घर में मंदिर (Temple) शुभ उर्जा का संचार करता है। मंदिर या पूजा का स्थान नियत होने से सारी परेशानियां घर से स्वत: ही चली जाती हैं। घर के मंदिर में पूजा करने से आर्थिक समृद्धि बनी रहती है। घर के सदस्यों में तालमेल बना रहता है।
हालांकि, घर में मंदिर या पूजा का पूर्ण लाभ तभी होता है जब इसको नियमों के अनुसार स्थापित किया जाए। साथ ही मंदिर से संबंधित नियमों का पालन भी किया जाए। ऐसे में आइए जानते हैं कि घर के मंदिर से जुड़े कौन से नियमों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए?
घर में मंदिर (Temple) के नियम
घर में मंदिर (Temple) ईशान कोण में होना चाहिए। पूजा का स्थान एक बार तय करने बाद फिर बदलना नहीं चाहिए। पूजा स्थान का रंग हल्का पीला या श्वेत रखना चाहिए। मंदिर में अगर मूर्ति स्थापित करनी हो तो वो 12 अंगुल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। हालांकि, मंदिर में तस्वीर कितनी भी बड़ी रखी जा सकती है। मंदिर अगर फ्लैट में है, तो सिर्फ सूर्य के प्रकाश का ध्यान रखना चाहिए। पूजा स्थान पर शंख, गोमती चक्र और एक पात्र में जल भरकर जरूर रखना चाहिए।
दोनों वेला एक ही समय पर मंदिर में पूजा करनी चाहिए। सायंकाल की पूजा में मंदिर में दीपक अवश्य जलाना चाहिए। मंदिर हमेशा साफ सुथरा रखना चाहिए। मंदिर का दरवाजा बंद नहीं रखना चाहिए।
घर के मंदिर (Temple) में न रखें ये चीजें
घर के मंदिर (Temple) में पूर्वजों की तस्वीरें नहीं लगानी चाहिए। मंदिर सिर्फ पूजा की जगह होती है। मंदिर में पूर्वजों की तस्वीर रखने से घर में गरीबी और आर्थिक परेशानियां बढ़ सकती हैं। मंदिर में भगवान की ऐसी तस्वीरें या मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए, जो टूटी या फटी हुई हों। मंदिर में पूजा में चढ़ाए जा चुके फूलों को सूख जाने के बाद नहीं रखना चाहिए। घर के मंदिर में किसी जीवित साधु-संत या धर्मगुरु की फोटो नहीं रखनी चाहिए।
घर के मंदिर से जुड़े इन नियमों का रखें ध्यान, वरना पीछा नहीं छोड़ेगी गरीबी!
