पौष पूर्णिमा पर न करें ये काम, वरना नहीं मिलेगा व्रत का फल

पौष पूर्णिमा पर न करें ये काम, वरना नहीं मिलेगा व्रत का फल

हिंदू धर्म में पौष महीने की पूर्णिमा (Purnima) विशेष महत्व रखती है. इसको ‘मोक्षदायनी पूर्णिमा’ भी कहा जाता है. पूर्णिमा की तिथि बड़ी पावन मानी जाती है. पौष पूर्णिमा ही वो दिन होता है जब पवित्र तीर्थों में माघ स्नान भी शुरू होता है. इस दिन स्नान-दान की पंरपरा सदियों से चली आ रही है. मान्यता है कि पूर्णिमा पर स्नान-दान करने से पुण्य फल प्राप्त होते हैं.
इस दिन भगवान विष्णु और शिव जी की पूजा की जाती है. पूर्णिमा के कुछ नियम भी हिंदू धर्म शास्त्रों में बताए गए हैं, जिनका पालन अवश्य करना चाहिए. मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन हिंदू धर्म शास्त्रों में बताए गए नियमों का पालन करने से जन्म जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) के दिन क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए?
पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) 2026 डेट
पौष माह की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 02 जनवरी 2026 को शाम 06 बजकर 53 मिनट पर होगा. इस तिथि का समापन 03 जनवरी 2026 को दोपहर 03 बजकर 32 मिनट पर जाएगा. चूंकि 03 जनवरी को सूर्योदय के समय पूर्णिमा तिथि विद्यमान रहेगी, इसलिए पौष पूर्णिमा 3 जनवरी 2026, शनिवार को मनाई जाएगी.
पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) पर क्या करें?
पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) पर ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. अगर किसी नदी में जाकर स्नान करना संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लेना चाहिए.
सुबह तांबे के लोटे में जल, लाल फूल और अक्षत डालकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. फिर रात में चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए.
पौष पूर्णिमा पर सत्यनारायण की कथा सुननी चाहिए.
जरूरतमंदों को तिल, गुड़, कंबल या गर्म कपड़ों का दान करना चाहिए.
रात के समय लक्ष्मी जी की पूजा करनी चाहिए. उन्हें सफेद मिठाई और खीर का भोग लगाना चाहिए.
पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) पर क्या न करें?
पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) पर तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.
इस दिन देर तक नहीं सोना चाहिए.
इस दिन घर के बुजुर्गों या किसी भी असहाय व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए. क्रोध से बचना चाहिए.
पूर्णिमा तिथि पर तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए.
इस दिन पैसों का लेन-देन नहीं करना चाहिए.