प्रदेश में उत्पादन क्षमता बढ़ाने के साथ हरित ऊर्जा की दिशा में कार्य करने को सरकार प्रतिबद्ध

प्रदेश में उत्पादन क्षमता बढ़ाने के साथ हरित ऊर्जा की दिशा में कार्य करने को सरकार प्रतिबद्ध

लखनऊ: नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा (AK Sharma) ने मानसून सत्र के प्रत्येक सत्र में विधानसभा और विधान परिषद की कार्यवाही में दृढ़ता से विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए नगर विकास एवं ऊर्जा विभाग के विजन को रखा। विजन -2047 के चर्चा में  मुख्यमंत्री सहित उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक ने मंत्री जी के कार्यों को सराहा। 24 घण्टे लगातार चलने वाले विजन-2047 की चर्चा में मंत्री जी (AK Sharma) ने विधान परिषद में विद्युत विभाग के प्रत्येक कोने में स्वच्छ, सुरक्षित और सुचारू रूप से विद्युत वितरण के लक्ष्य को रखा।

ऊर्जा मंत्री (AK Sharma) ने कहा कि सूखे और बाढ़ की स्थिति से बड़ी ही सक्षमता बहुत ही सक्रियता के साथ बिजली विभाग ने काम किया। प्रदेश में ऐतिहासिक और देश में सर्वाधिक बिजली हमने दिया। और यही क्रम लगातार तीन वर्ष से बना हुआ है।

2017 के पूर्व गाँव और कस्बों में तो बिजली आती ही कहाँ थी कि उनका जाना न्यूज़ बने। विपक्ष कहता है कि बाढ़ सूखा तो पहले भी होता था। इतनी समस्या बिजली को लेकर नहीं दिखती थी। 2017 के पूर्व लोगों को फ़र्क़ इसलिए नहीं पड़ता था कि बिजली थी ही नहीं। सूखा है तो भी बिजली नहीं। सूखे के पहले भी नहीं, सूखे के बाद भी नहीं। बाढ़-आंधी-तूफ़ान के बिना भी बिजली नहीं। आंधी तूफ़ान में भी नहीं। उसके बाद भी नहीं। बाढ़-सूखे, आंधी-पानी और बिजली का कुछ लेना देना नहीं था। अब बिजली है। दी जा रही है, इसलिए लोगों के जीवन में महत्व है इसका और इसीलिए इसके आने और जाने से अब फ़र्क़ पड़ता है। पाँच मिनट बिजली न रहे तो न्यूज़ बन जाती है। पहले पाँच-पाँच दिन का रोस्टर होता था, चल जाता था।

सामान्य जनजीवन में आज बिजली की जरूरत ज़्यादा है। बिजली की माँग अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है। बिजली न होने की परिस्थिति की सहनशीलता भी कम हुई है। हम इस बात को समझते हैं और इसे चुनौती मानकर अपनी व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त बनाते हुए देश ही नहीं, दुनिया की सर्वश्रेष्ठ विद्युत व्यवस्था बनाना चाहते हैं।

उन्होंने प्रदेश की जनता को आश्वस्त किया कि हमारे समय में बिजली का उत्पादन बढ़ा है, आपूर्ति बढ़ी है और उसे हर जगह पहुँचाने वाली अवसंरचना भी मजबूत हुई है। और भी बेहतरी लाने का यह कार्य निरंतर जारी है। अगर विपक्ष की सरकारों ने अपने लंबे शासनकाल में इसकी एक चौथाई भी चिंता की होती तो भाजपा को विरासत में देश और प्रदेश की ऐसी खस्ताहाल व्यवस्था नहीं मिली होती।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पहली बार भारत ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर हुआ है। प्रधानमंत्री के ही नेतृत्व में हम विकसित भारत बनाने की तरफ़ आगे बढ़ रहे हैं। डबल इंजन की यूपी सरकार नए भारत का नया यूपी बनाने के लिए अग्रसर है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बिजली प्रबंधन सहित सुशासन देने की राह में हमारी प्रतिस्पर्धा स्वयं अपने से है। हम जनता की जो सेवा कर रहे हैं, उससे हर पल, हर रोज़ बेहतर करना चाहते हैं। जो आज है, उससे बेहतर कल हम लोगों को देना चाहते हैं। हम उपभोक्ता को देवता मानते हैं और इसी भावना से उसकी थोड़ी सी भी पीड़ा बर्दाश्त नहीं कर सकते। हमारी जद्दोजहद इसी मंशा से है।

हमारी जद्दोजहद जनता की बेहतर सेवा के लिए है। हम बबुल का समूल बिनाश करना चाहते हैं। हम उन्हें अरबपति नहीं बनाना चाहते हैं। आज जब विपक्ष बिजली पर बोलते हैं तो वो कहावत याद आ जाती है — *”सूपवा त सुपवा, चलनियों बोले वाली”।

ऊर्जा मंत्री का विपक्ष पर वार, आंकड़ों के साथ दी उपलब्धियों की झलक

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जिनके शासनकाल में लोग नीम के तेल के दिए और मिट्टी के तेल की ढेबरी के सहारे जीते थे, आज प्रदेश देश में सबसे अधिक बिजली आपूर्ति करने वाला राज्य बन गया है।

मंत्री ने आरोप लगाया कि 2012-17 में बिजली की औसत पीक डिमांड सिर्फ़ 13,000 मेगावॉट थी, जबकि पिछले तीन वर्षों में यह औसतन 30,000 मेगावॉट रही — यानी ढाई गुना बढ़ोतरी। किसानों को भी बड़ी राहत दी गई है; आठ वर्षों में पाँच लाख नए नलकूप कनेक्शन दिए गए और बिजली बिल माफ़ किए गए, जबकि विपक्ष ने 70 वर्षों में मात्र दस लाख कनेक्शन दिए थे।

उन्होंने दावा किया कि 2017 की तुलना में आज दो गुने से अधिक उपभोक्ताओं को बिजली मिल रही है। 1.5 लाख मजरों का विद्युतीकरण हाल के वर्षों में किया गया, जबकि 2017 तक यह संख्या 1.28 लाख थी। बिजली उत्पादन में भी बड़ा इज़ाफ़ा हुआ है — 2017 में 5,160 मेगावॉट का अधिकतम उत्पादन आज 9,120 मेगावॉट पर पहुँच गया है।

ऊर्जा आपूर्ति के अन्य स्रोतों से 2017 में 11,803 मेगावॉट उपलब्ध थी, जो 2025 में बढ़कर 20,038 मेगावॉट हो गई — यानी लगभग दोगुनी। ट्रांसमिशन क्षमता 39,000 MVA से बढ़कर 2 लाख MVA हो गई, जबकि हाई-वोल्टेज लाइन की लंबाई 33 हज़ार से 58 हज़ार सर्किट किलोमीटर तक पहुँच गई।

मंत्री ने यह भी बताया कि पिछले तीन वर्षों में 1.59 लाख किलोमीटर जर्जर तार बदले गए हैं और 29 लाख पुराने खंभों को बदलकर नए लगाए गए हैं। अब हर गाँव, नगर और जिले में बिजली पहुंच रही है, जबकि पहले कई जगह बिजली के तार और खंभे केवल कपड़ा सुखाने या बच्चों के झूला झूलने के काम आते थे।

उन्होंने तंज कसा कि विपक्ष के समय हफ़्ते-दस दिन में आने वाली बिजली सुर्खियाँ बनती थी, जबकि आज 18 से 24 घंटे सप्लाई दी जाती है, और कभी-कभार आने वाली स्थानीय गड़बड़ियां भी बड़ी ख़बर बना दी जाती हैं।

उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग का स्वर्णिम दौर – मंत्री

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 1947 से 2017 तक प्रदेश के विद्युत विभाग की स्थिति अत्यंत भयावह थी, लेकिन आज उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग लगातार उत्कृष्ट कार्य कर रहा है।

मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 24×7 गुणवत्तापूर्ण विद्युत वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है। हरित ऊर्जा और थर्मल पावर की क्षमता बढ़ाने पर निरंतर कार्य जारी है। किसानों को अन्न उत्पादक से सौर ऊर्जा उत्पादक बनाने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है, जिससे हर घर सौर ऊर्जा और हर घर आमदनी संभव हो सके।

उन्होंने कहा कि गोबर, पराली और शहरी कचरे से बायोगैस व वेस्ट टू एनर्जी परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। आरडीएसएस में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान, सीबीजी – 23 टीडीपी में प्रथम स्थान, और ग्रीन कॉरिडोर में नंबर 1 पर है। वर्तमान समय में 18, 20 और 24 घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

विपक्ष पर निशाना साधते हुए मंत्री ने कहा कि “तत्कालीन समय में विपक्ष की भूमिका विक्रम-बेताल के बेताल जैसी है, जो देश-प्रदेश में भ्रम और झूठ फैला रही है।” उन्होंने आरोप लगाया कि जिन्होंने प्रदेश में बिजली का निजीकरण शुरू किया था, वही आज निजीकरण का विरोध कर रहे हैं।

मंत्री ने स्पष्ट किया कि भाजपा सरकार न केवल बिजली उत्पादन बढ़ा रही है, बल्कि हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भी लगातार काम कर रही है।

1. Capacity upgrade of substation from 5 to 10 MVA as demanded in the video
2. ⁠separate feeder for the town, separating it from the rural feeders

VCBs at the substation are working fine. But if not at any time in future, they will be replaced. This is a minor work.