पौष पुत्रदा एकादशी व्रत पर न करें ये काम, दुर्भाग्य कर लेगा घर में एंट्री

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत पर न करें ये काम, दुर्भाग्य कर लेगा घर में एंट्री

हिंदू धर्म में एकादशी (Ekadashi) का व्रत बहुत ही पावन माना जाता है। हिंदू धर्म में एकदशी व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है। पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत किया जाता है। इस व्रत के नाम से स्पष्ट है कि ये व्रत संतान की कामना के लिए किया जाता है। साथ ही इस व्रत को रखने से जीवन में खुशहाली आती है। घर में धन धान्य बना रहता है।
पौष पुत्रदा एकादशी (Paush Putrda Ekadashi) का व्रत जितना फलदायी है, उतने ही इस व्रत के नियम कठिन हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि पौष पुत्रदा एकादशी के दिन पूजा से लेकर खाने पीने तक हर चीज नियम के अनुसार ही करनी चाहिए। अगर ये व्रत नियम के अनुसार नहीं किया जाता है, तो इसका फल प्राप्त नहीं होता है। इस दिन इन तीन चीजों का सेवन तो भूलकर भी नहीं करना चाहिए। अगर इस दिन इन तीन चीजों का सेवन किया जाता है, तो भगवान विष्णु नाराज हो सकते हैं।
पौष पुत्रदा एकादशी (Paush Putrda Ekadashi)  व्रत कब है?
पौष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 30 दिसंबर को सुबह में 6 बजकर 38 मिनट पर होगी। अगले दिन 31 दिसंबर को 4 बजकर 48 मिनट पर इस तिथि का समापन हो जाएगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस साल पौष पुत्रदा एकादशी (Paush Putrda Ekadashi) का व्रत 30 दिसंबर को रखा जाएगा।
पौष पुत्रदा एकादशी (Paush Putrda Ekadashi) के दिन न करें सेवन
– पौष पुत्रदा एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए। मान्यता है कि एकादशी के दिन जो चावल खाता है, उसको दोष लगता है।
– इस दिन मांस मंदिरा और अन्य तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन तामसिक चीजेंं खाने से भगवान विष्णु नाराज हो सकते हैं।
– तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय है। भगवान विष्णु को पूजा के समय तुलसी का भोग अवश्य लगाया जाता है। एकादशी के दिन तुलसी को छूना नहीं चाहिए और न ही इसके पत्ते तोड़ने चाहिए।