लखनऊ। डिजिटल लेनदेन और ऑनलाइन गतिविधियों के बढ़ते दायरे के साथ साइबर ठगी और हाईटेक अपराध के चलते आम नागरिकों की सुरक्षा और डिजिटल विश्वास को मजबूत करने के उद्देश्य से योगी सरकार साइबर अपराध (Cyber Crime) के विरुद्ध सशक्त रणनीति के तहत लगातार ठोस कदम उठा रही है। इसी क्रम में साइबर क्राइम प्रशिक्षण पोर्टल के माध्यम से अब तक 84,705 पुलिस कर्मियों को प्रमाणित प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है, जिससे पुलिस बल को तकनीकी रूप से अधिक सक्षम बनाया गया है।
चरणबद्ध तरीके से साइबर अपराध (Cyber Crime) नियंत्रण का ढांचा किया मजबूत
विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित जवाब में सरकार ने साइबर ठगी (Cyber Crime) और हाईटेक अपराधों पर नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी। जवाब में बताया गया कि वर्ष 2017 से पूर्व उत्तर प्रदेश में केवल दो साइबर क्राइम थाने (लखनऊ और गौतमबुद्धनगर) ही कार्यरत थे।
साइबर अपराधों (Cyber Crime) की बढ़ती चुनौती को देखते हुए योगी सरकार ने चरणबद्ध तरीके से साइबर अपराध नियंत्रण का ढांचा मजबूत किया। इसके तहत 06 फरवरी 2020 को 16 परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम थानों तथा 14 दिसंबर 2023 को 57 जनपदीय साइबर क्राइम थानों की स्थापना की गई। साथ ही प्रदेश के सभी जनपदीय थानों में साइबर सेल का गठन कर प्रशिक्षित पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। वर्तमान में प्रदेश के सभी जनपदों में कुल 75 साइबर क्राइम थाने संचालित हो रहे हैं, जबकि प्रत्येक जनपदीय थाने में साइबर सेल भी सक्रिय है।
सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम
सरकार ने यह भी अवगत कराया कि साइबर अपराध (Cyber Crime) से बचाव के लिए अब तक 65,966 सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। वहीं, साइबर अपराध की त्वरित शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 की क्षमता 20 सीटों से बढ़ाकर 50 सीट कर दी गई है, जो 24×7 क्रियाशील है। सरकार के अनुसार, प्रशिक्षित पुलिस बल, मजबूत साइबर ढांचा और व्यापक जन-जागरूकता अभियान के माध्यम से प्रदेश में साइबर अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने की दिशा में लगातार प्रगति हो रही है।
