हैं. Apple ने iOS और iPadOS में दो गंभीर खामियों को ठीक किया है. कंपनी ने चेतावनी दी कि इन बग्स का इस्तेमाल बेहद एडवांस्ड हमलों में किया गया हो सकता है, खासकर iOS 26 से पुराने वर्जन पर.
सरकारी निगरानी और स्पाइवेयर से जुड़ा हो सकता है मामला
Apple ने साफ किया है कि ये खामियां खास तौर पर कुछ टारगेटेड लोगों के खिलाफ इस्तेमाल की गई थीं. ऐसे हमले अक्सर सरकारी निगरानी अभियानों या NSO Group और Paragon Solutions जैसी स्पाइवेयर कंपनियों से जुड़े होते हैं. पत्रकारों, एक्टिविस्ट्स, वकीलों और राजनीतिक असंतुष्टों को ऐसे हमलों में निशाना बनाया जाता है. एपल और गूगल दोनों ने यूजर्स से अपील की है कि वे अपने डिवाइसेज को तुरंत लेटेस्ट अपडेट पर शिफ्ट करें, ताकि इस खतरे से सुरक्षित रह सकें.