आज से करीब 6 दशक पहले भारत को उसकी पहली मिस इंडिया मेहर कैस्टेलिनो मिस्त्री (Meher Castelino) के रूप में मिली थीं। 81 साल की उम्र में मेहर ने दुनिया को अलविदा कह दिया है।
उनके निधन से फैशन जगत में शोक की लहर है और लोग उन्हें काफी मिस कर रहे हैं। एक लंबे समय तक उन्होंने फैशन के साथ ही लेखन की दुनिया में भी अपना नाम कमाया और देश-दुनिया की मॉडल्स को इंस्पायर किया। उनकी सफलता ने देशभर की महिलाओं को दिशा दिखाई और उनकी सक्सेस ही दूसरी मॉडल्स की सक्सेस का आधार बनीं। उन्होंने कई मैगजीन्स के लिए ना सिर्फ फोटोशूट्स कराए बल्कि आर्टिकल्स भी लिखे। मॉडल के चले जाने पर आइए उनके जीवन के ऐतिहासिक सफर पर प्रकाश डालते हैं।
16 की उम्र में की करियर की शुरुआत
मेहर कैस्टेलिनो मिस्त्री (Meher Castelino) का जन्म रिपोर्ट्स के मुताबिक 1946 को भारत के महाराष्ट्र में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक मॉडल के तौर पर 16 साल की उम्र में ही कर ली थी। वहीं रिपोर्ट्स की मानें तो 19-20 साल की उम्र में उन्होंने भारत को पहला मिस इंडिया का खिताब दिलवाया था। साल 1964 में उन्होंने पहली बार ये खिताब भारत को दिलवाया था जो अपने आप में एक इतिहास है। साथ ही इस साल ही उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी वैश्विक फैशन मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने यूनाइटेड स्टेट में हुए मिस यूनिवर्स 1964 में और स्पेन के मिस नेशन्स 1964 में भा भाग लिया था।
मेहर कैस्टेलिनो (Meher Castelino) किए 2000 से ज्यादा फैशन शोज
मेहर कैस्टेलिनो (Meher Castelino) की बात करें तो उनका करियर बहुत एक्स्पैंड रहा। 6 दशक से ज्यादा लंबे करियर के दौरान मेहर ने फैशन और एडिटोरियल की फील्ड में खूब नाम कमाया और लंबे वक्त तक अपना योगदान दिया। @fibre2fashion की रिपोर्ट्स की मानें तो मेहर ने अपने करियर में 2000 से भी ज्यादा लाइव शोज के लिए परफॉर्म किया और अपने ड्रेसिंग सेंस और ग्लैमर के जादू से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। चूंकि वे पहली मिस इंडिया थीं तो उन्होंने अपनी इस उप्लब्धि को अपना हथियार बनाकर बड़ी जिम्मेदारी का काम किया और लोगों को ताउम्र इंस्पायर किया। उन्होंने देश-विदेश के 130 के करीब नामी मैगजीन्स और न्यूजपेपर्स के लिए लेख लिखे। एक फुल टाइम फैशन जर्नलिस्ट के तौर पर उन्होंने अपना पहला आर्टिकल साल 1973 में लिखा था।
महिला होकर मैन्स फैशन पर लिखी किताब
मेहर कैस्टेलिनो (Meher Castelino) का नाम कई वजहों से याद रखा जाता है। जिस दौर में महिलाओं को उतनी आजादी नहीं थी और फैशन पर पाबंदियां थीं उस दौर में उन्होंने अपने फैशन सेंस से फैंस को ना सिर्फ इंप्रेस किया बल्कि लोगों के अंदर आत्मविश्वास जगाया। खासकर महिला वर्ग पर उनके व्यक्तित्व और लेखन की छाप बहुत गहरी गई थी। लेकिन ऐसी नहीं है कि उन्होंने सिर्फ महिलाओं को ही प्रेरित किया। इस क्रम में उन्होंने एक किताब भी लिखी थी। मैनस्टाइल के नाम से साल 1987 में उनकी किताब आई थी जो पुरुष के फैशन को लेकर लिखी गई एकमात्र किताब थी।
इसके बाद साल 1994 में उन्होंने Fashion Kaleidoscope के नाम से एक किताब लिखी थी। इसके अलावा उन्होंने विल्स इंडिया फैशन वीक के लिए ऑफिशियल फैशन राइटर के तौर पर काम किया। साथ ही उन्होंने इंडिया बीच फैशन वीक और मिंत्रा फैशन वीक, इंडिया इंटरनेशनल जूलरी वीक के लिए भी लिखा। उन्होंने साल 2006 से लैक्मे फैशन वीक के लिए लेख लिखने शुरू किए और अंत तक लिखती रहीं।
कई फैशन इंस्टिट्यूट में निभाया जज का रोल
कैस्टेलिनो (Meher Castelino) ने अपने करियर में कई टॉप फैशन इंस्टिट्यूट्स के लिए जज का रोल भी प्ले किया। साथ ही वे सीएमएआई और एपीक्स अवॉर्ड में भी कई सालों से जज के रोल में नजर आती रहीं। इसके अलावा देश में आयोजित होने वाले कुछ प्रमुख सेमिनार्स में भी उन्होंने फैशन और टेक्स्टाइल इंडस्ट्री पर स्पीचेज दीं जिन्हें काफी सराहा गया। यही नहीं वे पुणे के इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, मुंबई के विसलिंग वुड्स फैशन इंस्टिट्यूट और ले मार्क इंस्टिट्यूट ऑफ ऑर्ट एंड फैशन के लिए एडवाइजरी बोर्ड की मेंबर भी रहीं। आज वे जब इस दुनिया में नहीं हैं तो उनके सराहनीय कार्यों को याद किया जा रहा है।
नहीं रही पहली मिस इंडिया मेहर कैस्टेलिनो, 81 साल की उम्र में हुआ निधन
