पौष पुत्रदा एकादशी आज, जानें पूजा विधि एवं व्रत पारण का समय

पौष पुत्रदा एकादशी आज, जानें पूजा विधि एवं व्रत पारण का समय

सनातन धर्म में एकादशी बहुत ही पवित्र तिथि मानी जाती है। ये तिथि जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित की गई है। साल में 24 बार एकादशी पड़ती है। इस तिथि पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा और व्रत किया जाता है। पौष माह के शुक्ल पक्ष में पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ये एकादशी विशेष तौर पर संतान सुख और बच्चों की भलाई के लिए शुभ मानी गई है।
मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है। साल 2025 में पौष पुत्रदा एकादशी (Paush Putrada Ekadashi) का व्रत कल यानी 30 दिसंबर को रखा जाएगा। ऐसे में आइए जानते हैं पौष पुत्रदा एकादशी की पूजा विधि और पारण का समय।
कब है पौष पुत्रदा एकादशी (Paush Putrada Ekadashi)
द्रिक पंचांग के अनुसार, पौष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत कल 30 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 50 मिनट पर हो रही है। इस एकादशी तिथि का समापन 31 दिसंबर को सुबह 05 बजे होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी (Paush Putrada Ekadashi) व्रत इस साल 30 दिसंबर यानी कल रखा जाएगा।
पौष पुत्रदा एकादशी (Paush Putrada Ekadashi) पूजा विधि
पौष पुत्रदा एकादशी (Paush Putrada Ekadashi) के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान करें। एकादशी व्रत करने का विधि-विधान से संकल्प लें। चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर रखें। उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं। पीले वस्त्र, पीले फूल, तुलसी दल, अक्षत और धूप-दीप अर्पित करें। भगवान विष्णु को पीली मिठाई और फल का भोग अर्पित करें। भोग में तुलसी दल जरूर शामिल करें। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का 108 बार जप करें। पौष पुत्रदा एकादशी व्रत कथा का पाठ करें। अंत में आरती कर पूजा पूरी करें।
पौष पुत्रदा एकादशी (Paush Putrada Ekadashi) व्रत पारण समय
एकादशी के व्रत का पारण हमेशा द्वादशी तिथि पर किया जाता है। पौष पुत्रदा एकादशी के व्रत का पारण का समय 31 दिसंबर दोपहर 01 बजकर 26 मिनट से 03 बजकर 31 मिनट तक रहने वाला है। पारण तिथि के दिन हरि वासर सुबह 10 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगा।
पौष पुत्रदा एकादशी (Paush Putrada Ekadashi) व्रत पारण विधि
– पौष पुत्रदा एकादशी (Paush Putrada Ekadashi) व्रत का पारण सूर्योदय के बाद और द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करें।
– व्रत के पारण से पहले स्नान कर लें और साफ वस्त्र धारण करें।
– इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। दीपक जलाएं और उनको भोग अर्पित करें।
– इसके बाद हल्का और सात्विक भोजन खाएं।
– मसालेदार खाना खाकर व्रत का पारण न करें।