देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने बुधवार को हाथीबड़कला, देहरादून में नववर्ष के अवसर पर आयोजित पूर्व सैनिक मिलन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड वीर सैनिकों और पूर्व सैनिकों की भूमि है तथा राज्य सरकार उनके सम्मान, पुनर्वास और कल्याण के लिए निरंतर संवेदनशील और सक्रिय है।
मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि सैनिक पुत्र होने के कारण उन्होंने सेना के अनुशासन, त्याग और देशभक्ति को करीब से देखा है। इसी कारण वे सैनिकों और पूर्व सैनिकों से जुड़े हर कार्यक्रम में जाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी प्रत्येक महत्वपूर्ण अवसर पर सैनिकों के बीच जाकर उनका मनोबल बढ़ाते हैं।
मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सैनिकों और पूर्व सैनिकों के हित में अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं। सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण, सीमावर्ती क्षेत्रों के तीव्र विकास, आधुनिक उपकरणों, आवास एवं कल्याण सुविधाओं में लगातार वृद्धि से सक्रिय सैनिकों के साथ-साथ पूर्व सैनिक समुदाय का भी मनोबल और गौरव बढ़ा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शहीद आश्रितों, पूर्व सैनिकों और सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है।
कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सैनिक और पूर्व सैनिक देश की शान हैं, जिनके त्याग, बलिदान और अनुशासन के कारण भारत सुरक्षित और सशक्त है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए निरंतर ठोस कदम उठा रही है।
सैनिक कल्याण मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सैनिकों को दी जाने वाली पुरस्कार एवं सम्मान राशि में कई गुना वृद्धि की गई है। साथ ही सीमा पर देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त होने वाले जवानों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। अब तक 28 शहीद सैनिकों के परिजनों को सरकारी सेवा में रोजगार दिया जा चुका है।
इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह, ब्रिगेडियर केजी बहल, मेजर जनरल सम्मी सबरवाल, लेफ्टिनेंट जनरल अश्वनी कुमार, मेजर जनरल ओपी राणा, ब्रिगेडियर जेएनएस बिष्ट, मेजर जनरल देवेश अग्निहोत्री, मेजर जनरल ओपी सोनी, मेजर जनरल आनंद रावत सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक उपस्थित रहे।
