रेप केस में फरार MLA हरमीत सिंह भगोड़ा घोषित

रेप केस में फरार MLA हरमीत सिंह भगोड़ा घोषित

पंजाब के सनौर से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक हरमीत सिंह पठानमजरा ( Harmeet Singh) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पटियाला की एक अदालत ने पठानमजरा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया है। यह फैसला पठानमजरा के खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले में लगातार कोर्ट में पेश न होने की वजह से लिया गया है।
इसके साथ ही कोर्ट ने पुलिस और संबंधित विभागों को को विधायक हरमीत सिंह पठानमजरा ( Harmeet Singh) की चल और अचल संपत्तियों की लिस्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए गए। मामले की अगली सुनवाई 31 जनवरी को होगी। विधायक को 20 दिसंबर तक जिला अदालत में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया था, हालांकि वो कोर्ट में पेश नहीं हुए। इस बीच उन्होंने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई है, जिसका फैसला आना बाकी है।
पठानमाजरा ( Harmeet Singh) के खिलाफ FIR दर्ज
दरअसल एक महिला ने सितंबर 2025 में पटियाला के सिविल लाइन पुलिस स्टेशन में विधायक पठानमाजरा के खिलाफ बलात्कार, धोखाधड़ी और धमकी देने की धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया था। महिला का आरोप था कि पठानमाजरा ने अपनी पहली शादी के बारे में झूठ बोलकर उससे शादी की और उसका यौन उत्पीड़न किया।
इसके बाद जब पंजाब पुलिस उसे गिरफ्तार करने हरियाणा के करनाल पहुंची तो पुलिस से झड़प हुई, इस दौरान उनके समर्थकों ने पुलिस पर फायरिंग और पथराव किया। हंगामे के बीच पठानमाजरा फरार हो गए थे। इसके बाद पठानमाजरा सोशल मीडिया के जरिए ऑस्ट्रेलिया में नजर आए, जहां उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के पंजाबी चैनलों से बातचीत की। पठानमाजरा का दावा है कि उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया है।
विधायक पठानमाजरा ने कहा कि उन्हें इस मामले में इसलिए फंसाया गया है क्योंकि उन्होंने आम आदमी पार्टी की दिल्ली टीम के खिलाफ बयान दिए थे। उन्होंने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया। कोर्ट ने पहले उन्हें 12 नवंबर तक पेश होने का अल्टीमेटम दिया था और उनके आवास पर नोटिस भी चिपकाया गया था। हालांकि निर्धारित समय के अंदर पेश न होने के कारण , कोर्ट ने अब आगे की कानूनी प्रक्रिया को तेज कर दी है।
कौन है हरमीत सिंह पठानमाजरा ( Harmeet Singh) 
हरमीत सिंह पठानमाजरा ( Harmeet Singh) पटियाला स्थित सनौर से विधायक हैं। साल 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में उन्होंने काली दल के हरिंदर पाल सिंह चंदूमाजरा को करीब 50 हजार वोटों से हराया था। हालांकि उनका राजनीतिक सफर विवादास्पद रहा है। साल 1994 में अकाली दल से शुरुआत करने वाले हरमीत कई पार्टियों में रहे जिनमें मनप्रीत बादल की पार्टी, कांग्रेस, और पंजाब एकता पार्टी शामिल हैं। 2020 में वो AAP में शामिल हुए।