तुलसी पूजन दिवस पर करें ये काम, मिलेगा श्री हरी और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद

तुलसी पूजन दिवस पर करें ये काम, मिलेगा श्री हरी और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद

हर घर में रोजाना तुलसी (Tulsi) की पूजा की जाती है। उनको जल दिया जाता है। हिंदू धर्म में तुलसी को सिर्फ पौधा नहीं, बल्कि देवी का स्वरूप माना जाता है। तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय है। भगवान की पूजा में भोग के रूप में तुलसी उपयोग की जाती है। तुलसी में माता लक्ष्मी का वास होता है। माना जाता है कि सच्ची श्रद्धा से तुलसी की पूजा करने पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
हर साल पूरे भारत में तुलसी पूजन दिवस (Tulsi Pujan Diwas) मानाया जाता है। हिंदू मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों की असीम कृपा मिलती है। तुलसी को हरिप्रिया कहा जाता है। तुलसी की पूजा करने से नकारात्मक शक्तियां घर से दूर रहती हैं। घर में सुख-शांति का वास रहता है। तुलसी पूजन दिवस के दिन पूजा-पाठ के साथ-साथ कुछ विशेष काम करने चाहिए। मान्यता है कि इस दिन इन कामों को करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
तुलसी पूजन दिवस (Tulsi Pujan Diwas) कब है?
पंचांग के अनुसार, साल 2025 में तुलसी पूजन दिवस 25 दिसंबर, गुरुवार को रहेगा। हालांकि, पौष मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 24 दिसंबर की शाम को हो जाएगी, लेकिन उदया तिथि के अनुसार, 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाएगा।
तुलसी पूजन दिवस (Tulsi Pujan Diwas) पर करें ये काम
तुलसी जी (Tulsi) की पूजा-अर्चना और परिक्रमा करें
इस बार तुलसी पूजन दिवस गुरुवार के दिन है। इस दिन पर सुबह स्नान करने के बाद पीले रंग के वस्त्र पहनें। फिर तुलसी जी की पूजा-अर्चना करें। 3 या 7 बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
तुलसी जी (Tulsi) के समक्ष दीपक जलाएं
तुलसी पूजन दिवस के दिन सूर्यास्त के बाद तुलसी जी के समक्ष गाय के घी क दीपक जरूर जलाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से घर से नकारात्मकता दूर हो जाती है। साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह घर में रहता है।
रखें इन बातों का ध्यान
शुभ फलों का प्राप्ति के लिए इस दिन कुछ बातों का ध्यान रखना भी आवश्यक है। इस दिन बिना स्नान किए तुलसी जी (Tulsi) को नहीं छूना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन या कभी भी सूर्यास्त के बाद तुलसी में जल नहीं देना चाहिए।