एल्कोबेव सेक्टर से यूपी को ₹56,000 करोड़ का राजस्व, 5.3 लाख लोगों को मिला रोजगार

एल्कोबेव सेक्टर से यूपी को ₹56,000 करोड़ का राजस्व, 5.3 लाख लोगों को मिला रोजगार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संकल्प को पूरा करने में सभी सेक्टर अपना योगदान दे रहे हैं। इसमें एक्लोबेव सेक्टर (Alcobev Sector) भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यूपी के एल्कॉहलिक बेवरेज उद्योग ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान मार्केट रेवेन्यु में 56,000 करोड़ रुपए का योगदान दिया, जो राज्य के जीडीपी का 2.4 फीसदी है। यही नहीं, कृषि, निर्माण, पैकेजिंग, आतिथ्य, लॉजिस्टिस एवं रीटेल से जुड़ा होने के कारण यह उद्योग 5.3 लाख लोगों को आजीविका के अवसर भी प्रदान करता है।

इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ISWAI) ने बुधवार को प्रदेश के एल्कॉहलिक बेवरेज (Alcobev) उद्योग पर अपनी पहली व्यापक रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की है। बिल्डिंग पाथवेज फॉर फ्यूचर इन्वेस्टमेंट्स एंड ग्रोथः एल्कोलिक बेवरेजेस इंडस्ट्री इन उत्तर प्रदेश नाम की इस रिपोर्ट में राज्य की अर्थव्यवस्था, रोजगार, कृषि, पर्यटन और औद्योगिक विकास में एल्कोबेव उद्योग की बहुआयामी भूमिका को रेखांकित किया गया है।

वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की दिशा में कारगर प्रयास

रिपोर्ट के विमोचन के अवसर पर राज्य मंत्री, एक्साइज़, नितिन अग्रवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार आर्थिक विकास एवं सार्वजनिक कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए प्रगतिशील एवं पारदर्शी एक्साइज़ प्रणाली के निर्माण की दिशा में प्रतिबद्ध है। ISWAI यूपी इकोनॉमिक रिपोर्ट 2025 नौकरियों के सृजन से लेकर गांवों की प्रगति एवं पर्यटन के विकास तक इस उद्योग के बहु-आयामी योगदान को दर्शाती है। यह उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के मुख्यमंत्री (CM Yogi)  के विजन के अनुरूप भावी नीतियों को आकार देने में कारगर होगा। एक्साइज़ कमिशनर, डॉ आदर्श सिंह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश ने एक्साइज़ डोमेन में बड़े एवं प्रगतिशील सुधार किए हैं।

पारदर्शिता को अपनाकर, पारम्परिक एकाधिकार को समाप्त कर, डिजिटल प्रशासन और प्रतिस्पर्धी एवं निवेशक अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देकर प्रदेश ने दीर्घकालिक मूल्य सृजन की मजबूत नींव तैयार की है। ISWAI के सीईओ संजीत पाधी ने कहा कि यह उद्योग राज्य को एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उत्तर प्रदेश एक आर्थिक पावरहाउस के रूप में बदल रहा है और एल्कॉहलिक बेवरेज सेक्टर (Alcobev Sector) इस यात्रा में महत्वपूर्ण पार्टनर है।

नीतिगत पहलों को लागू करने का आह्वान

ISWAI यूपी इकोनॉमिक रिपोर्ट 2025 उत्तर प्रदेश के एल्कोबेव उद्योग का पहला व्यापक अध्ययन है, जिसे एल्कोबेव कंपनियों, उद्योग जगत के विशेषज्ञों और विश्वस्तरीय स्रोतों जैसे इंटरनेशनल वाइन एंड स्पिरिट रिसर्च (IWSR) के सहयोग से विकसित किया गया है।

यह राज्य के एल्कॉहलिक बेवरेज उद्योग (Alcobev Sector) के बारे में व्यापक जानकारी प्रस्तुत करता है। यह रिपोर्ट नीतिगत पहलों के लिए भी आह्वान करती है जैसे प्रीमियम प्रोडक्ट्स के लिए टैक्स को युक्तिसंगत बनाना, रीटेल पहुंच का विस्तार, निर्यात के लिए सपोर्ट, विनियामक प्रणाली में डिजिटलीकरण द्वारा कारोबार की सुगमता को सुनिश्चित करना।

रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु

▪️यूपी में होने वाले टैक्स कलेक्शन का 25 फीसदी हिस्सा एल्कॉहलिक बेवरेजेज़ से आता है।

▪️एल्कोहल परोसने वाले लाइसेंसी एफ एंड बी संस्थानों की 14-19 फीसदी कमाई एल्कोहल की बिक्री से होती है और ये 50,000 से अधिक लोगों को रोज़गार देते हैं।

▪️राज्य के 27,308 लिकर रीटेल आउटलेट 1.3 लाख लोगों को नौकरियां देते हैं।

▪️बेवरेज प्रोडक्शन के लिए अनाज और गन्ने की खरीद के कारण 3.4 लाख से अधिक किसानों को सीधा फायदा मिलता है।

▪️यह उद्योग फिरोज़ाबाद की ग्लास इकोनॉमी में ज़बरदस्त योगदान देता है, शहर में कंटेनर ग्लास आउटपुट के 80 फीसदी हिस्से की खपत बेवरेज सेक्टर में होती है।

▪️यूपी की एक्साइज़ पॉलिसी 2025-26 पर्यटन विभाग के साथ साझेदारी में वाइनरी और माइक्रो-ब्रेवरीज़ की स्थापना द्वारा एल्कॉहल-टूरिज़्म को बढ़ावा देती है।

▪️इंडियन मेड फॉरेन लिकर (आईएमएफएल) सेगमेन्ट ने वॉल्युम में सालाना 10 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की है, जो प्रीमियमाइजेशन की ओर उपभोक्ताओं के बढ़ते रूझानों को दर्शाती है।